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कुशीनगर: सरकारी जमीन पर सपा प्रत्याशी ने बनवाया अपना स्कूल, HC ने जारी किया नोटिस - HC ने जारी किया नोटिस

बड़हरा गांव में सिंचाई विभाग की जमीन है. समाजवादी नेता और वर्तमान में गठबंधन प्रत्याशी नथुनी कुशवाहा ने राजस्व कर्मियों के साथ सांठ-गांठ कर जमीन के एक भूभाग को अपने नाम करा लिया है. वहीं इस मामले में एक शख्स ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.

सरकारी जमीन पर सपा प्रत्याशी ने बनवाया अपना स्कूल.
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Published : May 16, 2019, 11:37 AM IST

कुशीनगर: संसदीय सीट से सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी नथुनी कुशवाहा की मुश्किलें बढ़ने वाली है. उनके ऊपर सरकारी भूमि के एक बड़े भूभाग को अपने नाम करवाने और उस पर विद्यालय खुलवाने का आरोप है. हालांकि, इस पर निरस्तीकरण का आदेश जारी हो गया है. वहीं जिला प्रशासन द्वारा मामले की सुध नहीं लिए जाने पर एक शख्स ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.

सरकारी जमीन पर सपा प्रत्याशी ने बनवाया अपना स्कूल.
क्या है पूरा मामला-
  • पडरौना से छह-सात किलोमीटर दूर अल्पसंख्यक बाहुल्य बड़हरा गांव में सिंचाई विभाग की जमीन है.
  • उसी में से एक बड़े भूखण्ड पर निजी विद्यालय के प्रबंध तंत्र द्वारा बीते एक दशक से कब्जे की प्रक्रिया शुरू की गयी थी.
  • ग्रामीणों के अनुसार सिंचाई विभाग की इस जमीन को कुछ राजस्व कर्मियों के साथ सांठ-गांठ कर उक्त विद्यालय से जुड़े लोगों ने अपने पक्ष में करा लिया था.
  • गांव के लोगों ने इसे प्रशासनिक भ्रष्टाचार करार देते हुए जिला से लेकर शासन तक का दरवाजा खटखटाया पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
  • अंततः एसडीएम पडरौना ने जांच के बाद विद्यालय प्रबंध तंत्र से जुड़े लोगों का नाम खारिज करते हुए उक्त भूमि पर पुनः सिंचाई विभाग का नाम चढ़ा दिया है.
  • नाम परिवर्तित हो गया, लेकिन विद्यालय में तालाबंदी नहीं हुई.
  • इसके खिलाफ लोगों ने आवाज उठाई, लेकिन जब जिला स्तर पर इसका किसी ने संज्ञान नहीं लिया तो ग्रामीणों ने मामले को उच्च न्यायालय के सामने प्रस्तुत किया है.

काफी लिखा-पढ़ी करने के बाद अभिलेखों में सिंचाई विभाग का नाम चढ़ गया है. विद्यालय चलाने वाले समाजवादी नेता और वर्तमान में गठबंधन प्रत्याशी ने जब फिर कानूनी अड़ंगा लगाया तो हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की. याचिका स्वीकार कर ली गई है और न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया है.
-एजाज अहमद, याचिकाकर्ता

कुशीनगर: संसदीय सीट से सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी नथुनी कुशवाहा की मुश्किलें बढ़ने वाली है. उनके ऊपर सरकारी भूमि के एक बड़े भूभाग को अपने नाम करवाने और उस पर विद्यालय खुलवाने का आरोप है. हालांकि, इस पर निरस्तीकरण का आदेश जारी हो गया है. वहीं जिला प्रशासन द्वारा मामले की सुध नहीं लिए जाने पर एक शख्स ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.

सरकारी जमीन पर सपा प्रत्याशी ने बनवाया अपना स्कूल.
क्या है पूरा मामला-
  • पडरौना से छह-सात किलोमीटर दूर अल्पसंख्यक बाहुल्य बड़हरा गांव में सिंचाई विभाग की जमीन है.
  • उसी में से एक बड़े भूखण्ड पर निजी विद्यालय के प्रबंध तंत्र द्वारा बीते एक दशक से कब्जे की प्रक्रिया शुरू की गयी थी.
  • ग्रामीणों के अनुसार सिंचाई विभाग की इस जमीन को कुछ राजस्व कर्मियों के साथ सांठ-गांठ कर उक्त विद्यालय से जुड़े लोगों ने अपने पक्ष में करा लिया था.
  • गांव के लोगों ने इसे प्रशासनिक भ्रष्टाचार करार देते हुए जिला से लेकर शासन तक का दरवाजा खटखटाया पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
  • अंततः एसडीएम पडरौना ने जांच के बाद विद्यालय प्रबंध तंत्र से जुड़े लोगों का नाम खारिज करते हुए उक्त भूमि पर पुनः सिंचाई विभाग का नाम चढ़ा दिया है.
  • नाम परिवर्तित हो गया, लेकिन विद्यालय में तालाबंदी नहीं हुई.
  • इसके खिलाफ लोगों ने आवाज उठाई, लेकिन जब जिला स्तर पर इसका किसी ने संज्ञान नहीं लिया तो ग्रामीणों ने मामले को उच्च न्यायालय के सामने प्रस्तुत किया है.

