लखीमपुर खीरीः तीन अक्टूबर को तिकुनिया में प्रदर्शनकारी किसानों पर थार चढ़ा कर चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या और करीब दर्जनभर किसानों को घायल करने के मामले में SIT ने सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. पांच हजार पन्नों की चार्जशीट लोहे के बक्से में अदालत लाई गई. चार्जशीट में 208 गवाहों ने गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के कारनामे का कच्चा चिट्ठा खोला है. केंद्रीय मंत्री के बेटे के साथ मंत्री के साले को भी घटना के साक्ष्य छिपाने का आरोपी बनाया है. SIT ने मौखिक और डॉक्यूमेंट्री साथियों के साथ साइंटिफिक साक्ष्य भी कोर्ट में दाखिल किए हैं. एसआईटी के सीजेएम कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने के साथ ही केस का ट्रायल शुरू हो गया है. केस की पहली सुनवाई 10 जनवरी को होगी. सीजेएम चिंताराम की अदालत में सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई पेशी के बाद सीजेएम ने अगली सुनवाई की तिथि 10 जनवरी तय की है.
इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज भी साक्ष्य के रूप में एसआईटी के विवेचक ने अदालत में पेश की. एसआईटी ने दाखिल की गई चार्जशीट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र की घटनास्थल पर मौजूदगी भी दिखाई है. यह भी दिखाया है कि मौके पर उनकी रायफल और रिवाल्वर से फायरिंग भी हुई. इसके अलावा अवैध तमंचे से भी फायरिंग की गई. यही नहीं मंत्री का बेटा भी गाड़ी में सवार था. चार्जशीट में एसआईटी ने 14 आरोपियों के साथ दो अन्य अभियुक्तों की तलाश करने की बात कही हैं. वहीं, अभी पूरे मामले की विवेचना प्रचलित रहेगी ये भी अदालत को बताया है. वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एसपी यादव कहते हैं कि 13 अभियुक्तों के साथ एक और अभियुक्त को साक्ष्य मिटाने के आरोप में प्रकाश में लाया गया है. अभी केस की विवेचना प्रचलित रहेगी. हमनें साइंटिफिक और भौतिक साक्ष्य पेश किए हैं.
तिकुनिया हिंसा मामले में एसआईटी की ओर से पहले गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी आशीष मिश्र मोनू, अंकित दास, नन्दन सिंह विष्ट, सत्यम त्रिपाठी, लतीफ काले, शेखर भारती, सुमित जायसवाल, आशीष पाण्डेय, लवकुश, शिशुपाल, मोहित त्रिवेदी, रिंकू राना, धर्मेंद्र बंजारा के साथ एक और आरोपी मंत्री के साले वीरेंद्र शुक्ला को आरोपी बनाया है.
एसआईटी ने चार्जशीट में 147 (बलवा), 148 (घातक हथियारों के साथ बलवा), 149 (एक राय और उद्देश्य से अपराध करना) , 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास, जानलेवा हमला), 326 (घातक हथियारों से गम्भीर चोट पहुंचाना) , 120B (साजिश) आईपीसी और 177 मोटर व्हीकिल एक्ट की धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई है.
इसके अतिरिक्त आरोपी सुमित जायसवाल पर अवैध असलहा रखने की धारा 3/25, मुख्य आरोपी आशीष मिश्र मोनू,अंकित दास, लतीफ उर्फ काले और सत्यम त्रिपाठी पर धारा 30 (लाइसेंसी असलहे का दुरुपयोग) और नन्दन सिंह विष्ट पर धारा 5/27 लगाई गई है. नन्दन सिंह पर आरोप है कि उसने मंत्री के बेटे आशीष मिश्र मोनू की लाइसेंसी रायफल का फायरिंग में उपयोग किया था. इसके अलावा तिकुनिया काण्ड में चार्जशीट में एसआईटी ने एक और आरोपी बनाया है. 14 वें आरोपी गृह राज्य मंत्री के साले वीरेंद्र शुक्ला पर धारा 201 (साक्ष्य मिटाने) लगी है.
