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इस वार्ड की टंकी में तीन बार लग चुके घटिया पाइप, नलों में नहीं उतरा पानी...

रामकोला नगर पंचायत (Ramkola Nagar Panchayat) के मथुरा नगर वार्ड के लोगों को आज भी शुद्ध पीने का पानी नहीं मिल रहा है. इसको लेकर मोहल्ले के लोगों के आंदोलन पर पहुंचे ईओ ने घरों में पानी की आपूर्ति की बात कही है.

रामकोला नगर पंचायत के लोगों और  अधिशासी अधिकारी ने शुद्ध पेयजल को लेकर कही ये बातें..
रामकोला नगर पंचायत के लोगों और अधिशासी अधिकारी ने शुद्ध पेयजल को लेकर कही ये बातें..
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Published : Oct 26, 2022, 5:36 PM IST

कुशीनगर : रामकोला नगर पंचायत (Ramkola Nagar Panchayat) के मथुरा नगर 6 नंबर वार्ड में 15 साल पहले दूषित पानी से हुई आधा दर्जन मौतों के बाद प्रशासन जागा था. यहां 200 मीटर दूर पर लोगों के लिए एक पानी की टंकी भी बनवाई गई. इस पानी की टंकी को बने 15 साल बीत गए हैं लेकिन यहां के लोगों के लिए शुद्ध पेयजल सपना ही बना रह गया. यहां तीन बार घटिया पाइप लगने से नलों में साफ पानी नहीं आ सका.

स्वच्छ पेयजल पानी की टंकी से पहुंचाने के लिए नगर पंचायत में ठेकेदारों को तीन बार काम दिया गया लेकिन काम पूरा नहीं होने से आज भी लोग दूषित पानी पीने को विवश हैं. इस बार गांव वालों ने कमजोर पाईप बिछाने का आरोप लगाकर पूरा काम ही रोक दिया है.सूचना पर पहुंचे नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी ने जल आपूर्ति न होने मे नगर पंचायत की कमी मानी है. जिसके लिए इस बार 250 घरों को पानी पहुचाने के लिए कार्य कराने की बाद भी कही है.

रामकोला नगर पंचायत के लोगों और अधिशासी अधिकारी ने शुद्ध पेयजल को लेकर कही ये बातें..


रामकोला नगर पंचायत क्षेत्र के पूर्वी भाग में मथुरा नगर वार्ड (Mathura Nagar Ward) है. यहां गांव का नगरों में जुड़ने के बाद लोगों को भरोसा था कि नगर पंचायत उनके मूलभूत जरूरतों पर ज्यादा ध्यान देगी. लेकिन कुशीनगर जिले के रामकोला नगर के मथुरानगर वार्ड में लोग आज भी शुद्ध पेयजल को तरस रहे हैं. रामकोला के काशीराम आवास के बगल में मथुरानगर वार्ड 6 का हिस्सा बसा हुआ है. यहां तकरीबन 800 लोगों की आबादी रहती. लेकिन यहां के लोग शुद्ध पेयजल के लिए वर्षों से तरस रहे हैं.

वहीं, स्थानीय निवासी जितेन्द्र खरवार बताते हैं, कि हमारे वार्ड से होकर पंजाब शुगर मिल का दूषित पानी जाता है. जिससे यहां के नल का पानी दूषित हो जाता है. तकरीबन 15 साल पहले दूषित पानी पीने से यहां 7 लोगों की मौत हो गयी थी. इसके बाद पंजाब मिल ने 5 हैंडपंप लगवाए थे जिनमे 4 खराब हो गए. बाकी बचे हुए एक हैंडपंप कि भी हालत जर्जर हो गई है. उसी से पानी की आपूर्ति होती है. दूषित पानी से हुई मौतों के बाद सरकार ने हमारे वार्ड के नाम पर एक ओवरहेड टैंक बनवाया जो महज दो सौ मीटर दूर दक्षिण में है. लेकिन वहां से अबतक हमारे वार्डो तक पानी नहीं आ पाया है.

अरविंद प्रजापति बताते हैं कि मिल चलने के साथ ही हमारे नलो से काला पानी निकलने लगता है. हमारी फसलें तक खराब हो जाती हैं. एक पानी की टंकी बनी जिससे हमारे घरों तक पानी पहुंचाने के लिए तीन बार पाइपलाइन बिछाने के लिए काम शुरू हुआ. हर बार घटिया पाइप लगने से आपूर्ति नहीं हो पाई है. इस बार भी चौथी बार पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू हुआ है लेकिन पाइप घटिया क्वालिटी के लग रहे हैं. इस बार भी लोग पानी को तरसेंगे.


लोगों के विरोध के बीच पहुंचे अधिशासी अधिकारी अमरीष सिंह ने उनकी परेशानी सुनी. इसके बाद कहा कि यहां 15वें वित्त आयोग से पाइप लाइन डालने का प्रावधान किया गया है. जो 250 घरों को पानी सप्लाई देगा. इससे पहले भी यहां दो बार पाइप पड़ चुका है जो कारगर नहीं हुआ. इससे लोगों में संदेह बना हुआ है. ईओ ने कहा कि जेई के साथ मिलकर लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखकर उचित कार्य किया जाएगा. वहीं, नगर पंचायत की कमी रही जिसके कारण यहां के लोगों को अबतक पेय जलापूर्ति नहीं मिली. हमारा बजट कम था फिर भी नगर पंचायत रामकोला के अधिशासी अधिकारी अमरीष सिंह ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के तहत विशेष तौर पर मथुरा नगर में एक आरओ प्लांट लगाने की व्यवस्था की जा रही है.

