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लखीमपुर खीरीः बाघ का यहां चल रहा 'राज', अब उसे खदेड़ेंगे गजराज - लखीमपुर खीरी में आए हिंसक बाघ को खदेड़ेगा वन विभाग

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में लोग एक हिंसक बाघ से परेशान हैं. खूंखार बाघ 20 दिनों में तीन लोगों को निवाला बना चुका है. अब वन विभाग ने उसे वापस जंगल में खदेड़ने की तैयारी कर ली है. इसके लिए दो हाथी लाए गए हैं.

कैमरे में दिखा बाघ.
कैमरे में दिखा बाघ.
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Published : Nov 8, 2020, 5:06 PM IST

लखीमपुर खीरीः उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में दुधवा टाइगर रिजर्व के पास तीन लोगों को अपना निवाला बना चुके खूंखार बाघ को वन विभाग खदेड़ने की तैयारी कर रहा है. दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने दो हाथियों को इस बाघ की घेराबंदी के लिए भेजा है. यह बाघ को ट्रैक कर उसे जंगल में खदेड़ेंगे. दुधवा बफर जोन के डीडी डॉ. अनिल पटेल ने बताया कि वे बाघ के व्यवहार का अध्ययन कर रहे हैं. उस इलाके में बाघ के हमले से 20 दिनों में तीन लोगों की मौत हुई है. इसलिए बाघ को पकड़ना या उसे जंगल में खदेड़ना ठीक रहेगा.

गन्ने के खेतों में छिपता है, कैमरे से मिलीं तस्वीरें

दुधवा टाइगर रिजर्व के कर्तनियाघाट जंगल से निकलकर एक बाघ तिकोनिया इलाके के मजरा पूरब स्टेशन के आसपास घूम रहा है. इस बाघ को स्थानीय लोगों ने कई बार सड़क के किनारे और जंगल किनारे देखा है. इस इलाके में मुहाना नदी और गन्ने के बड़े-बड़े खेत होने की वजह से बाघ को छुपने के आसानी जाती है. मजरा पूरब इलाके में पिछले एक महीने में बाघ के हमलों में तीन लोगों की मौत हो चुकी है. माना यह जा रहा है कि यह तीनों ही मौत इस बाघ की वजह से हुई हैं. दुधवा टाइगर रिजर्व बफर जोन के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. अनिल कुमार पटेल ने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ से उस इलाके में कैमरा लगा कर बाघ की तस्वीरें निकलवाई हैं. इसके बाद निर्णय लिया गया है कि बाघ को जंगल के इलाके से खदेड़ा जाए. बाघ ने अगर इलाका नहीं छोड़ा तो उसको पकड़ने पर भी विचार किया जाए. दुधवा टाइगर रिजर्व से दो हाथियों को फिलहाल मझरा पूरब इलाके में भेजा गया है. इन हाथियों ने वहां पहुंचकर कांबिंग शुरू कर दी है. दुधवा टाइगर रिजर्व की बाघ ट्रैकिंग टीम भी मजरा इलाके में पहुंच गई है. यह हाथियों के साथ मिलकर बाघ की लोकेशन का पता लगाने में जुटी हुई हैं.

सतर्क होकर निकलें लोग
दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं यह इलाका जंगल से सटा हुआ है और कतर्नियाघाट सेंचुरी से भी लगा हुआ है। बंधा रोड के आसपास पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और बाघ के छुपने के लिए अच्छा हैबिटेट. शायद इसीलिए जंगल छोड़कर बाघ उस इलाके में आया है. जानवर चराने गए लोगों पर इसने हमला भी किया है. जिससे तीन लोगों की मौत हो चुकी हैं. बाघ को लोकेट करने के लिए हाथियों को भेजा गया है. जल्द ही यह एक्सपर्ट टीम बाघ को लोकेट कर खदेड़ेगी. यदि बात नहीं बनी तो बाघ को ट्रेंकुलाइज करने पर भी विचार किया जाएगा. उन्होंने लोगों से अपील की कि वह इस इलाके से सतर्क होकर निकलें. अकेले न निकलें और गन्ने की कटाई या जंगली इलाके में जाएं तो शोर मचाते हुए जाएं और अकेले ना जाएं.