काफी लिखा-पढ़ी करने के बाद अभिलेखों में सिंचाई विभाग का नाम चढ़ गया है. विद्यालय चलाने वाले समाजवादी नेता और वर्तमान में गठबंधन प्रत्याशी ने जब फिर कानूनी अड़ंगा लगाया तो हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की. याचिका स्वीकार कर ली गई है और न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया है.
-एजाज अहमद, याचिकाकर्ता

Intro:INTRO - कुशीनगर संसदीय सीट से सपा बसपा गठबन्धन प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ने की खबर है. उनके ऊपर सरकारी भूमि के एक बड़े भूभाग को अपने नाम करवाने और उस पर एक बड़ा विद्यालय खुलवाने का आरोप लगा है. हालांकि वर्षों पहले राजस्व विभाग के गठजोड़ से हुए इस खेल के निरस्तीकरण का आदेश जारी हो गया है लेकिन जिला प्रशासन द्वारा मामले की सुधि नही लिए जाने के कारण भ्रष्टाचार से लड़ने वाले एक गरीब व्यक्ति ने मामले को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा दिया है. खास बात ये है कि जिला प्रशासन ने सरकार द्वारा शुरु किए गए भूमाफिया अभियान में इस मामले को छुवा तक नही.


Body:VO - पडरौना से छः सात किमी दूर अल्पसंख्यक बाहुल्य बड़हरा गाँव मे सिंचाई विभाग की काफी जमीने हैं, उन्ही मे से एक बड़े भूखण्ड पर एक निजी विद्यालय के प्रबंध तंत्र द्वारा बीते एक दशक से कब्जे की प्रक्रिया शुरू की गयी थी. ग्रामीणों की माने तो सिंचाई विभाग की इस जमीन को कुछेक दागी राजस्व कर्मियों के साथ साँठगाँठ करके उक्त विद्यालय से जुड़े लोगों ने अपने पक्ष में करा लिया था.

गाँव के कुछ जागरुक लोगों ने इसे प्रशासनिक भ्रष्टाचार करार देते हुए जिला से लेकर शासन तक का दरवाजा खटखटाया. जाँच करने अधिकारी आते और मामला फ़ाइल दफ्तर हो जाता, इन्ही सब प्रक्रिया के बीच विद्यालय प्रबन्ध तंत्र ने उक्त जमीन पर बाउंड्री चलाकर अन्दर भव्य विद्यालय भवन का निर्माण भी करा दिया. और तो और स्थानीय बेसिक शिक्षा से जुड़े अधिकारियों की कृपा ऐसी बरसी कि बिना कागजी पड़ताल के विद्यालय को मान्यता भी मिल गयी. अन्य क्लासेस के लिए सरकारी भूमि पर बने इस विद्यालय को सीबीएससी बोर्ड की मान्यता भी मिली बतायी जाती है.

मामले को लेकर बड़हरागंज के ग्रामीणों की कागजी लिखापढ़ी लगातार जब जारी रही तो अंततः एसडीएम पडरौना ने एक जाँच के बाद विद्यालय प्रबन्ध तंत्र से जुड़े लोगों का नाम खारिज करते हुए उक्त भूमि पर पुनः सिंचाई विभाग का नाम चढ़ा दिया है.

नाम परिवर्तित हो गया लेकिन इसके बावजूद जब विद्यालय में तालाबन्दी नही हुई तो इसके विरुद्ध लोगों ने आवाज उठायी. लेकिन जब जिला स्तर पर इसका किसी ने संज्ञान नही लिया तो ग्रामीणों की तरफ से भ्रष्टाचार के विरुद्ध अलख जगाने वाले एक गरीब परिवार से जुड़े एजाज अहमद ने कुछेक लोगों से आर्थिक मदद लेकर मामले से जुड़ा एक मुकदमा उच्च न्यायालय के सामने प्रस्तुत कर दिया.

मामले को हाई कोर्ट तक ले जाने वाले याचिकाकर्ता एजाज अहमद ने ईटीवी भारत को बताया कि काफी लिखा पढ़ी करने के बाद अभिलेखों में सिंचाई विभाग का नाम चढ़ गया है लेकिन विद्यालय चलाने वाले समाजवादी नेता और वर्तमान में गठबन्धन के प्रत्याशी ने फिर जब कानूनी अड़ंगा लगाया तो हमने हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की. मेरी याचिका स्वीकार कर ली गयी है और न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया है.

बाइट - एजाज अहमद, याचिकाकर्ता


Conclusion:VO - बताना जरूरी होगा कि इस मामले का सबसे पहले खुलासा ईटीवी ने बीते अक्टूबर महीने में 31 तारीख को किया था, प्रशासनिक हल्के और सम्बन्धित पक्षों के बीच थोड़ी खलबली मची थी लेकिन मामले को अधिकारियों ने समय बीतने के साथ ही ठन्डे बस्ते के हवाले कर दिया था. देखने वाली बात आगे के दिनों में ये होगी कि एजाज बनाम ऊ.प्र. राज्य सरकार व सात अन्य के मामले में न्यायालय अंतिम आदेश क्या पारित करता है.

सूर्य प्रकाश राय
कुशीनगर
9984001450
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