एसआईटी ने अदालत में दाख़िल किए गए आरोप पत्र में कुल 208 गवाहों की गवाही पेश की है. तिकुनिया में किसानों को थार से कुचलने के 24 वीडियो और फोटो भी अदालत के सामने पेश किए हैं. घटना में मुख्य आरोपी गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र और उनके साथियों के चलाए गए असलहों के भौतिक साक्ष्य भी अदालत के सामने रखे हैं, जिसमें सात भौतिक साक्ष्य हैं.
इसमें रिवाल्वर रायफल, पिस्टल, रिपीटर गन और अवैध तमंचा भी शामिल हैं. दो खाली कारतूस भी मौका-ए वारदात से एसआईटी को मिले जो साक्ष्यों में शामिल किए गए हैं. एसआईटी ने 17 साइंटिफिक साक्ष्य जिसमें विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट, फॉरेंसिंक और बैलिस्टिक रिपोर्ट, मोबाइल लोकेशन और सीडीआर भी अदालत में दाखिल की है.
तिकुनिया में तीन अक्टूबर को ही चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मामले में एसआईटी ने चार्जशीट में एक नया खुलासा किया है. एसआईटी ने अदालत को बताया है कि घटना में सिर्फ थार, स्कॉर्पियो और फार्च्यूनर का ही प्रयोग नहीं किया गया था बल्कि एक और गाड़ी पुण्टो का भी प्रयोग किया गया था. एसआईटी ने पुण्टो गाड़ी का जिक्र भी आरोप पत्र में किया है.
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तिकुनिया हिंसा मामले में एसआईटी ने न केवल 208 गवाहों की गवाही से केस को मजबूत करने की कोशिश की है बल्कि अभियोजन की तरफ से साइंटिफिक और भौतिक राशियों के कॉकटेल का यूज भी खूब किया है. चार्जशीट में एसआईटी ने केस की कड़ी से कड़ी जोड़ने के लिए मोबाइल मोबाइल सर्विलांस से लेकर बैलेस्टिक रिपोर्ट विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट मौका-ए-वारदात पर मिले खोखा कारतूस, सुमित जायसवाल के पास से मिले अवैध तमंचा और घटनास्थल पर मंत्री के बेटे आशीष मिश्र की रायफल और रिवाल्वर से की गई फायरिंग के साइंटिफिक रिपोर्ट्स भी अदालत में दाखिल की हैं. अभियोजन का कहना है कि इन रिपोर्ट से केस मजबूत होगा.
अभियोजन ने दी अर्जी, लोकहित में न दिए जाएं दस्तावेज
तिकुनिया हिंसा मामले में अभियोजन ने सीजेएम कोर्ट में 173/6 CRPC में एप्लिकेशन दी है जिसमें अभियोजन ने अदालत से आग्रह किया है कि तिकुनिया केस में केस डायरी और अन्य दस्तावेज लोक हित में डिफेंस या अन्य किसी को न दिए जाएं. अदालत में विवेचक विद्याराम ने एप्लिकेशन दी है. कहा है कि केस से सम्बंधित दस्तावेज लोकहित में किसी को न दिए जाएं. एसपीओ एसपी यादव ने बताया कि ये यूपी में ऐसा पहली बार किया गया है.
बचाव के वकील बोले, कॉपी मिलने पर आगे बढ़ेंगे
इधर तिकुनिया हिंसा मामले में बचाव पक्ष के वकील अवधेश सिंह ने कहा है कि अदालत में अभियोजन की तरफ से दाखिल आरोप पत्र को देखने के बाद ही वह इस पूरे मामले पर कुछ बोलेंगे, उन्होंने कहा कि अदालत में चार्जशीट की कॉपी के लिए प्रार्थना पत्र डालेंगे उसके बाद आगे की कार्यवाई करेंगे.
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