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एक नवंबर से नहीं खुलेंगे दुधवा के द्वार, सैलानियों को करना पड़ेगा इंतजार

लखीमपुर खीरी का दुधवा नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व अब एक नवंबर से नहीं खुलेगा. बेमौसम की बरसात और बाढ़ ने दुधवा में पर्यटन सत्र शुरू करने की व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया है.

एक नवंबर से नहीं खुलेंगे दुधवा के द्वार.
एक नवंबर से नहीं खुलेंगे दुधवा के द्वार.
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Published : Oct 29, 2021, 12:09 PM IST

Updated : Oct 29, 2021, 1:07 PM IST

लखीमपुर खीरी: दुधवा नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व अब एक नवंबर से नहीं खुलेगा. बेमौसम की बरसात और बाढ़ ने दुधवा में पर्यटन सत्र शुरू करने की व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया है. इसके चलते अभी न दुधवा की सड़कें बन पाई हैं और न ही यात्री सुविधाओं की व्यवस्था का उपाय हो पाया है. सबसे बड़ी बात है कि दुधवा पहुंचने के सभी रास्ते ही अभी तक नहीं खुल पाए हैं. हाईवे तक बाढ़ में बह गए हैं.

दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं कि अभी व्यवस्थाएं ठीक करने में कम से कम 10 से 15 दिन तो जरूर लग जाएंगे. हम बराबर स्थिति पर निगरानी रखे हैं, लेकिन अभी हालात हमें पर्यटन सत्र शुरू करने की इजाजत नहीं दे रहे हैं. दुधवा के कच्चे रोड भी कट गए हैं, पुल बह गए हैं. बाढ़ ने जंगल का भी काफी नुकसान किया है. ऐसे में एक नवम्बर से तो पार्क बिल्कुल ही नहीं खुल पाएगा.

बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त सड़कें.
बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त सड़कें.

गौरतलब है कि पिछले दो सालों से दुधवा टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र 15 दिन पहले से शुरू होने लगा था. टूर ऑपरेटर्स की भी बड़ी मांग थी कि दुधवा में पर्यटन सत्र थोड़ा पहले शुरू हो. मध्य प्रदेश हो या महाराष्ट्र समेत अन्य प्रदेशों में पर्यटक सुविधाएं जल्दी शुरू हो जाती है. वहां पर्यटन व्यवसाय काफी है. लोकल लोगों की भी इससे इनकम बढ़ती है, पर यूपी के दुधवा टाइगर रिजर्व में हमेशा से 14 नवंबर से ही मानसून के बाद पर्यटन सत्र शुरू होता था.

बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त सड़कें.
बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त सड़कें.

2020 में यूपी सरकार और और इको टूरिज्म और वन विभाग ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया था और दुधवा टाइगर रिजर्व को 15 दिन पहले यानी एक नवंबर से खोलना शुरू कर दिया था. एक बार भी दुधवा टाइगर रिजर्व को एक नवंबर से खोलना था, पर 19 अक्टूबर को बनबसा बैराज से शारदा नदी में 5.47 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बाढ़ का पानी आ जाने से जंगल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. बाढ़ आने से जंगल की सड़कें और व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई है. जंगल के अंदर के कच्चे रास्ते बाढ़ की वजह से कट गए हैं. कई रेंजों में लकड़ी के बने पुल तक बह गए हैं.

शावकों के साथ बाघिन.
शावकों के साथ बाघिन.

इधर दुधवा टाइगर रिजर्व को लखनऊ और दिल्ली से जोड़ने वाला मुख्य सड़क मार्ग एनएच 731 भी बाढ़ की चपेट में आकर कई किलोमीटर तक क्षतिग्रस्त हो गया है. भीरा के बाद पलिया तक करीब 15 किलोमीटर में कई जगह एनएच बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त हुआ है, जिसकी वजह से पलिया में बड़े वाहनों का आना-जाना भी अभी शुरू नहीं हो पाया है.

दुधवा के नए उपनिदेशक कैलाश प्रकाश कहते हैं, फिलहाल एक नवम्बर से तो बिल्कुल नहीं. बाढ़ में सड़कों का कींचड़ ही अभी नहीं खत्म हो पाया, हमारी मीटिंग होनी है. अभी नई डेट तय नहींस है, अगर व्यवस्थाएं ठीक हुईं तो हम जल्द खोलने की कोशिश करेंगे.

