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बकाया गन्ना भुगतान न करने पर बजाज चीनी मिल पलिया प्रबंधन पर एफआईआर - पलिया बजाज चीनी मिल

किसानों के लिए अच्छी खबर है. योगी सरकार का हंटर अब चीनी मिलों पर चलने लगा है. किसानों का भुगतान न करने और उनके खिलाफ षड्यंत्र रचने को लेकर कार्रवाई शुरू हो गई है. आज बजाज चीनी मिल पलिया के प्रबंध तंत्र पर एफआईआर दर्ज हो गई.

बजाज चीनी मिल पलिया
बजाज चीनी मिल पलिया
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Published : Nov 30, 2021, 1:06 PM IST

Updated : Nov 30, 2021, 1:24 PM IST

लखीमपुर खीरी: बजाज चीनी मिलों पर योगी सरकार का हंटर चलना शुरू हो गया है. जिले में बजाज चीनी मिल पलिया के प्रबंध तंत्र पर आखिरकार एफआईआर दर्ज हो गई. धोखाधड़ी, किसानों के खिलाफ षड्यंत्र करने, आवश्यक वस्तु अधिनियम 3/7 जैसी गंभीर धाराओं में चीनी मिल के अध्याशी प्रदीप सालार, फाइनेंस मैनेजर मनोज कुमार मिश्रा और महाप्रबंधक गन्ना सुनील कुमार ढींगरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है.

एफआईआर पलिया कोतवाली में भीरा केन सोसायटी के सचिव राजेश कुमार सिंह ने दर्ज कराई है. डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि मिल प्रबंधन को कई बार चेतावनी भी दी गई, नोटिस भी दी गई इसके बाद भी किसानों का बकाया भुगतान नहीं किया गया. इसके चलते मिल प्रबंधन पर एफआईआर कराई गई है.

एफआईआर में कहा गया है कि 2020-21 पेराई सत्र में बजाज हिंदुस्थान लिमिटेड गोला पलिया का पेराई सत्र 11 नवंबर 2020 को शुरू हुआ था. चीनी मिल ने 25 मार्च तक 120.60 लाख क्विंटल गन्ने की खरीद की. इसका मूल्य 38701.57 लाख रुपये हुआ. गन्ना मूल्य भुगतान करने के लिए जिलाधिकारी खीरी की अध्यक्षता में मिल के अधिकारियों के साथ कई बार बैठक की गई, निर्देश भी दिए गए और नोटिस भी जारी की गई. फिर भी चीनी मिल प्रबंधन ने किसानों का बकाया भुगतान नहीं किया. उप गन्ना आयुक्त की नोटिस के बाद 38701.57 के सापेक्ष 1299.38 लाख रुपये का भुगतान किया गया, जो 12 दिसंबर 2020 तक के खरीदे गन्ने का मूल्य ही हुआ.

पेराई सत्र 2020-21 में आयुक्त गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग उत्तर प्रदेश के संजयआर भूसरेड्डी ने भी 31 सितंबर को नोटिस जारी कर चीनी मिल प्रबंधन को नियमानुसार भुगतान करने के कड़े निर्देश दिए थे, लेकिन चीनी मिल प्रबंधकों ने भुगतान में कोई सहयोग नहीं किया और सुधार भी नहीं किया. चीनी मिल ने लगातार गन्ना मूल्य भुगतान न करके गन्ना किसानों के साथ धोखाधड़ी की है, जिससे मिल क्षेत्र के किसानों में चीनी मिल के प्रति रोष व्याप्त है और उनके द्वारा धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन कर गन्ना मूल्य भुगतान कराया. इसके कारण चीनी मिल पलिया संचालित भी नहीं हो पा रही है, जबकि चीनी मिल पलिया के अध्याशी ने 29 नवंबर से मिल संचालित करने का आश्वासन दिया था. इस कारण विभाग की छवि धूमिल करने के साथ-साथ कानून व्यवस्था की स्थिति भी लगातार बिगड़ती जा रही है.

यह भी पढ़ें : भ्रष्टाचार का पुल: बसपा शासन काल में बना कोलाघाट पुल का बड़ा हिस्सा भरभरा कर गिरा

गन्ना भुगतान न करके चीनी मिल प्रबंधन तंत्र ने गन्ना आपूर्ति एवं खरीद विनियमन अधिनियम 1953 की धारा 17 का उल्लंघन भी किया है, जो शुगर फैक्ट्री लाइसेंस 169 के खंड 3 के साथ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है. भीरा के सचिव राजेश कुमार सिंह ने अपनी एफआईआर में लिखा है कि किसानों का पेमेंट न करने के चलते बजाज हिंदुस्थान शुगर लिमिटेड पलिया कला के अध्यक्ष प्रदीप सालार, वित्त प्रबंधक मनोज कुमार मिश्रा और महाप्रबंधक गन्ना सुनील कुमार ढींगरा के विरुद्ध गन्ना मूल्य भुगतान कर कृषकों के साथ विश्वासघात एवं धोखाधड़ी करने तथा आर्थिक शोषण करने, गन्ना मूल्य भुगतान न कर किसानों में असंतोष को बढ़ावा देने आज के संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420, 120 बी उत्तर प्रदेश आवश्यक वस्तु अधिनियम और कैन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाए.

