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लखीमपुर खीरी: तय MSP के हिसाब से नहीं मिल रहा धान का दाम, किसान निराश

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Published : Oct 6, 2020, 10:49 PM IST

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एमएसपी का असर मंडियों पर नहीं दिखाई दे रहा है. मंगलवार को मंडी बेचने पहुंचे किसानों को तय एमएसपी से करीब 700 रुपये प्रति कुंतल कम दाम में धान बेचना पड़ा. दरअसल सरकार ने सामान्य धान का एमएसपी 1,868 और धान ग्रेड-1 का 1,888 रुपये तय किया है, लेकिन किसानों को महज 1,100 रुपये के आसपास ही दाम मिले.

lakhimpur kheri news
एमएसपी से कम दाम में किसान बेंच रहे धान.

लखीमपुर खीरी: यूपी में सरकारी धान खरीद सरकारी स्पीड से ही चल रही है. 6 दिन बीतने के बाद भी खरीद में तेजी नहीं दिख रही है. कृषि बिल आने के बाद सरकार का किसानों पर विश्वास हासिल करने का ये पहला पड़ाव है, लेकिन किसानों को इस बार पिछली बार से भी कम कीमत पर धान बेंचने को मजबूर होना पड़ रहा. सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,868 रुपये कुंतल तय किया है. धीमी रफ्तार से चल रही सरकारी धान खरीद के चलते किसान बाजार में 1,100 से 1300 तक रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से अपनी फसल बेंच रहे हैं.

एमएसपी से कम दाम में किसान बेंच रहे धान.

किसान बोले सरकार कागजों में कर लेगी खरीद
लखीमपुर मंडी समिति में धान बेंचने आए युवा किसान हरजिंदर सिंह ने बताया कि सरकारी केंद्रों पर क्या और कैसे बेंचे. हमारे इलाके में जो सेंटर हैं वो फसल की खरीद नहीं करते. मजबूरी में वो आढ़ती को धान 1,160 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से बेंचा है. एमएसपी पर बेंचने के सवाल पर तल्खी भरे लहजे में हरजिंदर सिंह ने कहा कि एमएसपी का असर जमीन पर नहीं दिखाई दे रहा है.


यूपी सरकार ने धान सामान्य का एमएसपी 1,868 और धान ग्रेड-1 का 1,888 रुपये तय किया है. सरकारी खरीद की आस में लखीमपुर मंडी पर आए किसान थक हारकर आढ़ती को 1,100 के आसपास दामों में धान बेंच रहे हैं. इस लिहाज से एमएसपी और मंडी पर मिलने वाले दाम में करीब 700 रुपये का अंतर है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. अगर मॉइश्चर जोड़ लिया जाए तब भी 400 से 500 रुपये कुन्तल घाटा उठाना पड़ रहा है.


खीरी जिले में करीब दर्जनभर सरकारी एजेंसियों को धान खरीद के लिए 149 क्रय केंद्र खोलने हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में अभी केंद्र खुल नहीं पाए हैं. मंडी समिति में खरीद केंद्र वाले केंद्र खोल कर औपचारिकता भर कर रहे.

यूपी में 55 लाख मीट्रिक टन है सरकारी खरीद लक्ष्य
यूपी सरकार ने 2020-21के लिए सरकारी धान खरीद का लक्ष्य 55 लाख मीट्रिक टन रखा है, जबकि यूपी में धान का अनुमानित उत्पादन 160 लाख मीट्रिक टन है. यूपी सरकार अपने विज्ञापनों में टैग लाइन लिख रही कि न्यूनतम समर्थन मूल्य सभी किसानों का अधिकार है, लेकिन बड़ा सवाल ये है की जब खरीद लक्ष्य 55 लाख मीट्रिक टन है तो बाकी धान की खरीद एमएसपी पर कैसे होगी? और हर किसान को समर्थन मूल्य का अधिकार कैसे मिलेगा? डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह कहते हैं कि सरकारी क्रय केंद्रों के प्रभारियों को सभी केंद्र खोलने के आदेश दिए गए हैं. ज्यादातर केंद्र खुल भी गए. सभी व्यवस्थाए केंद्रों पर कर दी गई हैं. अभी धान में मॉइस्चर की समस्या आ रही. जल्द खरीद पटरी पर आ जाएगी.

