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गोल्फर ज्योति रंधावा की जमानत टली, शिकार के आरोप में हुए थे गिरफ्तार

हाईकोर्ट ने गोल्फर ज्योति रंधावा की जमानत टाल दी है. 26 दिसंबर को दुधवा के कर्तनियाघाट में शिकार के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया था.

गोल्फर ज्योति रंधावा
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Published : Feb 6, 2019, 3:29 PM IST

लखीमपुर: दुधवा टाइगर रिजर्व के कर्तनियाघाट में शिकार और अवैध प्रवेश के आरोप में गिरफ्तार किए गए इंटरनेशनल गोल्फर ज्योति रंधावा की जमानत हाईकोर्ट में टल गई है. हाईकोर्ट में सुनवाई के पहले वन विभाग से डिटेल एफिडेविड फाइल करने के निर्देश दिए गए हैं.

न्यायमूर्ति मोहम्मद फैयाज आलम की अदालत में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद ज्योति की जमानत अगली तारीख तक टाल दी है. बता दें कि बीते साल 26 दिसंबर को दुधवा के कर्तनियाघाट वन्यजीव विहार में मोतीपुर रेंज में गश्ती दल ने गाड़ी और बंदूक के साथ जंगल से गोल्फर ज्योति रंधावा और उसके साथी कोर्ट मार्शल्ड नेवी के कैप्टन महेश विराजदार को गिरफ्तार किया था. कार में जंगली सुअर की खाल और जंगली मुर्गे का शव भी बरामद हुआ था.


इंटरनेशनल गोल्फर के रूप में पहचान होने के बाद ज्योति रंधावा को जिला अदालत से जमानत नहीं दी थी. इसके बाद जमानत के लिए ज्योति ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में जमानत याचिका दाखिल की थी. दुधवा प्रसाशन ने इस हाईप्रोफाइल मामले में वैज्ञानिक और तकनीकी जांचों की बदौलत अपना पक्ष रखा.

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ज्योति की बरामद बंदूक का विधि विज्ञान अनुसंधान प्रयोगशाला से जांच कराकर भी रिपॉर्ट हाईकोर्ट में दाखिल की. हाईकोर्ट ने वन विभाग को अगली तारीख तक डिटेल एफिडेविड देने को कहा है. इसके बाद जमानत पर विचार किया जाएगा.

दुधवा के फील्ड डायरेक्टर रमेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि जब्त बंदूक की बदली गई नली, डब्लूआईआई और आईवीआरआई से कराई गई बरामद वन्यजीवों और खाल की डीएनए जांच के आधार पर हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने से आरोपी को कोई राहत नहीं मिली है. विभाग केस की कड़ी पैरवी कर रहा है.

लखीमपुर: दुधवा टाइगर रिजर्व के कर्तनियाघाट में शिकार और अवैध प्रवेश के आरोप में गिरफ्तार किए गए इंटरनेशनल गोल्फर ज्योति रंधावा की जमानत हाईकोर्ट में टल गई है. हाईकोर्ट में सुनवाई के पहले वन विभाग से डिटेल एफिडेविड फाइल करने के निर्देश दिए गए हैं.

न्यायमूर्ति मोहम्मद फैयाज आलम की अदालत में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद ज्योति की जमानत अगली तारीख तक टाल दी है. बता दें कि बीते साल 26 दिसंबर को दुधवा के कर्तनियाघाट वन्यजीव विहार में मोतीपुर रेंज में गश्ती दल ने गाड़ी और बंदूक के साथ जंगल से गोल्फर ज्योति रंधावा और उसके साथी कोर्ट मार्शल्ड नेवी के कैप्टन महेश विराजदार को गिरफ्तार किया था. कार में जंगली सुअर की खाल और जंगली मुर्गे का शव भी बरामद हुआ था.


इंटरनेशनल गोल्फर के रूप में पहचान होने के बाद ज्योति रंधावा को जिला अदालत से जमानत नहीं दी थी. इसके बाद जमानत के लिए ज्योति ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में जमानत याचिका दाखिल की थी. दुधवा प्रसाशन ने इस हाईप्रोफाइल मामले में वैज्ञानिक और तकनीकी जांचों की बदौलत अपना पक्ष रखा.

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ज्योति की बरामद बंदूक का विधि विज्ञान अनुसंधान प्रयोगशाला से जांच कराकर भी रिपॉर्ट हाईकोर्ट में दाखिल की. हाईकोर्ट ने वन विभाग को अगली तारीख तक डिटेल एफिडेविड देने को कहा है. इसके बाद जमानत पर विचार किया जाएगा.

दुधवा के फील्ड डायरेक्टर रमेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि जब्त बंदूक की बदली गई नली, डब्लूआईआई और आईवीआरआई से कराई गई बरामद वन्यजीवों और खाल की डीएनए जांच के आधार पर हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने से आरोपी को कोई राहत नहीं मिली है. विभाग केस की कड़ी पैरवी कर रहा है.


गोल्फर और शूटर ज्योति रन्धावा की जमानत टली

लखीमपुर-दुधवा टाइगर रिजर्व के कर्तनियाघाट में शिकार और अवैध प्रवेश के आरोप में गिरफ्तार किए गए इंटरनेशनल गोल्फर और शूटर ज्योति रन्धावा की जमानत हाईकोर्ट में टल गई है। हाईकोर्ट में सुनवाई के पहले न्यायालय में वन विभाग से डिटेल एफिडेविड फाइल करने को कहा है। 

न्यायमूर्ति मोहम्मद फैयाज आलम की अदालत में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद ज्योति की जमानत अगली तारीख तक टाल दी है। 
गौरतलब है कि 26 दिसम्बर को दुधवा के कर्तनियाघाट वन्यजीव विहार में मोतीपुर रेंज में इसुजु गाड़ी और् बंदूक के साथ गश्ती दल ने जंगल से गोल्फर ज्योति रन्धावा और उसके एक साथी कोर्ट मार्शल्ड नेवी के कैप्टन महेश विराजदार को गिरफ्तार किया था। कार में जंगली सुअर की खाल और जंगली मुर्गे का शव बरामद हुआ था।
इंटरनेशनल गोल्फर के रूप में पहचान होने के बाद ज्योति रन्धावा को जिला अदालत से जमानत नहीं दी थी। इसके बाद जमानत के लिए ज्योति ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में जमानत याचिका दाखिल की थी।
दुधवा प्रसाशन ने इस हाईप्रोफाइल मामले में वैज्ञानिक और तकनीकी जांचों की बदौलत अपना पक्ष रखा। ज्योति की बरामद  बन्दूक का विधि विज्ञान अनुसंधान प्रयोगशाला से जांच कराकर भी रिपॉर्ट हाईकोर्ट में दाखिल की है। हाई कोर्ट ने वन विभाग को अगली तारीख तक डिटेल एफिडेविड देने को कहा है। इसके बाद जमानत पर विचार किया जाएगा।

दुधवा के फील्ड डायरेक्टर रमेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि जब्त बंदूक की बदली गई नली,डब्लूआईआई और आईवीआरआई से कराई गई बरामद वन्यजीवों और खाल की डीएनए जाँच के आधार पर हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने से आरोपी को कोई राहत नहीं मिली है। विभाग केस की कड़ी पैरवी कर रहा हैं। 

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प्रशान्त पाण्डेय

9984152598


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