हाथियों का झुंड.
हाथियों का झुंड.

होटल और रिजॉर्ट मालिक निराश
दुधवा टाइगर रिजर्व में आई बाढ़ ने होटल और रिजॉर्ट व्यवसाय को भी तगड़ा झटका दिया है. 1 नवंबर से दुधवा खुलने का इंतजार में तैयारी कर रहे रिजॉर्ट मालिक और होटल मालिकों को बाढ़ की वजह से सभी बुकिंग कैंसिल करनी पड़ गई हैं.

इसे भी पढ़ें-लखीमपुर खीरी: बाढ़ के कारण एक नवम्बर से दुधवा टाइगर रिजर्व खुलने पर संशय

बाघ को देखते पर्यटक .
बाघ को देखते पर्यटक .

पलिया में होटल रूपम के मालिक उमेश गुप्ता कहते हैं कि हमने काफी तैयारी की थी. पर्यटन सत्र शुरू होने से हमारा बिज़नेस ठीक होने की उम्मीद थी पर बाढ़ ने तगड़ा झटका दिया है. राइनो रिजॉर्ट के मालिक अमितोश जायसवाल कहते है, दो सालों से लगता है कुदरत हम लोगों से रूठी है. पहले कोरोना और अब अक्टूबर में बाढ़ ने हम लोगों का सीजन खराब कर दिया. हम कब उबर पाएंगे पता नहीं. सब बुकिंग कैंसिल हो गईं. लाखों का नुकसान हुआ है.


बेमौसम बारिश और बाढ़ ने स्थानीय थारू और अन्य समाज की धान की फसलें तो नुकसान किया ही है. लोकल रोजगार पर भी फर्क डाला है. दुधवा में लगे टूरिस्ट गाइड्स और ड्राइवर्स की कमाई पर भी ब्रेक लग गया. इन लोगों को बेसब्री से टूरिस्ट सीजन का इंतजार रहता है. दुधवा में गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर राज सिंह कहते हैं,'कि हम लोगों को पूरे साल इंतजार रहता है कि कब दुधवा का पर्यटन सत्र शुरू होगा. इस बार कोरोना के बाद बड़ी उम्मीद थी, पर बाढ़ ने एक बार फिर हमारी रोजी-रोटी पर ब्रेक लगा दी है. अब देखिए कब खुलता है दुधवा और कब शुरू होता है हमारा काम. सात महीने ही हमारे काम के होते हैं.

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लखीमपुर खीरी: दुधवा नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व अब एक नवंबर से नहीं खुलेगा. बेमौसम की बरसात और बाढ़ ने दुधवा में पर्यटन सत्र शुरू करने की व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया है. इसके चलते अभी न दुधवा की सड़कें बन पाई हैं और न ही यात्री सुविधाओं की व्यवस्था का उपाय हो पाया है. सबसे बड़ी बात है कि दुधवा पहुंचने के सभी रास्ते ही अभी तक नहीं खुल पाए हैं. हाईवे तक बाढ़ में बह गए हैं.

दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं कि अभी व्यवस्थाएं ठीक करने में कम से कम 10 से 15 दिन तो जरूर लग जाएंगे. हम बराबर स्थिति पर निगरानी रखे हैं, लेकिन अभी हालात हमें पर्यटन सत्र शुरू करने की इजाजत नहीं दे रहे हैं. दुधवा के कच्चे रोड भी कट गए हैं, पुल बह गए हैं. बाढ़ ने जंगल का भी काफी नुकसान किया है. ऐसे में एक नवम्बर से तो पार्क बिल्कुल ही नहीं खुल पाएगा.

बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त सड़कें.
बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त सड़कें.

गौरतलब है कि पिछले दो सालों से दुधवा टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र 15 दिन पहले से शुरू होने लगा था. टूर ऑपरेटर्स की भी बड़ी मांग थी कि दुधवा में पर्यटन सत्र थोड़ा पहले शुरू हो. मध्य प्रदेश हो या महाराष्ट्र समेत अन्य प्रदेशों में पर्यटक सुविधाएं जल्दी शुरू हो जाती है. वहां पर्यटन व्यवसाय काफी है. लोकल लोगों की भी इससे इनकम बढ़ती है, पर यूपी के दुधवा टाइगर रिजर्व में हमेशा से 14 नवंबर से ही मानसून के बाद पर्यटन सत्र शुरू होता था.

बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त सड़कें.
बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त सड़कें.

2020 में यूपी सरकार और और इको टूरिज्म और वन विभाग ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया था और दुधवा टाइगर रिजर्व को 15 दिन पहले यानी एक नवंबर से खोलना शुरू कर दिया था. एक बार भी दुधवा टाइगर रिजर्व को एक नवंबर से खोलना था, पर 19 अक्टूबर को बनबसा बैराज से शारदा नदी में 5.47 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बाढ़ का पानी आ जाने से जंगल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. बाढ़ आने से जंगल की सड़कें और व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई है. जंगल के अंदर के कच्चे रास्ते बाढ़ की वजह से कट गए हैं. कई रेंजों में लकड़ी के बने पुल तक बह गए हैं.

शावकों के साथ बाघिन.
शावकों के साथ बाघिन.

इधर दुधवा टाइगर रिजर्व को लखनऊ और दिल्ली से जोड़ने वाला मुख्य सड़क मार्ग एनएच 731 भी बाढ़ की चपेट में आकर कई किलोमीटर तक क्षतिग्रस्त हो गया है. भीरा के बाद पलिया तक करीब 15 किलोमीटर में कई जगह एनएच बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त हुआ है, जिसकी वजह से पलिया में बड़े वाहनों का आना-जाना भी अभी शुरू नहीं हो पाया है.

दुधवा के नए उपनिदेशक कैलाश प्रकाश कहते हैं, फिलहाल एक नवम्बर से तो बिल्कुल नहीं. बाढ़ में सड़कों का कींचड़ ही अभी नहीं खत्म हो पाया, हमारी मीटिंग होनी है. अभी नई डेट तय नहींस है, अगर व्यवस्थाएं ठीक हुईं तो हम जल्द खोलने की कोशिश करेंगे.

हाथियों का झुंड.
हाथियों का झुंड.

होटल और रिजॉर्ट मालिक निराश
दुधवा टाइगर रिजर्व में आई बाढ़ ने होटल और रिजॉर्ट व्यवसाय को भी तगड़ा झटका दिया है. 1 नवंबर से दुधवा खुलने का इंतजार में तैयारी कर रहे रिजॉर्ट मालिक और होटल मालिकों को बाढ़ की वजह से सभी बुकिंग कैंसिल करनी पड़ गई हैं.

इसे भी पढ़ें-लखीमपुर खीरी: बाढ़ के कारण एक नवम्बर से दुधवा टाइगर रिजर्व खुलने पर संशय

बाघ को देखते पर्यटक .
बाघ को देखते पर्यटक .

पलिया में होटल रूपम के मालिक उमेश गुप्ता कहते हैं कि हमने काफी तैयारी की थी. पर्यटन सत्र शुरू होने से हमारा बिज़नेस ठीक होने की उम्मीद थी पर बाढ़ ने तगड़ा झटका दिया है. राइनो रिजॉर्ट के मालिक अमितोश जायसवाल कहते है, दो सालों से लगता है कुदरत हम लोगों से रूठी है. पहले कोरोना और अब अक्टूबर में बाढ़ ने हम लोगों का सीजन खराब कर दिया. हम कब उबर पाएंगे पता नहीं. सब बुकिंग कैंसिल हो गईं. लाखों का नुकसान हुआ है.


बेमौसम बारिश और बाढ़ ने स्थानीय थारू और अन्य समाज की धान की फसलें तो नुकसान किया ही है. लोकल रोजगार पर भी फर्क डाला है. दुधवा में लगे टूरिस्ट गाइड्स और ड्राइवर्स की कमाई पर भी ब्रेक लग गया. इन लोगों को बेसब्री से टूरिस्ट सीजन का इंतजार रहता है. दुधवा में गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर राज सिंह कहते हैं,'कि हम लोगों को पूरे साल इंतजार रहता है कि कब दुधवा का पर्यटन सत्र शुरू होगा. इस बार कोरोना के बाद बड़ी उम्मीद थी, पर बाढ़ ने एक बार फिर हमारी रोजी-रोटी पर ब्रेक लगा दी है. अब देखिए कब खुलता है दुधवा और कब शुरू होता है हमारा काम. सात महीने ही हमारे काम के होते हैं.

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Last Updated : Oct 29, 2021, 1:07 PM IST
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