लखीमपुर खीरी: यूपी में सरकारी धान खरीद सरकारी स्पीड से ही चल रही है. 6 दिन बीतने के बाद भी खरीद में तेजी नहीं दिख रही है. कृषि बिल आने के बाद सरकार का किसानों पर विश्वास हासिल करने का ये पहला पड़ाव है, लेकिन किसानों को इस बार पिछली बार से भी कम कीमत पर धान बेंचने को मजबूर होना पड़ रहा. सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,868 रुपये कुंतल तय किया है. धीमी रफ्तार से चल रही सरकारी धान खरीद के चलते किसान बाजार में 1,100 से 1300 तक रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से अपनी फसल बेंच रहे हैं.

एमएसपी से कम दाम में किसान बेंच रहे धान.

किसान बोले सरकार कागजों में कर लेगी खरीद
लखीमपुर मंडी समिति में धान बेंचने आए युवा किसान हरजिंदर सिंह ने बताया कि सरकारी केंद्रों पर क्या और कैसे बेंचे. हमारे इलाके में जो सेंटर हैं वो फसल की खरीद नहीं करते. मजबूरी में वो आढ़ती को धान 1,160 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से बेंचा है. एमएसपी पर बेंचने के सवाल पर तल्खी भरे लहजे में हरजिंदर सिंह ने कहा कि एमएसपी का असर जमीन पर नहीं दिखाई दे रहा है.


यूपी सरकार ने धान सामान्य का एमएसपी 1,868 और धान ग्रेड-1 का 1,888 रुपये तय किया है. सरकारी खरीद की आस में लखीमपुर मंडी पर आए किसान थक हारकर आढ़ती को 1,100 के आसपास दामों में धान बेंच रहे हैं. इस लिहाज से एमएसपी और मंडी पर मिलने वाले दाम में करीब 700 रुपये का अंतर है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. अगर मॉइश्चर जोड़ लिया जाए तब भी 400 से 500 रुपये कुन्तल घाटा उठाना पड़ रहा है.


खीरी जिले में करीब दर्जनभर सरकारी एजेंसियों को धान खरीद के लिए 149 क्रय केंद्र खोलने हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में अभी केंद्र खुल नहीं पाए हैं. मंडी समिति में खरीद केंद्र वाले केंद्र खोल कर औपचारिकता भर कर रहे.

यूपी में 55 लाख मीट्रिक टन है सरकारी खरीद लक्ष्य
यूपी सरकार ने 2020-21के लिए सरकारी धान खरीद का लक्ष्य 55 लाख मीट्रिक टन रखा है, जबकि यूपी में धान का अनुमानित उत्पादन 160 लाख मीट्रिक टन है. यूपी सरकार अपने विज्ञापनों में टैग लाइन लिख रही कि न्यूनतम समर्थन मूल्य सभी किसानों का अधिकार है, लेकिन बड़ा सवाल ये है की जब खरीद लक्ष्य 55 लाख मीट्रिक टन है तो बाकी धान की खरीद एमएसपी पर कैसे होगी? और हर किसान को समर्थन मूल्य का अधिकार कैसे मिलेगा? डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह कहते हैं कि सरकारी क्रय केंद्रों के प्रभारियों को सभी केंद्र खोलने के आदेश दिए गए हैं. ज्यादातर केंद्र खुल भी गए. सभी व्यवस्थाए केंद्रों पर कर दी गई हैं. अभी धान में मॉइस्चर की समस्या आ रही. जल्द खरीद पटरी पर आ जाएगी.

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