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लखीमपुर खीरी: टेरर फंडिंग के मुख्य आरोपी मुमताज ने दी कोर्ट में सरेंडर अर्जी, आज सुनवाई

लखीमपुर खीरी में टेरर फंडिंग के मुख्य आरोपी मुमताज अली ने पुलिस को चकमा देकर गुरुवार को सीजेएम अदालत में सरेंडर अर्जी दाखिल कर दी है. सीजेएम विकास श्रीवास्तव ने अर्जी पर सुनवाई करते हुए थाना निघासन से आख्या तलब की है. शुक्रवार को इस पूरे मामले में अदालत में सुनवाई होगी.

टेरर फंडिंग के मुख्य आरोपी मुमताज ने दी कोर्ट में सरेंडर अर्जी.
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Published : Oct 18, 2019, 11:37 AM IST

लखीमपुर खीरी: यूपी में नेपाल के रास्ते टेरर फंडिंग के सनसनीखेज खुलासे में निघासन थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद चार आरोपियों की गिरफ्तारी और मुख्य आरोपी की फरार होने की बात कही गई थी. मुमताज अली फरार मुख्य आरोपी है. टेरर फंडिंग के मुख्य आरोपी मुमताज की अर्जी पर सीजेएम ने थाना निघासन से आरोपी की वांछित होने की रिपोर्ट तलब की है. आज इस मसले पर अदालत में सुनवाई होगी.

टेरर फंडिंग के मुख्य आरोपी मुमताज ने दी कोर्ट में सरेंडर अर्जी.

ये है मामला
गौरतलब है कि बीते 10 अक्टूबर को लखनऊ में डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर लखीमपुर खीरी में चार आरोपियों को टेरर फंडिंग में गिरफ्तारी का खुलासा किया था. इसके बाद उसी दिन शाम को आरोपियों को कोर्ट में लाया गया था.

डीजीपी ने बताया था कि बरेली निवासी उम्मेद अली, समीर सलमानी और तिकोनियां इलाके के एराज अली, संजय अग्रवाल को नेपाली और भारतीय करेंसी के साथ पकड़ा गया. चारों आरोपियों के पास से मिले मोबाइल से इनकी बातचीत के सबूत मिलने की बात भी डीजीपी ने बताई थी. पुलिस का मानना था कि नेपाल में एक बैंक को हैक कर उड़ाई गई रकम को भी इन आरोपियों ने ही ठिकाने लगाया था.

ये भी पढ़ें- लखनऊ: टेरर फंडिंग से जुड़े दो अभियुक्तों को एटीएस ने किया गिरफ्तार

कमीशन पर होता था काम
टेरर फंडिंग के आरोप में फंसे आरोपियों पर पुलिस को सबूत मिले हैं कि ये नेपाल से आने वाली करेंसी को पांच फीसदी पर एक्सचेंज करते थे. इंडो-नेपाल बॉर्डर के तिकोनियां इलाके में बरेली, मुरादाबाद, दिल्ली से बड़ी-बड़ी गाड़ियां आकर मनी एक्सचेंज का काम करवाती थीं. इस मामले में एटीएस जांच कर रही है.

लखीमपुर खीरी: यूपी में नेपाल के रास्ते टेरर फंडिंग के सनसनीखेज खुलासे में निघासन थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद चार आरोपियों की गिरफ्तारी और मुख्य आरोपी की फरार होने की बात कही गई थी. मुमताज अली फरार मुख्य आरोपी है. टेरर फंडिंग के मुख्य आरोपी मुमताज की अर्जी पर सीजेएम ने थाना निघासन से आरोपी की वांछित होने की रिपोर्ट तलब की है. आज इस मसले पर अदालत में सुनवाई होगी.

टेरर फंडिंग के मुख्य आरोपी मुमताज ने दी कोर्ट में सरेंडर अर्जी.

ये है मामला
गौरतलब है कि बीते 10 अक्टूबर को लखनऊ में डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर लखीमपुर खीरी में चार आरोपियों को टेरर फंडिंग में गिरफ्तारी का खुलासा किया था. इसके बाद उसी दिन शाम को आरोपियों को कोर्ट में लाया गया था.

