कुशीनगर : वर्तमान में चल रहे लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग नए प्रयोग करता दिख रहा है. कुशीनगर में इसी क्रम में महिला मतदाताओं को बूथों की तरफ आकर्षित करने के लिए मुख्यालय से सटे सोहरौना मतदान केन्द्र को सखी बूथ का नाम दिया गया है. इस बूथ की खासियत यह है कि यहां पीठासीन अधिकारी से लेकर अन्य सभी मतदान कर्मी महिलाएं ही रहेंगी.
कुशीनगर में महिलाएं करेंगी 'सखी बूथ' पर मतदान
- कुशीनगर जिला मुख्यालय से सटे एनएच 28 बी मुख्य मार्ग पर सोहरौना गांव के प्राथमिक विद्यालय को 'सखी बूथ' का नाम दिया गया है.
- निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पहली बार शहरी क्षेत्रों में सखी बूथ बनाए जा रहे हैं.
- इन बूथों पर महिला मतदान कार्मिकों को मतदान कराने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.
- 'सखी बूथ' से चुनाव आयोग ने महिलाओं को बूथ पर मतदान करने के लिए आकर्षित करने को एक योजना बनाई है.
- पीठासीन अधिकारी से लेकर मतदान कार्मिक पिंक कलर की पोशाक पहनकर मौजूद रहेंगे.
- इसको लेकर जिला प्रशासन तैयारियों में जुट गया है.
- 'सखी बूथ' पर वालंटियर की तैनाती के साथ अन्य इंतजाम किए जा रहे हैं.
- 'सखी बूथ' योजना के अनुसार अधिकाधिक महिलाओं और उनके माध्यम से उनके परिवारों का मतदान कराकर मतदान प्रतिशत बढ़ाना ही इसका मुख्य लक्ष्य है.
मतदान केन्द्र पर तीन बजे तक मतदान कर्मियों के पहुंचने के बाद बूथ पर पहुंचे सेक्टर-14 के मैजिस्ट्रेट दयाशंकर सिंह ने चुनाव आयोग द्वारा सखी बूथ बनाए जाने की मंशा को मीडिया के सामने रखते हुए कहा कि यहां महिला मतदान अधिकारी और कर्मचारी तैनात किए गए हैं और आखिरी लक्ष्य मतदान प्रतिशत बढ़ाना ही है.
लाखों खर्च करने के बाद भी प्रदेश में छठवें चरण तक मतदान प्रतिशत काफी अधिक नहीं बढ़ता दिखा, लेकिन अब कल होने जा रहे सातवें चरण में इसके लिए जोर आजमाईश जारी है. देखना होगा कि सखी बूथ और मॉडल बूथों के माध्यम से मतदाता बूथों की ओर आकर्षित होते हैं या नहीं.