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डॉ. प्रांजल को स्वास्थ्य मंत्री ने दिया प्रथम पुरस्कार, BHU के बायोकेमिकल इंजीनियरिंग विभाग में हैं वैज्ञानिक

बीएचयू के बायोकेमिकल इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक डॉ. प्रांजल चन्द्रा को दूध की शुद्धता मापने और एक नए सेंसर की खोज करने के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव मिला है.

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युवा वैज्ञानिक डॉ. प्रांजल चन्द्रा
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Published : Jun 13, 2022, 4:28 PM IST

कुशीनगरः जिले के पड़रौना नगर के कन्नौजिया वार्ड पूर्वी के रहने वाले युवा वैज्ञानिक डॉ. प्रांजल चन्द्रा को उनके उत्कृष्ट खोज के लिए स्वास्थ्य मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया है. यह कार्यक्रम विश्व खाद्य सुरक्षा पर नई दिल्ली में आयोजित किया गया था.

जनपद के युवा वैज्ञानिक डॉ. प्रांजल चन्द्रा को यह पुरस्कार विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर एफएसएसएआई द्वारा नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भारत सरकार के स्वास्थ्य कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने सम्मानित किया है. डॉ. प्रांजल को उत्कृष्ट खोज के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ है. वह वर्तमान में सीआईआईटी बीएचयू के बायोकेमिकल इंजीनियरिंग विभाग में बतौर वैज्ञानिक नियुक्त हैं.

काबिलेगौर है कि युवा वैज्ञानिक डॉ. चन्द्रा के पिता डॉ. रमेश चन्द्र श्रीवास्तव गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रुप में अपनी सेवा दे चुके हैं . वर्तमान में इनका पूरा परिवार गोरखपुर में निवास करता है. डॉ. चन्द्रा ने दूध की शुद्धता मापने के लिए एक नए सेंसर की खोज की है जो बहुत ही कम समय में दूध की शुद्धता मापता है. जिसकी लागत पूर्व में विकसित अन्य सेंसरों से काफी कम है.

इसी खोज के क्रम में एफएसएसएआई द्वारा विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मांडविया ने इस युवा वैज्ञानिक को उनकी खोज के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया. जिससे परिवार के लोगों में डॉ. विनीत कुमार, सुजीत कुमार, नवनीत कुमार, एडवोकेट अचल श्रीवास्तव, अतुल कुमार श्रीवास्तव आदि ने डॉ. चन्द्रा को उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दी.

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कुशीनगरः जिले के पड़रौना नगर के कन्नौजिया वार्ड पूर्वी के रहने वाले युवा वैज्ञानिक डॉ. प्रांजल चन्द्रा को उनके उत्कृष्ट खोज के लिए स्वास्थ्य मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया है. यह कार्यक्रम विश्व खाद्य सुरक्षा पर नई दिल्ली में आयोजित किया गया था.

जनपद के युवा वैज्ञानिक डॉ. प्रांजल चन्द्रा को यह पुरस्कार विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर एफएसएसएआई द्वारा नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भारत सरकार के स्वास्थ्य कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने सम्मानित किया है. डॉ. प्रांजल को उत्कृष्ट खोज के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ है. वह वर्तमान में सीआईआईटी बीएचयू के बायोकेमिकल इंजीनियरिंग विभाग में बतौर वैज्ञानिक नियुक्त हैं.

काबिलेगौर है कि युवा वैज्ञानिक डॉ. चन्द्रा के पिता डॉ. रमेश चन्द्र श्रीवास्तव गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रुप में अपनी सेवा दे चुके हैं . वर्तमान में इनका पूरा परिवार गोरखपुर में निवास करता है. डॉ. चन्द्रा ने दूध की शुद्धता मापने के लिए एक नए सेंसर की खोज की है जो बहुत ही कम समय में दूध की शुद्धता मापता है. जिसकी लागत पूर्व में विकसित अन्य सेंसरों से काफी कम है.

इसी खोज के क्रम में एफएसएसएआई द्वारा विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मांडविया ने इस युवा वैज्ञानिक को उनकी खोज के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया. जिससे परिवार के लोगों में डॉ. विनीत कुमार, सुजीत कुमार, नवनीत कुमार, एडवोकेट अचल श्रीवास्तव, अतुल कुमार श्रीवास्तव आदि ने डॉ. चन्द्रा को उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दी.

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