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किसान ने लिखा- अलविदा भारत के लोगों और कर ली आत्महत्या, ये थी वजह

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एक किसान ने कर्ज में दबे होने और बारिश से फसल बर्बाद होने के चलते आत्महत्या कर ली. किसान के घर से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. इस मामले में डीएम का कहना है कि सुसाइड नोट की जांच कराई जाएगी.

लखीमपुर खीरी में एक किसान ने की आत्महत्या
लखीमपुर खीरी में एक किसान ने की आत्महत्या
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Published : Nov 1, 2021, 9:48 PM IST

लखीमपुर खीरी: जिले में एक किसान ने बारिश से बर्बाद हुई फसल और कर्ज में दबे होने के चलते आत्महत्या कर ली. किसान के दो सुसाइड नोट उसके घर से मिले हैं, जिनमें किसान ने लिखा है अलविदा भारत के लोगों. किसान ने सुसाइड नोट में अपनी बीमारी का भी हवाला दिया है. बता दें ये मामला मितौली तहसील के संडिलवा गांव का है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

मितौली थाना क्षेत्र के सैंडल वाला गांव निवासी किसान अनिल कुमार सिंह 24 बीघा जमीन के जोतकार हैं. 29 अक्टूबर को वह घर से अचानक कहीं चले गए और इसके बाद उनके अपने ही खेत में पीपल के पेड़ से लटका उनका शव मिला. शव मिलने के बाद घर से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ, जो उनके बेटे ने मितौली पुलिस को सौंप दिया. सुसाइड नोट में उन्होंने बीमारी का जिक्र किया था और अपनी परेशानी भी बताई थी.

सुसाइड नोट.
सुसाइड नोट.

मृत किसान अनिल सिंह के बेटे रविनेश सिंह ने बताया कि पिताजी कुछ दिनों से परेशान रहते थे. कोरोना में उनको परेशानी हुई थी, उसके बाद से उनके फेफड़ों में दिक्कत हो गई थी. उनका इलाज लखीमपुर के डॉक्टर नीरज वर्मा से चल रहा था. बेटे ने बताया हमलोगों को नहीं पता था कि वह क्यों परेशान रहते थे. मृत्यु के बाद जब उनका बक्से खोला तो पता लगा कि उनको बैंक से दो नोटिस आए थे, एक पंजाब नेशनल बैंक से जिसमें करीब 72,000 की बकाया धनराशि जमा करने के लिए कहा गया था और दूसरी कस्ता के सहकारी बैंक से भी एक नोटिस आया था, जिसमें उन्होंने कोऑपरेटिव सोसाइटी से 76,000 हजार का कर्ज लिया था, जो बढ़कर एक 1,20,000 हो गया था. इसके बाद 17, 18 और 19 अक्टूबर को हुई लगातार बारिश में अनिल कुमार सिंह का खेत में कटा पड़ा 10 बीघा धान भी पूरी तरीके से सड़ गया था. फसल बर्बाद होने की शिकायत 20 अक्टूबर को किसान अनिल कुमार सिंह ने सीएम पोर्टल 1076 पर की थी. इसके बाद गांव में लेखपाल भी आया था, फोटो, बैंक, पासबुक और खतौनी लेकर गया था पर सहायता के नाम पर कुछ नहीं मिला.

सुसाइड नोट.
सुसाइड नोट.

बता दें कि मृतक किसान अनिल कुमार सिंह के तीन बेटे हैं. बेटे रविनेश ने बताया कि पिछले तीन सालों से उनका गन्ना पूरी तरीके से सूख जा रहा है, उसमें रेड रॉट (लाल सड़न रोग) लग जा रहा है. जिससे आर्थिक हालात इतने खराब हो गए हैं कि घर के खर्चे चलाना मुश्किल हो गया हैं. उन्होंने बताया माताजी की तबीयत भी खराब रहती है, पिताजी कोरोना के बाद से बीमार रहने लगे थे. कभी-कभी इलाज के लिए भी पैसे नहीं हुआ करते थे. ऐसे में बारिश में धान की फसल तबाह होने से वह बुरी तरह टूट गए थे. उम्मीद थी कि धान से कुछ पैसा मिल जाएगा पर वह भी पूरी तरीके से सड़ गया. अभी भी खेत में थोड़ा धान अधकटा लगा है, लेकिन सब बारिश में सड़ चुका है.