यह भी पढ़ें- नवी मुंबई के फर्जी कॉल सेंटर से सीएम योगी को मारने की मिली थी धमकी

कुशीनगर : रामकोला नगर पंचायत (Ramkola Nagar Panchayat) के मथुरा नगर 6 नंबर वार्ड में 15 साल पहले दूषित पानी से हुई आधा दर्जन मौतों के बाद प्रशासन जागा था. यहां 200 मीटर दूर पर लोगों के लिए एक पानी की टंकी भी बनवाई गई. इस पानी की टंकी को बने 15 साल बीत गए हैं लेकिन यहां के लोगों के लिए शुद्ध पेयजल सपना ही बना रह गया. यहां तीन बार घटिया पाइप लगने से नलों में साफ पानी नहीं आ सका.

स्वच्छ पेयजल पानी की टंकी से पहुंचाने के लिए नगर पंचायत में ठेकेदारों को तीन बार काम दिया गया लेकिन काम पूरा नहीं होने से आज भी लोग दूषित पानी पीने को विवश हैं. इस बार गांव वालों ने कमजोर पाईप बिछाने का आरोप लगाकर पूरा काम ही रोक दिया है.सूचना पर पहुंचे नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी ने जल आपूर्ति न होने मे नगर पंचायत की कमी मानी है. जिसके लिए इस बार 250 घरों को पानी पहुचाने के लिए कार्य कराने की बाद भी कही है.

रामकोला नगर पंचायत के लोगों और अधिशासी अधिकारी ने शुद्ध पेयजल को लेकर कही ये बातें..


रामकोला नगर पंचायत क्षेत्र के पूर्वी भाग में मथुरा नगर वार्ड (Mathura Nagar Ward) है. यहां गांव का नगरों में जुड़ने के बाद लोगों को भरोसा था कि नगर पंचायत उनके मूलभूत जरूरतों पर ज्यादा ध्यान देगी. लेकिन कुशीनगर जिले के रामकोला नगर के मथुरानगर वार्ड में लोग आज भी शुद्ध पेयजल को तरस रहे हैं. रामकोला के काशीराम आवास के बगल में मथुरानगर वार्ड 6 का हिस्सा बसा हुआ है. यहां तकरीबन 800 लोगों की आबादी रहती. लेकिन यहां के लोग शुद्ध पेयजल के लिए वर्षों से तरस रहे हैं.

वहीं, स्थानीय निवासी जितेन्द्र खरवार बताते हैं, कि हमारे वार्ड से होकर पंजाब शुगर मिल का दूषित पानी जाता है. जिससे यहां के नल का पानी दूषित हो जाता है. तकरीबन 15 साल पहले दूषित पानी पीने से यहां 7 लोगों की मौत हो गयी थी. इसके बाद पंजाब मिल ने 5 हैंडपंप लगवाए थे जिनमे 4 खराब हो गए. बाकी बचे हुए एक हैंडपंप कि भी हालत जर्जर हो गई है. उसी से पानी की आपूर्ति होती है. दूषित पानी से हुई मौतों के बाद सरकार ने हमारे वार्ड के नाम पर एक ओवरहेड टैंक बनवाया जो महज दो सौ मीटर दूर दक्षिण में है. लेकिन वहां से अबतक हमारे वार्डो तक पानी नहीं आ पाया है.

अरविंद प्रजापति बताते हैं कि मिल चलने के साथ ही हमारे नलो से काला पानी निकलने लगता है. हमारी फसलें तक खराब हो जाती हैं. एक पानी की टंकी बनी जिससे हमारे घरों तक पानी पहुंचाने के लिए तीन बार पाइपलाइन बिछाने के लिए काम शुरू हुआ. हर बार घटिया पाइप लगने से आपूर्ति नहीं हो पाई है. इस बार भी चौथी बार पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू हुआ है लेकिन पाइप घटिया क्वालिटी के लग रहे हैं. इस बार भी लोग पानी को तरसेंगे.


लोगों के विरोध के बीच पहुंचे अधिशासी अधिकारी अमरीष सिंह ने उनकी परेशानी सुनी. इसके बाद कहा कि यहां 15वें वित्त आयोग से पाइप लाइन डालने का प्रावधान किया गया है. जो 250 घरों को पानी सप्लाई देगा. इससे पहले भी यहां दो बार पाइप पड़ चुका है जो कारगर नहीं हुआ. इससे लोगों में संदेह बना हुआ है. ईओ ने कहा कि जेई के साथ मिलकर लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखकर उचित कार्य किया जाएगा. वहीं, नगर पंचायत की कमी रही जिसके कारण यहां के लोगों को अबतक पेय जलापूर्ति नहीं मिली. हमारा बजट कम था फिर भी नगर पंचायत रामकोला के अधिशासी अधिकारी अमरीष सिंह ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के तहत विशेष तौर पर मथुरा नगर में एक आरओ प्लांट लगाने की व्यवस्था की जा रही है.

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