डीजीपी ने बताया था कि बरेली निवासी उम्मेद अली, समीर सलमानी और तिकोनियां इलाके के एराज अली, संजय अग्रवाल को नेपाली और भारतीय करेंसी के साथ पकड़ा गया. चारों आरोपियों के पास से मिले मोबाइल से इनकी बातचीत के सबूत मिलने की बात भी डीजीपी ने बताई थी. पुलिस का मानना था कि नेपाल में एक बैंक को हैक कर उड़ाई गई रकम को भी इन आरोपियों ने ही ठिकाने लगाया था.

ये भी पढ़ें- लखनऊ: टेरर फंडिंग से जुड़े दो अभियुक्तों को एटीएस ने किया गिरफ्तार

कमीशन पर होता था काम
टेरर फंडिंग के आरोप में फंसे आरोपियों पर पुलिस को सबूत मिले हैं कि ये नेपाल से आने वाली करेंसी को पांच फीसदी पर एक्सचेंज करते थे. इंडो-नेपाल बॉर्डर के तिकोनियां इलाके में बरेली, मुरादाबाद, दिल्ली से बड़ी-बड़ी गाड़ियां आकर मनी एक्सचेंज का काम करवाती थीं. इस मामले में एटीएस जांच कर रही है.

Intro:लखीमपुर- टेरर फ़ंडिंग के मुख्य आरोपी मुमताज अली ने पुलिस को चकमा देकर गुरुवार को सीजेएम अदालत में सरेंडर अर्जी दाखिल कर दी है। सीजेएम विकास श्रीवास्तव ने अर्जी पर सुनवाई करते हुए थाना निघासन से आख्या तलब की है। आज इस पूरे मामले में अदालत में सुनवाई होगी।
यूपी में नेपाल के रास्ते टेरर फ़ंडिंग के इस सनसनीखेज खुलासे में निघासन थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद चार आरोपियों की गिरफ्तारी और मुख्य आरोपी की फरार होने की बात कही गई थी। मुमताज अली निवासी थाना तिकुनिया डांगा वही फरार मुख्य आरोपी है। टेरर फ़ंडिंग के मुख्य आरोपी मुमताज की अर्जी पर सीजेएम ने थाना निघासन से आरोपी की वांछित होने की रिपोर्ट तलब की है। शुक्रवार यानी आज इस मसले पर अदालत में सुनवाई होगी।



Body:ये है मामला
गौरतलब है कि बीती 10 अक्टूबर को लखनऊ में यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर खीरी में चार आरोपियों को टेरर फ़ंडिंग में गिरफ्तारी का खुलासा किया था। इसके बाद उसी दिन शाम को आरोपियों को कोर्ट में लाया गया था।
डीजीपी ने बताया था कि बरेली निवासी उम्मेद अली,समीर सलमानी और तिकोनियाँ इलाके के एराज अली, तिकोनियाँ निवासी संजय अग्रवाल को नेपाली और भारतीय करेंसी के साथ पकड़ा गया है। चारों आरोपियों के पास से मिले मोबाइल से इनकी बातचीत के सबूत मिलने की बात भी डीजीपी ने बताई थी। पुलिस का मानना था कि नेपाल में एक बैंक को हैक कर उड़ाई गई रकम को भी इन आरोपियों ने ही ठिकाने लगाया था।


Conclusion:कमीशन पर होता था काम
टेरर फ़ंडिंग के आरोप में फंसे आरोपियों पर पुलिस को सबूत मिले है कि ये नेपाल से आने वाली करेंसी को पाँच फीसदी पर एक्सचेंज करते थे। इंडो नेपाल बॉर्डर के तिकोनियाँ इलाके में बरेली,मुरादाबाद,दिल्ली से बड़ी बड़ी गाड़ियां आकर ये मनी एक्सचेंज का काम करवाती थी। इस मामले में एटीएस जांच कर रही।
आज यानी शुक्रवार को मुख्य आरोपी के कोर्ट में सरेंडर की अर्जी के बाद पुलिस के हाथ पाँव भी फूले हैं। एटीएस और पुलिस मुमताज की सरगर्मी से तलाश कर रही थी।
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प्रशान्त पाण्डेय
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