कुशीनगर: नेपाल की पहाड़ियों पर बारिश में कमी के चलते बाल्मीकिनगर गंडक बैराज से पानी डिस्चार्ज में बुधवार की तुलना में गुरूवार को काफी गिरावट देखी गई. इस दौरान नदी के जलस्तर में भी गिरावट दर्ज की गई. भैंसहा गेज पर नदी वॉर्निंग प्वाइंट (चेतावनी बिंदु) से 35 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. फिलहाल पानी के डिस्चार्ज और जलस्तर में गिरावट से तटीय इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली है.
बता दें कि नारायणी नदी में बुधवार की सुबह से पानी के डिस्चार्ज में बढ़ोतरी होने लगी थी. सुबह 8 बजे 1 लाख 42 हजार 100, 12 बजे 1 लाख 86 हजार 200, दोपहर 2 बजे 2 लाख 12 हजार 200, शाम 4 बजे 2 लाख 27 हजार, शाम 6 बजे 2 लाख 67 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया. हालांकि रात 8 बजे डिस्चार्ज में कमी हुई और 2 लाख 60 हजार 800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया.
इसके बाद से लगातार बैराज से पानी के डिस्चार्ज में कमी होती रही. गुरुवार की सुबह 7 बजे नदी में डिस्चार्ज 2 लाख 27 हजार क्यूसेक, दिन में 1 बजे 2 लाख 6 हजार 400 क्यूसेक, शाम 3 बजे 1 लाख 91 हजार 200 क्यूसेक और शाम 4 बजे 1 लाख 89 हजार क्यूसेक रहा. इस दौरान गंडक नदी के जलस्तर में गिरावट देखी गई.
नदी के जलस्तर में गिरावट के बावजूद गुरुवार की शाम चार बजे भैंसहा गेज पर नदी पर पानी का जलस्तर वॉर्निंग प्वाइंट से 35 सेमी ऊपर मिला. नदी के बढ़े हुए जलस्तर से तटीय गांव शिवपुर, हरिहरपुर, मरिचहवा, नारायनपुर, बसंतपुर, शाहपुर और पनियहवा-छपवा राजमार्ग के दाहिने ओर बसे महदेवा और सालिकपुर गांव में लगातार बाढ़ का खतरा बना हुआ है. फिलहाल पहले की अपेक्षा जलस्तर में गिरावट से तटीय गांवों के लोग भयमुक्त हो गए हैं. हालांकि बाढ़ को लेकर खड्डा तहसील प्रशासन सचेत है.
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एसडीएम भावना सिंह ने नायब तहसीलदार रवि यादव के साथ पनियहवा, महदेवा, सालिकपुर गांव का दौरा किया. इसके बाद रेता जाने के लिए नौरंगिया पहुंची. लेकिन आगे रोहुआ पुल के पास रास्ता बदहाल होने के चलते वह गांवों तक नहीं पहुंच सकीं. इस दौरान एसडीएम ने रेता के ग्रामप्रधानों और कोटेदारों से बातचीत कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए.
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