प्रयागराज की धरती पर चल रहे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले में सोमवार से तीर्थराज प्रयागराज की पंचकोसी परिक्रमा की शुरुआत की गई. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नेतृत्व में साधु-संतों ने त्रिवेणी तट पर गंगा पूजन के साथ इसकी शुरुआत की. पांच दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में संगम नगरी में विराजमान सभी प्रमुख देवी-देवताओं के मंदिरों का दर्शन पूजन कर पुण्य अर्जित किया जाएगा.
त्रिवेणी तट पर गंगा पूजन और आरती के बाद साधु-संत किला स्थित अक्षय वट के दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे. उसके सभी साधु संतों ने संगम किनारे लेटे हनुमान मंदिर में भी दर्शन किया. इस पंचकोशी परिक्रमा में 12 माधव, नाग वासुकी मंदिर, दशास्वमेघ मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, सोमेश्वर महादेव मंदिर, दुर्वासा आश्रम, भारद्वाज आश्रम, पडिला महादेव मंदिर समेत जिले भर के पौराणिक महत्व वाले मंदिरों में दर्शन पूजन किया जाएगा.
पंच कोसी परिक्रमा की शुरुआत जूना अखाड़े के संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज और महामंत्री महंत हरि गिरी महाराज ने यात्रा की अगुवाई की गई. इसमें काफी संख्या में साधु शामिल हुए. प्रयागराज में पंचकोसी परिक्रमा का विशेष महत्व है. हर वर्ष माघ मास में साधु संत पंचकोसी परिक्रमा के जरिए तीर्थों का दर्शन पूजन करते हैं. महाकुंभ 2019 से पहले 2017 में इस परिक्रमा को फिर से शुरू किया गया.अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि अखाड़ा परिषद के महामंत्री के प्रयास से सदियों पुरानी यह परंपरा फिर से पुनर्जीवित कर दी गई है. 2017 से लगातार यह यात्रा जारी है.