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दुधवा टाइगर रिजर्व की जमीन कब्जा कर ट्रांसपोर्ट चलाने में पूर्व कांग्रेस विधायक को दो साल की सजा

लखीमपुर खीरी में एमपी-एमएलए कोर्ट ने दुधवा टाइगर रिजर्व की जमीन कब्जाने के मामले में पूर्व विधायक को सजा (Satish Ajmani sentenced) सुनाई है. इसके अलावा दो किराएदारों को भी दोषी करार दिया है.

लखीमपुर खीरी
लखीमपुर खीरी
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 6, 2023, 8:34 PM IST

लखीमपुर खीरी : कांग्रेस के पूर्व विधायक और एआईसीसी मेम्बर सतीश अजमानी को दुधवा टाइगर रिजर्व में जमीन कब्जाकर अनधिकृत रूप से ट्रांसपोर्ट चलाने के मामले में दो साल की सजा सुनाई गई. उन पर 20 हजार का जुर्माना भी एमपी-एमएलए कोर्ट ने लगाया है. सतीश अजमानी के दो किराएदारों को भी एक-एक वर्ष का कारावास और 10 हजार की सजा अदालत ने सुनाई गई है.

एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही थी सुनवाई : वन विभाग के अधिवक्ता संजय राय ने बताया कि 1997 को दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने सतीश अजमानी पर गौरीफंटा रेंज में टाइगर रिजर्व की जमीन को अनधिकृत रूप से कब्जा करके उस पर ट्रांसपोर्ट चलाने के आरोप में वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था. सतीश अजमानी के दो किराएदार मुन्नालाल और सुनील कुमार को भी आरोपी बनाया गया था. 2002 में अभियान के तहत सतीश अजमानी से दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने अनधिकृत कब्जे को हटा दिया था. इस पर एमपी-एमएलए कोर्ट में मुकदमे का ट्रायल चल रहा था.

अलग-अलग धाराओं में सुनाई गई सजा : एसीजेएम थर्ड मोना सिंह की अदालत ने सुनवाई करते हुए सतीश अजमानी को वन अधिनियम की धारा 28,35 और 51(1) में दो साल की सजा और 20 हजार का जुर्माना लगाया है. अदालत ने सतीश अजमानी को इसी मामले की दूसरी धारा में छह महीने की सजा और 15 दिन के कारावास के साथ 500 रुपए का जुर्माना लगाया है. वहीं 2/3A में 15 दिन का कारावास सुनाया है.

दो किराएदारों को भी सजा : एमपीएमएलए कोर्ट ने सतीश अजमानी की दुधवा में अनधिकृत जमीन पर कब्जे में दो किराएदारों मुन्नालाल और सुनील कुमार को 26(1D) फारेस्ट एक्ट में एक साल कारावास और 500 रुपए जुर्माना लगाया है. वहीं दोनों पर वन अधिनियम की धारा 28,35 और 52(1 में ) एक साल का कारावास की सजा और 10 हजार जुर्माना लगाया है. 2/3 फारेस्ट एक्ट में 15-15 दिन का कारावास भी मुन्नालाल और सुनील कुमार को सुनाया है.

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एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही थी सुनवाई : वन विभाग के अधिवक्ता संजय राय ने बताया कि 1997 को दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने सतीश अजमानी पर गौरीफंटा रेंज में टाइगर रिजर्व की जमीन को अनधिकृत रूप से कब्जा करके उस पर ट्रांसपोर्ट चलाने के आरोप में वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था. सतीश अजमानी के दो किराएदार मुन्नालाल और सुनील कुमार को भी आरोपी बनाया गया था. 2002 में अभियान के तहत सतीश अजमानी से दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने अनधिकृत कब्जे को हटा दिया था. इस पर एमपी-एमएलए कोर्ट में मुकदमे का ट्रायल चल रहा था.

अलग-अलग धाराओं में सुनाई गई सजा : एसीजेएम थर्ड मोना सिंह की अदालत ने सुनवाई करते हुए सतीश अजमानी को वन अधिनियम की धारा 28,35 और 51(1) में दो साल की सजा और 20 हजार का जुर्माना लगाया है. अदालत ने सतीश अजमानी को इसी मामले की दूसरी धारा में छह महीने की सजा और 15 दिन के कारावास के साथ 500 रुपए का जुर्माना लगाया है. वहीं 2/3A में 15 दिन का कारावास सुनाया है.

दो किराएदारों को भी सजा : एमपीएमएलए कोर्ट ने सतीश अजमानी की दुधवा में अनधिकृत जमीन पर कब्जे में दो किराएदारों मुन्नालाल और सुनील कुमार को 26(1D) फारेस्ट एक्ट में एक साल कारावास और 500 रुपए जुर्माना लगाया है. वहीं दोनों पर वन अधिनियम की धारा 28,35 और 52(1 में ) एक साल का कारावास की सजा और 10 हजार जुर्माना लगाया है. 2/3 फारेस्ट एक्ट में 15-15 दिन का कारावास भी मुन्नालाल और सुनील कुमार को सुनाया है.

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