लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व (Dudhwa Tiger Reserve) में बाघों की आबादी का आकलन अगले महीने 20 दिसंबर से शुरू होगा. बाघों की गणना का काम जो पहले 20 अक्टूबर से शुरू होना था, दुधवा में भारी बाढ़, बेमौसम बारिश और बनबसा बैराज से शारदा में अप्रत्याशित रूप से पानी छोड़े जाने के कारण स्थगित करना पड़ा था.
दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक का कहना है कि बाघों की आबादी के साथ-साथ जंगली हाथियों और अन्य मांसाहारी और खुर वाले जानवरों का पता लगाने के लिए अनुमान कार्य 20 दिसंबर से शुरू होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशा-निर्देशों के अनुसार मतगणना का काम दुधवा, किशनपुर, दुधवा बफर जोन, दक्षिण खीरी वन मंडल के मोहम्मदी और गोला रेंज, कतर्नियाघाट और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में एक साथ शुरू किया जाएगा.
दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि डेटा ऑपरेटरों का एक प्रशिक्षण सत्र 30 नवंबर को आयोजित होने वाला है, क्योंकि इस साल गिनती का काम एक डिजिटल प्लेटफॉर्म एनटीसीए-विकसित MSTRIPES ऐप पर किया जाएगा. इसमें फॉर्म की मैन्युअल फीडिंग नहीं होगी, जो पहले इस्तेमाल किए जाते थे.
फील्ड डायरेक्टर ने कहा कि डेटा फीडिंग की सटीकता और शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए मास्टर प्रशिक्षकों, 18 वन प्रभागों के 36 वन अधिकारियों का प्रशिक्षण छह दिसंबर और सात दिसंबर को दुधवा कतर्नियाघाट में आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ये मास्टर-ट्रेनर आकलन कार्य में सक्रिय रूप से लगे फील्ड स्टॉफ को प्रशिक्षण देंगे.
फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि आठ दिन तक चलने वाले मतगणना कार्य के लिए कैमरा, ट्रैप और फील्ड सर्वे के माध्यम से उपयुक्त स्थानों पर लगभग 2600 कैमरे लगाए जाएंगे. इनमें दुधवा और कतर्नियाघाट ब्लॉक की गिनती के लिए 1340 कैमरे और दूसरे ब्लॉक के लिए बाकी कैमरे शामिल हैं. उन्होंने बताया कि आठ दिनों तक मैदान पर आकलन कार्य जारी रहेगा. इस दौरान मांसाहारी, अनगुलेट, हाथियों की गिनती, जानवरों की विष्टा (PELLETS) और स्केट्स (SCATES) का सर्वेक्षण भी किया जाएगा.
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दुधवा टाइगर रिजर्व में इसके पहले हुई टाइगर इस्टीमेशन में 107 बाघ अभ्यारण्य में पाए गए थे. फील्ड डायरेक्टर कहते हैं कि दुधवा और अन्य हिस्सों में बाघों की अनुमानित आबादी तक पहुंचने के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) के विशेषज्ञों द्वारा क्षेत्र में एकत्र किए गए आंकड़ों का बाद में दूरस्थ सांख्यिकीय अध्ययन के माध्यम से विश्लेषण किया जाएगा. विशेष रूप से क्षेत्र में बाघों की चौथे चरण की गिनती हर साल आयोजित की जाती है, जबकि अन्य तीन चरणों जिसमें कैमरा ट्रैप का विश्लेषण, सांख्यिकीय डेटा का अध्ययन आदि शामिल है हर चौथे वर्ष देश भर में आयोजित किया जाता है.
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