लखीमपुर खीरीः उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में दुधवा टाइगर रिजर्व के पास तीन लोगों को अपना निवाला बना चुके खूंखार बाघ को वन विभाग खदेड़ने की तैयारी कर रहा है. दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने दो हाथियों को इस बाघ की घेराबंदी के लिए भेजा है. यह बाघ को ट्रैक कर उसे जंगल में खदेड़ेंगे. दुधवा बफर जोन के डीडी डॉ. अनिल पटेल ने बताया कि वे बाघ के व्यवहार का अध्ययन कर रहे हैं. उस इलाके में बाघ के हमले से 20 दिनों में तीन लोगों की मौत हुई है. इसलिए बाघ को पकड़ना या उसे जंगल में खदेड़ना ठीक रहेगा.

गन्ने के खेतों में छिपता है, कैमरे से मिलीं तस्वीरें

दुधवा टाइगर रिजर्व के कर्तनियाघाट जंगल से निकलकर एक बाघ तिकोनिया इलाके के मजरा पूरब स्टेशन के आसपास घूम रहा है. इस बाघ को स्थानीय लोगों ने कई बार सड़क के किनारे और जंगल किनारे देखा है. इस इलाके में मुहाना नदी और गन्ने के बड़े-बड़े खेत होने की वजह से बाघ को छुपने के आसानी जाती है. मजरा पूरब इलाके में पिछले एक महीने में बाघ के हमलों में तीन लोगों की मौत हो चुकी है. माना यह जा रहा है कि यह तीनों ही मौत इस बाघ की वजह से हुई हैं. दुधवा टाइगर रिजर्व बफर जोन के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. अनिल कुमार पटेल ने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ से उस इलाके में कैमरा लगा कर बाघ की तस्वीरें निकलवाई हैं. इसके बाद निर्णय लिया गया है कि बाघ को जंगल के इलाके से खदेड़ा जाए. बाघ ने अगर इलाका नहीं छोड़ा तो उसको पकड़ने पर भी विचार किया जाए. दुधवा टाइगर रिजर्व से दो हाथियों को फिलहाल मझरा पूरब इलाके में भेजा गया है. इन हाथियों ने वहां पहुंचकर कांबिंग शुरू कर दी है. दुधवा टाइगर रिजर्व की बाघ ट्रैकिंग टीम भी मजरा इलाके में पहुंच गई है. यह हाथियों के साथ मिलकर बाघ की लोकेशन का पता लगाने में जुटी हुई हैं.

सतर्क होकर निकलें लोग
दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं यह इलाका जंगल से सटा हुआ है और कतर्नियाघाट सेंचुरी से भी लगा हुआ है। बंधा रोड के आसपास पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और बाघ के छुपने के लिए अच्छा हैबिटेट. शायद इसीलिए जंगल छोड़कर बाघ उस इलाके में आया है. जानवर चराने गए लोगों पर इसने हमला भी किया है. जिससे तीन लोगों की मौत हो चुकी हैं. बाघ को लोकेट करने के लिए हाथियों को भेजा गया है. जल्द ही यह एक्सपर्ट टीम बाघ को लोकेट कर खदेड़ेगी. यदि बात नहीं बनी तो बाघ को ट्रेंकुलाइज करने पर भी विचार किया जाएगा. उन्होंने लोगों से अपील की कि वह इस इलाके से सतर्क होकर निकलें. अकेले न निकलें और गन्ने की कटाई या जंगली इलाके में जाएं तो शोर मचाते हुए जाएं और अकेले ना जाएं.

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