लखीमपुर खीरीः उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रहे यशपाल चौधरी का निधन हो गया. कोरोना पॉजिटिव होने के बाद लखनऊ के गोमतीनगर में उनका इलाज एक प्राइवेट अस्पताल में हो रहा था. इसी दौरान उनका निधन हो गया. 60 साल के यशपाल चौधरी गांजर की धरती के समाजवादी सिपाही के तौर पर जाने जाते थे. उनके निधन से जिले के समाजवादी पार्टी से जुड़े नेता-कार्यकर्ता और उनके जानने वाले गमगीन हैं. सपा के राष्ट्रीय महासचिव रवि प्रकाश वर्मा ने कहा कि हमने अपना एक सच्चा समाजवादी सिपाही खो दिया. सपा के साथ-साथ जिले की सियासत में भी यशपाल चौधरी के निधन से शोक की लहर है. यशपाल चौधरी के साथी रहे वर्तमान में गोला से बीजेपी विधायक अरविंद गिरि ने कहा कि जिले ने एक हिम्मती और जुझारू नेता खो दिया.
यशपाल चौधरी का सियासी सफर
यशपाल चौधरी धौरहरा तहसील के ग्राम बेलवा मोती के रहने वाले थे. इनका सियासी सफर ब्लॉक प्रमुख धौरहरा से शुरू हुआ. इसके बाद गांजर कि धरती पर यशपाल चौधरी ने सियासी जमीन तैयार कर यूपी की सियासत तक अपना सफर तय किया. यूपी कैबिनेट में राज्य मंत्री बने. सपा-बसपा गठबंधन में यशपाल चौधरी धौरहरा विधानसभा से 1993 में पहला चुनाव जीते. जिसके बाद यूपी में सरकार बनी. लेकिन, अगला चुनाव वो हार गए. 2002 में दोबारा यशपाल चौधरी विधायकी जीत यूपी विधानसभा पहुंचे. जिसमें बसपा-भाजपा गठबंधन सरकार बनी. यशपाल विधायक बने रहे. 2003 में बसपा भाजपा में दरार पड़ गई. जिसकी वजह से सरकार गिर गई और यूपी में समाजवादी पार्टी ने सरकार बना ली. मुलायम सिंह के करीबी रहे यशपाल इसी कार्यकाल में लघु सिंचाई राज्य मंत्री बने. कुछ महीने बाद यशपाल चौधरी को मंत्री पद से हटाकर समाजवादी सरकार में पिछड़ा वित्त आयोग का अध्यक्ष बना दिया गया. जो दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री का पद होता है.
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यशपाल चौधरी के निधन पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, महासचिव रवि प्रकाश वर्मा ने शोक जताया है. वहीं एमएलसी शशांक यादव ने भी यशपाल चौधरी के निधन को जिले की सियासत के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया है.