कुशीनगर: जिले के कसया में तैनात रहे अतुल्य कुमार पांडेय पर एसीबी (एन्टी करप्शन ब्यूरो) द्वारा जांच के बाद मुकदमा दर्ज कराया गया था. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी थानाध्यक्ष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. आरोप लगाने वाले भाजपा विधायक ने कहा कि एसीबी ने जांच के बाद एफआईआर दर्ज कराई है तो कार्रवाई भी नियमानुसार होनी चाहिए. आरोपी थानाध्यक्ष वर्तमान में जिले के पटहेरवा थाने में थानाध्यक्ष हैं.
यह है मामला
कसया थाना में मुकदमा अपराध संख्या 253/2019 धारा 3/5 ए/8 गोवध निवारण, 11 पशु क्रूरता अधिनियम, अपढ़ संख्या 321/19 धारा 307 व 3/5ए/8 गोवध निवारण और 11 पशु क्रूरता अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था. स्थानीय विधायक ने इस मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष पर फर्जी सुपुर्दगीनामा बनाकर और घटना में प्रयुक्त वाहन बदलकर अपराधियों को छोड़ने का आरोप लगाया था. शासन स्तर पर हुई शिकायत के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने आरोपों की जांच की और कसया के आरोपी थाना प्रभारी अतुल्य कुमार पांडेय सहित 25 अन्य पर पूरे साक्ष्य के साथ धारा 406 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया था.
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यह हुआ खुलासा
विभागीय सूत्रों के अनुसार, मामले की पड़ताल में आरोप सही पाए गए. जांच के दौरान सुपुर्दगी लिए एक भी व्यक्ति के घर गोवंश नहीं पाए गए. सुपुर्दगी में लिए गए छह लोगों पर गोवध सहित अन्य धाराओं में पूर्व में कई मुकदमे कायम मिले हैं. अन्य के भी गोवंश की खरीद-फरोख्त में शामिल होने की जानकारी मिली है. इस पुष्टि के बाद मुकदमा दर्ज कराया गया.
ये बोले विधायक
विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने कहा कि एसीबी ने लम्बी जांच के बाद थानाध्यक्ष को आरोपी बनाया और पूरे साक्ष्य के साथ उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया. इसके बाद उनका पद पर बने रहना न्याय संगत नहीं है. अधिकारियों को आरोपी थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. कानून और न्याय व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वाला कोई भी शख्श भाजपा शासित शासन व्यवस्था में बच नहीं सकता है.
एसपी ने दी जानकारी
पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह ने बताया कि एंटी करप्शन ब्यूरो ने थानाध्यक्ष पर मुकदमा दर्ज कराया है. मामले की विवेचना भी उसी टीम द्वारा ही की जाएगी. विभागीय जांच भी हो रही है. जैसी रिपोर्ट आएगी, उसके अनुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.