कुशीनगर: जिले के कोतवाली हाटा के पटनी गांव के निवासी श्यामनारायण मणि त्रिपाठी ने बीते शुक्रवार को अपने बेटे आशीष मणि के अपहरण होने तहरीर देते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की थी. साथ उन्होंने पुलिस को यह भी जानकारी दी थी कि अपहरणकर्ताओं ने मैसेज के जरिए 50 हजार रुपये की मांग की है और किसी को सूचना देने पर आशीष मणि की हत्या किए जाने की धमकी दी है. पिता ने प्रशासन से अपहृत आशीष मणि को सुरक्षित लाने की गुहार लगाई थी. जिसके बाद हाटा कोतवाली पुलिस हरकत में आते ही शुक्रवार को ही धारा 365 के तहत मामला दर्ज कर अपहृत की बरामदगी हेतु आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी. जिसके बाद उक्त मामले में कोतवाली पुलिस ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया जिसके बाद पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई.
दरअसल, आशीष मणि के अपहरण का खुलासा रविवार को हाटा कोतवाली पुलिस ने किया. पुलिस ने कहा कि अपहरण का मुकदमा पंजीकृत होने के बाद पुलिस टीम द्वारा बरामदगी के लगातार प्रयास और जरूरी कार्यवाही शुरू कर दी गई थी, जिसके बाद शनिवार को अपहृत आशीष मणि को हाटा पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया. वहीं पुलिस की पूछताछ में यह भी तथ्य सामने आया कि अपहृत आशीष मणि को किसी और ने नहीं बल्कि दोस्तों से लिए कर्ज को चुकाने के लिए आशीष मणि ने खुद ही अपने अपहरण की कहानी रची थी और अपने पिता से 50 हजार की मांग की थी.
जानकारी के अनुसार आशीष मणि ने अपने महंगे शौक को पूरा करने के लिए कर्जों के बोझ में दब गया था. साथ ही कर्जदारों का पैसा चुकाने के लिए जब उसके पास कोई रास्ता नहीं दिखा तो उसने अपने ही अपहरण की कहानी रच कर अपने पिता से फिरौती की मांग करने लगा. पुलिस ने मामले पर शिकायत के बाद कायर्वाही करते हुए आशीष मणि को पहले शकुशल बरामद किया. फिर खुलासा करते हुए आशीष द्वारा झूठ बोलकर पुलिस को गुमराह करने पर उसके खिलाफ विधिक नियमानुसार कार्यवाही में जुट गई.