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लखीमपुर खीरी: बजाज चीनी मिलों पर योगी सरकार का हंटर चलना शुरू हो गया है. जिले में बजाज चीनी मिल पलिया के प्रबंध तंत्र पर आखिरकार एफआईआर दर्ज हो गई. धोखाधड़ी, किसानों के खिलाफ षड्यंत्र करने, आवश्यक वस्तु अधिनियम 3/7 जैसी गंभीर धाराओं में चीनी मिल के अध्याशी प्रदीप सालार, फाइनेंस मैनेजर मनोज कुमार मिश्रा और महाप्रबंधक गन्ना सुनील कुमार ढींगरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है.

एफआईआर पलिया कोतवाली में भीरा केन सोसायटी के सचिव राजेश कुमार सिंह ने दर्ज कराई है. डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि मिल प्रबंधन को कई बार चेतावनी भी दी गई, नोटिस भी दी गई इसके बाद भी किसानों का बकाया भुगतान नहीं किया गया. इसके चलते मिल प्रबंधन पर एफआईआर कराई गई है.

एफआईआर में कहा गया है कि 2020-21 पेराई सत्र में बजाज हिंदुस्थान लिमिटेड गोला पलिया का पेराई सत्र 11 नवंबर 2020 को शुरू हुआ था. चीनी मिल ने 25 मार्च तक 120.60 लाख क्विंटल गन्ने की खरीद की. इसका मूल्य 38701.57 लाख रुपये हुआ. गन्ना मूल्य भुगतान करने के लिए जिलाधिकारी खीरी की अध्यक्षता में मिल के अधिकारियों के साथ कई बार बैठक की गई, निर्देश भी दिए गए और नोटिस भी जारी की गई. फिर भी चीनी मिल प्रबंधन ने किसानों का बकाया भुगतान नहीं किया. उप गन्ना आयुक्त की नोटिस के बाद 38701.57 के सापेक्ष 1299.38 लाख रुपये का भुगतान किया गया, जो 12 दिसंबर 2020 तक के खरीदे गन्ने का मूल्य ही हुआ.

पेराई सत्र 2020-21 में आयुक्त गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग उत्तर प्रदेश के संजयआर भूसरेड्डी ने भी 31 सितंबर को नोटिस जारी कर चीनी मिल प्रबंधन को नियमानुसार भुगतान करने के कड़े निर्देश दिए थे, लेकिन चीनी मिल प्रबंधकों ने भुगतान में कोई सहयोग नहीं किया और सुधार भी नहीं किया. चीनी मिल ने लगातार गन्ना मूल्य भुगतान न करके गन्ना किसानों के साथ धोखाधड़ी की है, जिससे मिल क्षेत्र के किसानों में चीनी मिल के प्रति रोष व्याप्त है और उनके द्वारा धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन कर गन्ना मूल्य भुगतान कराया. इसके कारण चीनी मिल पलिया संचालित भी नहीं हो पा रही है, जबकि चीनी मिल पलिया के अध्याशी ने 29 नवंबर से मिल संचालित करने का आश्वासन दिया था. इस कारण विभाग की छवि धूमिल करने के साथ-साथ कानून व्यवस्था की स्थिति भी लगातार बिगड़ती जा रही है.

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गन्ना भुगतान न करके चीनी मिल प्रबंधन तंत्र ने गन्ना आपूर्ति एवं खरीद विनियमन अधिनियम 1953 की धारा 17 का उल्लंघन भी किया है, जो शुगर फैक्ट्री लाइसेंस 169 के खंड 3 के साथ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है. भीरा के सचिव राजेश कुमार सिंह ने अपनी एफआईआर में लिखा है कि किसानों का पेमेंट न करने के चलते बजाज हिंदुस्थान शुगर लिमिटेड पलिया कला के अध्यक्ष प्रदीप सालार, वित्त प्रबंधक मनोज कुमार मिश्रा और महाप्रबंधक गन्ना सुनील कुमार ढींगरा के विरुद्ध गन्ना मूल्य भुगतान कर कृषकों के साथ विश्वासघात एवं धोखाधड़ी करने तथा आर्थिक शोषण करने, गन्ना मूल्य भुगतान न कर किसानों में असंतोष को बढ़ावा देने आज के संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420, 120 बी उत्तर प्रदेश आवश्यक वस्तु अधिनियम और कैन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाए.

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Last Updated : Nov 30, 2021, 1:24 PM IST
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