लखीमपुर खीरीः बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी के बयान के बाद अब खीरी के दोनों शिक्षक संगठनों ने अपनी अपनी लिस्ट जारी की है. शिक्षक संगठनों ने चुनाव के दौरान तीन शिक्षकों की मौत पर सवाल खड़े किए हैं. शिक्षक संगठनों ने मांग की है कि सभी शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को 30 लाख की अनुग्रह राशि दी जाए. साथ ही परिवार के लोगों को नौकरी और अन्य देय का भुगतान जल्द से जल्द हो. शिक्षक संगठनों ने सरकार से सवाल भी किए हैं कि आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन है.
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष और प्रदेश संयुक्त महामंत्री संतोष मौर्य ने कहा है कि आज भी हमारे एक शिक्षक सुभाषचन्द्र शुक्ला की मौत हुई है. शुक्ला फेफड़ों के इंफेक्शन से कोरोना के बाद से ही परेशान थे. बेसिक शिक्षा मंत्री का बयान गैर जिम्मेदाराना है. जिले में जिन 55 शिक्षकों और कर्मियों की मौत हुई उनका जिम्मेदार कौन है. मरने वाले शिक्षकों के परिजनों का क्या होगा. पंचायत चुनाव शिक्षकों के भारी विरोध के बाद कराया गया. जबरदस्ती सरकार ने शिक्षकों को मौत के मुंह में झोंका.
इसे भी पढ़ें- ब्लैक फंगस से कैसे करें बचाव और क्या हैं इसके लक्षण, यहां पढ़ें
प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री मनोज शुक्ला ने कहा कि हमारे पास 53 शिक्षक और कर्मचारियों की लिस्ट है. जो पंचायत चुनाव के बाद से संक्रमित होकर हमारे बीच नहीं रहे. इसका जिम्मेदार आखिर कौन है. मरने वालों में 45 शिक्षक, चार शिक्षामित्र, बेसिक शिक्षा अधिकारी के दफ्तर में काम कर रहे दो लिपिक और दो अनुचर शामिल हैं. हम इन सबको अनुग्रह राशि देने की मांग करते हैं. तत्काल सरकार इनको प्राथमिकता के आधार पर परिजनों को नौकरी दे.
खीरी जिले के बीएसए बुद्धप्रिय सिंह कहते हैं कि जिले में जिन शिक्षकों की मौत हुई है. उन सब की बाबत जिले के सभी ब्लॉकों के एबीएसए से जानकारी मांगी गई है. जल्द ही जानकारी मिलते ही सभी शिक्षकों की अनुकंपा नियुक्ति और देय का भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. यह बात सही है कि पंचायत चुनाव के बाद लगातार कई शिक्षकों की मौत जिले में हुई है.