लखीमपुर खीरी: 2014 में चुनाव के दौरान लोगों को पारितोषिक देने और सड़क जाम करने के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में बीजेपी के एमएलसी जितिन प्रसाद पर दर्ज मुकदमे में आज फैसले पर सुनवाई होनी है. गुरुवार को एमपी एमएलए कोर्ट में जितिन प्रसाद को पेश होना है. जितिन पर 2014 में सड़क जाम करने का एक मुकदमा दर्ज हुआ था. मुकदमें में आज फैसले पर सुनवाई होनी है.
एडीजीसी कौशल किशोर ने बताया कि आज कोर्ट में मामले पर फैसला आना है. वहीं, मामले में बहस पूरी हो चुकी है. जितिन प्रसाद के करीबी अधिवक्ता राजीव अग्निहोत्री ने बताया कि 2014 में मितौली में सड़क जाम का एक मुकदम दर्ज है. जिसमें सुनवाई होनी है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद पर मितौली में 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान कस्ता में पेट्रोल पंप पर भीड़ इकट्ठी करने और सड़क जाम का आरोप लगा था. चुनावी निषेधाज्ञा को तोड़ने और सड़क जाम समेत धारा 171 बी व ई और धारा 341 में जितिन प्रसाद पर मुकदमा दर्ज किया गया था.
मजिस्ट्रेट नरेश चन्द्र ने मुकदमा दर्ज कर आरोप लगाया था कि करीब 120 मोटरसाइकिलें और 45 कारों से काफिला लेकर जाम लगाया गया. ये मुकदमा एमपी एमएलए कोर्ट में एडीजी थर्ड की अदालत में चल रहा है और इसी पर आज अदालत में फाइनल सुनवाई होनी है. इसके लिए जितिन प्रसाद को अदालत में हाजिर रहना होगा.
क्या है धारा 341 ?
भारतीय दंड संहिता की धारा 341 के अनुसार, जो भी व्यक्ति किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकता है तो उसे किसी एक अवधि के लिए साधारण कारावास की सजा जो एक महीने तक हो सकती है या 500 रुपये का आर्थिक दंड या दोनों से दंडित किया जा सकता.
क्या है धारा 171 बी ?
भारतीय दंड संहिता की धारा 171 'B' के अनुसार, कोई व्यक्ति निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान किसी व्यक्ति को उसके निर्वाचक अधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्प्रेरित करने के उद्देश्य से नकद या वस्तु रूप में कोई परितोष देता है या लेता है तो वह एक वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनों से दण्डनीय होगा.
कांग्रेस के बड़े नेता और कई बार केंद्रीय मंत्री रहे जितिन प्रसाद ने पिछले साल बीजेपी का दामन थाम लिया था. जितिन प्रसाद 2 बार धौरहरा लोकसभा से सांसद बने और यूपीए सरकार में पेट्रोलियम, इस्पात और सड़क परिवहन राज्य मंत्री भी रहे.
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