कुशीनगर: संसदीय सीट से सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी नथुनी कुशवाहा की मुश्किलें बढ़ने वाली है. उनके ऊपर सरकारी भूमि के एक बड़े भूभाग को अपने नाम करवाने और उस पर विद्यालय खुलवाने का आरोप है. हालांकि, इस पर निरस्तीकरण का आदेश जारी हो गया है. वहीं जिला प्रशासन द्वारा मामले की सुध नहीं लिए जाने पर एक शख्स ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.
- पडरौना से छह-सात किलोमीटर दूर अल्पसंख्यक बाहुल्य बड़हरा गांव में सिंचाई विभाग की जमीन है.
- उसी में से एक बड़े भूखण्ड पर निजी विद्यालय के प्रबंध तंत्र द्वारा बीते एक दशक से कब्जे की प्रक्रिया शुरू की गयी थी.
- ग्रामीणों के अनुसार सिंचाई विभाग की इस जमीन को कुछ राजस्व कर्मियों के साथ सांठ-गांठ कर उक्त विद्यालय से जुड़े लोगों ने अपने पक्ष में करा लिया था.
- गांव के लोगों ने इसे प्रशासनिक भ्रष्टाचार करार देते हुए जिला से लेकर शासन तक का दरवाजा खटखटाया पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
- अंततः एसडीएम पडरौना ने जांच के बाद विद्यालय प्रबंध तंत्र से जुड़े लोगों का नाम खारिज करते हुए उक्त भूमि पर पुनः सिंचाई विभाग का नाम चढ़ा दिया है.
- नाम परिवर्तित हो गया, लेकिन विद्यालय में तालाबंदी नहीं हुई.
- इसके खिलाफ लोगों ने आवाज उठाई, लेकिन जब जिला स्तर पर इसका किसी ने संज्ञान नहीं लिया तो ग्रामीणों ने मामले को उच्च न्यायालय के सामने प्रस्तुत किया है.
काफी लिखा-पढ़ी करने के बाद अभिलेखों में सिंचाई विभाग का नाम चढ़ गया है. विद्यालय चलाने वाले समाजवादी नेता और वर्तमान में गठबंधन प्रत्याशी ने जब फिर कानूनी अड़ंगा लगाया तो हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की. याचिका स्वीकार कर ली गई है और न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया है.
-एजाज अहमद, याचिकाकर्ता