लखीमपुर खीरी: मामला निघासन थाने की पढुआ चौकी इलाके का है. पढुआ चौकी पर पलटू राम नाम का एक व्यक्ति पुलिस वालों का व्यक्तिगत स्तर पर खाना बनाता है. शुक्रवार की रात चौकी स्टाफ ने मुर्गा खाने की पेशकश की, तो पलटूराम ने मुर्गा बनाया. चौकी के सिपाहियों और स्टाफ ने जमकर मीट खाया. दरअसला, मीट ज्यादा बन गया था, तो पलटूराम मुर्गे का मीट अपने घर लेकर चला गया. घर में भी कुछ लोगों ने मीट खाया, लेकिन मीट इतना ज्यादा था कि फिर भी बच गया.
शनिवार की सुबह पलटू राम के घर में सभी ने दोबारा वही बासी मुर्गे का मीट खा लिया. खाने के थोड़ी देर बाद परिवार वालों के पेट में दर्द होने लगी. कुछ लोगों को उल्टी और दस्त शुरू हो गई. आसपास के लोगों ने परिवार के लोगों को स्थानीय अस्पताल में दिखाया. फिर हालत गंभीर होने पर सभी को जिला अस्पताल लखीमपुर रेफर कर दिया गया. यहां पर पलटूराम की 11 साल की बेटी रोहिणी और 7 साल की मोहिनी की हालत नाजुक होने पर उन्हें लखनऊ रेफर किया गया. लखनऊ मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान बड़ी बेटी रोहिणी की मौत हो गई, जबकि मोहिनी की हालत कुछ ठीक है.
इधर पलटूराम उसकी पत्नी और तीन बच्चे जिला अस्पताल में इलाज न मिलने पर प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हो गए हैं. जहां उनकी हालत में सुधार बताया जा रहा है. वहीं एक बेटी की मौत से परिवार गमजदा है. सीएमओ मनोज अग्रवाल ने बताया कि भीषण गर्मी में बासी खाना बहुत जल्द खराब हो जाता. इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि बच्ची की मौत भी फूड प्वॉयजनिंग से ही हुई है.