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कुशीनगर: ओसी बिल घोटाले की रकम दो करोड़ के पार, आरोपियों का बयान दर्ज

यूपी के कुशीनगर में ओसी बिल घोटाले की जांच चल रही है. यह घोटाला अगस्त 2018 में हुआ था. सीडीओ आनन्द कुमार ने बताया कि जल्द ही मामले की रिपोर्ट डीएम को सौंप दी जाएगी.

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जानकारी देते सीडीओ.
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Published : Dec 23, 2019, 6:50 PM IST

कुशीनगर: आपदा विभाग में लगभग एक वर्ष पूर्व प्रकाश में आए ओसी बिल घोटाले की जांच चल रही है. जांच के बाद घोटाले की रकम दो करोड़ पार कर चुकी है. डीएम के निर्देश पर सीडीओ ने आरोपी माने जा रहे कलेक्ट्रेट कर्मचारियों का बयान दर्ज किया है. सीडीओ आनन्द कुमार ने बताया कि बयान पूरा होने के बाद रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी.

जानकारी देते सीडीओ.

2018 का मामला
वर्ष 2018 में कलेक्ट्रेट भवन के आपदा विभाग में किसानों को दिए जाने वाले राहत राशि से जुड़े ओसी बिल घोटाले का मामला सामने आया था. मुख्यालय पडरौना स्थित भारतीय स्टेट बैंक द्वारा राहत राशि की गड़बड़ी से जुड़े एक चेक का भुगतान किए जाने का मामला पकड़ में आया. इसके बाद 31 अगस्त 2018 को तत्कालीन एडीएम कृष्ण लाल तिवारी ने मीडिया के सामने गड़बड़ी की बात स्वीकार की थी. मामले की तभी से चल रही पड़ताल के क्रम में घोटाले की रकम बढ़ते-बढ़ते 2 करोड़ 25 लाख रुपये पार हो चुकी है.

कार्रवाई के नाम पर सिर्फ जांच
जाँच के क्रम में संदिग्ध आरोपी माने जा रहे चार कलेक्ट्रेट कर्मियों को पिछले कई महीनों से निलंबित कर रखा है. सूत्र बताते हैं कि मामले में दागी माने जा रहे कुछ कर्मचारियों ने आपदा की राशि से जुड़े कई चेकों का भुगतान अपने परिजनों और रिश्तेदारों के 18 खातों में जमा करवाया. बैंककर्मियों की मिलीभगत से जांच में साफ तौर पर ये बात सामने आ चुकी है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अभी तक सिर्फ जांच की ही बात कही जा रही है.

सीडीओ आनन्द कुमार ने बताया कि जांच के क्रम में आरोपित कर्मचारियों को एक साथ बैठाकर सभी का बयान दर्ज किया गया है. बहुत जल्द पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी.

कुशीनगर: आपदा विभाग में लगभग एक वर्ष पूर्व प्रकाश में आए ओसी बिल घोटाले की जांच चल रही है. जांच के बाद घोटाले की रकम दो करोड़ पार कर चुकी है. डीएम के निर्देश पर सीडीओ ने आरोपी माने जा रहे कलेक्ट्रेट कर्मचारियों का बयान दर्ज किया है. सीडीओ आनन्द कुमार ने बताया कि बयान पूरा होने के बाद रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी.

जानकारी देते सीडीओ.

2018 का मामला
वर्ष 2018 में कलेक्ट्रेट भवन के आपदा विभाग में किसानों को दिए जाने वाले राहत राशि से जुड़े ओसी बिल घोटाले का मामला सामने आया था. मुख्यालय पडरौना स्थित भारतीय स्टेट बैंक द्वारा राहत राशि की गड़बड़ी से जुड़े एक चेक का भुगतान किए जाने का मामला पकड़ में आया. इसके बाद 31 अगस्त 2018 को तत्कालीन एडीएम कृष्ण लाल तिवारी ने मीडिया के सामने गड़बड़ी की बात स्वीकार की थी. मामले की तभी से चल रही पड़ताल के क्रम में घोटाले की रकम बढ़ते-बढ़ते 2 करोड़ 25 लाख रुपये पार हो चुकी है.

