कुशीनगरः जिले के खड्डा रेलवे स्टेशन पर सोमवार को ट्रेन से गिरकर एक युवती गंभीर रूप से घायल हो गई. इसके बाद एंबुलेंस के इंतजार में वह डेढ़ घंटा तक तड़पती रही. एंबुलेंस न मिलने पर परिजन निजी वाहन से उसे जिला अस्पताल ले गए. लापरवाही का आलम जिला अस्पताल में भी देखा गया, जहां स्टेचर न मिलने से परिजन घायल युवती को गोद मे उठाकर भर्ती कराया. डॉक्टरों ने गंभीर हालत देखते हुए युवती को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया.
जानकारी के मुताबिक छितौनी कस्बे से सटे बिहार प्रांत के पिपरासी थाना क्षेत्र के ग्राम बहरीस्थान निवासीपुष्पा सोमवार(20) को बेतिया में कामख्या एक्सप्रेस में सवार हुई थी. उसे पनियहवा उतरना था, लेकिन कामख्या एक्सप्रेस का पनियहवा व खड्डा में ठहराव नहीं है. बताया जा रहा है कि जब ट्रेन पनियहवा नहीं रुकी, तो युवती घबरा गई और ट्रेन से खड्डा पहुंच गई.
यहां पर गति धीमी हुई तो युवती उतरने की कोशिश करते समय गिरकर घायल हो गई. एक सामाजिक कार्यकर्ता गुड्डु गुप्ता ने उसे ई रिक्शा से तुर्कहां सीएचसी पहुंचाया. वहां उसकी गंभीर हालत देखकर डॉक्टर ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया. परिजनों ने एंबुलेंस के लिए फोन किया, लेकिन डेढ़ घंटा तक एंबुलेंस नहीं पहुंची. इधर, घायल युवती की हालत बिगड़ती जा रही थी.
अंत में परिजन निजी वाहन से जिला अस्पताल लेकर गए. हाथ में ग्लूकोज का बोतल लटकाए परिजनों की परेशानी और दर्द से कराहती युवती की दशा स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही बयां कर रही थी. परिजन घायल युवती को निजी गाड़ी 2,000 रुपये में बुक कर जिला अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां भी स्टेचर न होने से गोद मे उठाकर भर्ती कराया और फिर गंभीर हालत देख डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया.
प्रभारी चिकित्साधिकारी खड्डा डॉ. पीएन गुप्ता का कहना था कि एंबुलेंस को लखनऊ से संचालित किया जाता है. समय से एंबुलेंस नहीं मिलने पर मरीज को निजी वाहन से जिला अस्पताल ले जाया गया है. मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी का कार्यभार संभाल रहे डिप्टी सीएमओ ने कहा कि एंबुलेंस का विभाग अलग है, फिर भी इसकी जांच कराई जाएगी.
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