लखीमपुर: तिकुनिया हिंसा मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद मारे गए किसानों के परिजनों ने कहा कि सरकार अब भी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बचा रही है.
आरोप पत्र में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे की घटनास्थल पर उपस्थिति और वारदात में शामिल होने को लेकर एसआईटी के अदालत में दाखिल किए गए साक्ष्यों पर लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसान नक्षत्र सिंह के बेटे जगदीप सिंह ने कहा कि सब दिखावा चल रहा है.
जगदीप ने कहा कि जब साफ तौर पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे की मौजूद होने के साक्ष्य वारदात स्थल पर मिले हैं. हमने अपने पिता को खो दिया है. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के मुंह से शोक संवेदना का एक शब्द अब तक नहीं निकला. वारदात के तीन महीने बाद भी उनका दो शब्द न बोलना ये दिखाता है कि सरकार मंत्री को बचा रही. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को इस्तीफा देना चाहिए.
पलिया के चौखड़ा फार्म निवासी किसान सतनाम सिंह ने तिकुनिया हिंसा में अपना 20 साल का बेटा खोया दिया था. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा का नाम तो चार्जशीट में होना चाहिए था. एसआईटी उल्टे किसानों को ही जेल भेज रही है. उनके बेटे की आत्मा को शांति तभी मिलेगी, जब केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को सजा मिलेगी. परिजनों का कहना है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को क्यों बचाया जा रहा है.
लखीमपुर हिंसा केस में उत्तर प्रदेश SIT ने चार्जशीट दाखिल कर दी. एसआईटी ने 5000 पन्ने की चार्जशीट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया. इतना ही नहीं एसआईटी के मुताबिक, आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद था.
एसआईटी ने अपनी जांच में लखीमपुर हिंसा में आशीष मिश्रा के असलहों से फायरिंग की पुष्टि की. आशीष मिश्रा की रिवॉल्वर और राइफल से भी फायरिंग हुई. एसआईटी ने चार्जशीट में आशीष मिश्रा और अंकित दास के लाइसेंसी असलहा से फायरिंग की बात कही. जबकि आशीष मिश्रा ने कहा था एक साल से उनके असलहों से कोई फायर ही नहीं किया गया. पुलिस ने बैलेस्टिक रिपोर्ट के आधार पर फायरिंग की पुष्टि की है.
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