कार्रवाई के नाम पर सिर्फ जांच
जाँच के क्रम में संदिग्ध आरोपी माने जा रहे चार कलेक्ट्रेट कर्मियों को पिछले कई महीनों से निलंबित कर रखा है. सूत्र बताते हैं कि मामले में दागी माने जा रहे कुछ कर्मचारियों ने आपदा की राशि से जुड़े कई चेकों का भुगतान अपने परिजनों और रिश्तेदारों के 18 खातों में जमा करवाया. बैंककर्मियों की मिलीभगत से जांच में साफ तौर पर ये बात सामने आ चुकी है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अभी तक सिर्फ जांच की ही बात कही जा रही है.

सीडीओ आनन्द कुमार ने बताया कि जांच के क्रम में आरोपित कर्मचारियों को एक साथ बैठाकर सभी का बयान दर्ज किया गया है. बहुत जल्द पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी.

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कुशीनगर जिले के आपदा विभाग में लगभग एक वर्ष पूर्व प्रकाश में आए ओसी बिल घोटाले की चल रही जाँच दर जांच के बाद घोटाले की रकम दो करोड़ पार कर चुकी है. जाँच के आखिरी दौर में जिलाधिकारी के निर्देश पर सीडीओ ने आरोपी माने जा रहे कलेक्ट्रेट कर्मचारियों का बयान दर्ज किया है. सीडीओ आनन्द कुमार ने बताया कि बयान पूरी होने के बाद पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी


Body:vo वर्ष 2018 के अगस्त महीने में कुशीनगर जिले के कलेक्ट्रेट भवन के आपदा विभाग में किसानों को दिए जाने वाले राहत राशि से जुड़े ओसी बिल घोटाले का मामला सामने आया था और ईटीवी भारत द्वारा सबसे पहले इस मामले को उठाया गया था

मुख्यालय पडरौना स्थित भारतीय स्टेट बैंक द्वारा राहत राशि की गड़बड़ी से जुड़े एक चेक का भुगतान किए जाने का मामला पकड़ में आने के बाद 31अगस्त 2018 को तत्कालीन एडीएम कृष्ण लाल तिवारी ने मीडिया के सामने गड़बड़ी की बात को स्वीकार किया था

मामले की तभी से चल रही पड़ताल के क्रम मे घोटाले की रकम बढ़ते बढ़ते 2 करोड़ 25 लाख रुपये पार कर चुकी है. जाँच के क्रम में संदिग्ध आरोपी माने जा रहे चार कलेक्ट्रेट कर्मियों को पिछले कई महीनों से निलम्बित कर रखा गया है

सूत्र बताते हैं कि मामले में दागी माने जा रहे कुछ कर्मचारियों ने आपदा की राशि से जुड़े कई चेकों का भुगतान अपने परिजनों और रिश्तेदारों के 18 खातों में जमा करवाया, बैंक कर्मियों की मिलीभगत से जाँच में साफ तौर पर ये बात सामने आ चुकी है लेकिन कार्यवाही के नाम पर अभी तक सिर्फ जाँच की ही बात कही जा रही है

मामले पर सीडीओ कुशीनगर आनन्द कुमार ने बताया कि जाँच के क्रम में आरोपित कर्मचारियों को एक साथ बैठाकर एक एक करके सभी का बयान दर्ज किया गया है, बहुत जल्द पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी

बाइट - आनन्द कुमार, सीडीओ, कुशीनगर


Conclusion:vo मामला 5 लाख से शुरू हुआ था लेकिन लगातार चले जाँच के क्रम में घोटाले की रकम दो करोड़ पार कर चुकी है, जिले में जाँच के चल रहे क्रम में एक टेबल से दूसरे टेबल तक ही सीमित है जरुरत है कि शासन इस मामले का संज्ञान ले और किसी बड़ी एजेंसी से घोटाले की जाँच कराई जाए

End P2C

सूर्य प्रकाश राय
कुशीनगर
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