लखीमपुर: यूपी में किसानों से सरकार ने धान तो खरीद लिया पर दो महीने बाद भी किसान भुगतान के लिए भटक रहे हैं. किसानों के धान भुगतान पर सरकारी अफसरों का न तो सत्यापन हो पा रहा और न किसानों को भुगतान मिल पा रहा है. इसके कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि सत्यापन के लिए बार-बार दौड़ाया जा रहा है. अफसर कह रहे हैं कि बिना सत्यापन भुगतान नहीं होगा.
- यूपी में सरकारी धान खरीद के लिए इस बार ऑनलाइन व्यवस्था की गई थी.
- किसानों को पहले पोर्टल पर जाकर बिक्री के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना था.
- सत्यापन और खरीद के आनन-फानन में खरीद एजेंसी और मिलों की मिलीभगत से धान खरीद कर ली गई.
- सरकारी क्रय केंद्रों पर तो इक्का-दुक्का किसानों की ही खरीद हुई, पर कागजों पर आधा धान का लक्ष्य पा लिया गया.
- किसान अब कभी एडीएम तो कभी डीएम के दफ्तर जा रहे हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
- फूलबेहड़ इलाके के किसान वीरेंद्र कुमार रामनगर खुर्द गांव के रहने वाले हैं.
- 50 क्विंटल धान अलीगंज सेंटर पर बेचा था. दो महीने हो गए, धान का भुगतान नहीं हुआ.
- अब सत्यापन के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं, लेकिन सत्यापन हो नहीं पा रहा.
- धान खरीद की व्यवस्था सरकार ने यह की थी कि सरकारी क्रय केंद्र पर धान खरीदा जाना था.
- उसके बाद यह धान राइस मिलर्स के यहां जाता है.
- धान की कुटाई होती है, फिर यह चावल एफसीआई गोदाम भेजा जाता है.
- क्रय केंद्रों पर तो धान खरीदा नहीं गया, सीधे मिल मालिकों के यहां किसानों को भेजकर थान खरीद करा दी गई.