इस मामले में डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि सीओ और एसडीएम से रिपोर्ट मंगाई गई है. किसान ने जब आत्महत्या की थी तो कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था. सुसाइड नोट की जांच कराई जाएगी और इस दुख की घड़ी में हम किसान परिवार के साथ हैं.

लखीमपुर खीरी: जिले में एक किसान ने बारिश से बर्बाद हुई फसल और कर्ज में दबे होने के चलते आत्महत्या कर ली. किसान के दो सुसाइड नोट उसके घर से मिले हैं, जिनमें किसान ने लिखा है अलविदा भारत के लोगों. किसान ने सुसाइड नोट में अपनी बीमारी का भी हवाला दिया है. बता दें ये मामला मितौली तहसील के संडिलवा गांव का है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

मितौली थाना क्षेत्र के सैंडल वाला गांव निवासी किसान अनिल कुमार सिंह 24 बीघा जमीन के जोतकार हैं. 29 अक्टूबर को वह घर से अचानक कहीं चले गए और इसके बाद उनके अपने ही खेत में पीपल के पेड़ से लटका उनका शव मिला. शव मिलने के बाद घर से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ, जो उनके बेटे ने मितौली पुलिस को सौंप दिया. सुसाइड नोट में उन्होंने बीमारी का जिक्र किया था और अपनी परेशानी भी बताई थी.

सुसाइड नोट.
सुसाइड नोट.

मृत किसान अनिल सिंह के बेटे रविनेश सिंह ने बताया कि पिताजी कुछ दिनों से परेशान रहते थे. कोरोना में उनको परेशानी हुई थी, उसके बाद से उनके फेफड़ों में दिक्कत हो गई थी. उनका इलाज लखीमपुर के डॉक्टर नीरज वर्मा से चल रहा था. बेटे ने बताया हमलोगों को नहीं पता था कि वह क्यों परेशान रहते थे. मृत्यु के बाद जब उनका बक्से खोला तो पता लगा कि उनको बैंक से दो नोटिस आए थे, एक पंजाब नेशनल बैंक से जिसमें करीब 72,000 की बकाया धनराशि जमा करने के लिए कहा गया था और दूसरी कस्ता के सहकारी बैंक से भी एक नोटिस आया था, जिसमें उन्होंने कोऑपरेटिव सोसाइटी से 76,000 हजार का कर्ज लिया था, जो बढ़कर एक 1,20,000 हो गया था. इसके बाद 17, 18 और 19 अक्टूबर को हुई लगातार बारिश में अनिल कुमार सिंह का खेत में कटा पड़ा 10 बीघा धान भी पूरी तरीके से सड़ गया था. फसल बर्बाद होने की शिकायत 20 अक्टूबर को किसान अनिल कुमार सिंह ने सीएम पोर्टल 1076 पर की थी. इसके बाद गांव में लेखपाल भी आया था, फोटो, बैंक, पासबुक और खतौनी लेकर गया था पर सहायता के नाम पर कुछ नहीं मिला.

सुसाइड नोट.
सुसाइड नोट.

बता दें कि मृतक किसान अनिल कुमार सिंह के तीन बेटे हैं. बेटे रविनेश ने बताया कि पिछले तीन सालों से उनका गन्ना पूरी तरीके से सूख जा रहा है, उसमें रेड रॉट (लाल सड़न रोग) लग जा रहा है. जिससे आर्थिक हालात इतने खराब हो गए हैं कि घर के खर्चे चलाना मुश्किल हो गया हैं. उन्होंने बताया माताजी की तबीयत भी खराब रहती है, पिताजी कोरोना के बाद से बीमार रहने लगे थे. कभी-कभी इलाज के लिए भी पैसे नहीं हुआ करते थे. ऐसे में बारिश में धान की फसल तबाह होने से वह बुरी तरह टूट गए थे. उम्मीद थी कि धान से कुछ पैसा मिल जाएगा पर वह भी पूरी तरीके से सड़ गया. अभी भी खेत में थोड़ा धान अधकटा लगा है, लेकिन सब बारिश में सड़ चुका है.

इस मामले में डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि सीओ और एसडीएम से रिपोर्ट मंगाई गई है. किसान ने जब आत्महत्या की थी तो कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था. सुसाइड नोट की जांच कराई जाएगी और इस दुख की घड़ी में हम किसान परिवार के साथ हैं.

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