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प्रशासन की आंख में धूल झोंक रहे माफिया, खेतों से किया जा रहा खनन

कुशीनगर में खनन माफिया धड़ल्ले से अपना गोरखधंधा चला रहे हैं. किसानों के खेतों से भी खनन किया जा रहा है. प्रशासन इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

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Published : Apr 3, 2022, 4:55 PM IST

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खेतों से खनन

कुशीनगर: जनपद में खनन माफियाओं के हौसले बढ़ते ही जा रहे हैं. बरवापट्टी थाना क्षेत्र में कास्तकारी और किसानों की जमीन पर माफियाओं की नजर बनी हुई है. रात के अंधेर में दबंग धड़ल्ले से खेतों से खनन करते है लेकिन पुलिस प्रशासन आंख बंद करके बैठा है. इस अवैध कारोबार में कई ट्रैक्टर-ट्रालियां भी लगाई गईं हैं . वहीं, इस गोरखधंधे पर अंकुश लगाने में पुलिस पूरी तरह से असफल नजर आ रही है.

खनन माफिया नदी-नालों के अलावा खेतों में से बालू निकालने का काम कर रहे है. किसानों ने स्थानीय थाना, लेखपाल और डीएम को प्रार्थना पत्र देकर इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. हालांकि अभी तक इन दबंगों पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है. माफिया खेतों से बालू खनन कर किसानों को काफी नुकसान पहुंचा रहे है. प्रशासन को किसानों की हालत नहीं दिख रही है.

पटाखा कारोबारी के घर में लगी भीषण आग, दो की मौत 6 घायल

अमवाखास टोला खैरटिया निवासी किसान जितेंद्र मिश्र और बैकुंठपुर कोठी निवासी रामचंद्र ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उनकी कई एकड़ जमीन नदी में समाहित हो गई है. इसकी वजह से जमीन के कुछ हिस्सों में बालू इकठ्ठा हो गया है. खेतो में खनन माफिया दस फिट गहरे से जबरन बालू निकाल रहे हैं. इससे खेत बर्बाद हो रहे है. किसानों के शिकायत करने के बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

मामले में एसडीएम तमकुहीराज डॉ. छेदीलाल सोनकर ने बताया कि किसानों के खेतों से बालू खनन चिंता का विषय है. इसको गंभीरता से लिया जाएगा. जल्द ही खनन माफियाओं के खिलाफ छापेमारी कर कार्रवाई की जाएगी. पुलिस गश्त के बाद भी बालू का खनन होने से पुलिस प्रशासन की भूमिका संदेह के घेरे में है. किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रशासन के ही कुछ लोग बालू माफियाओं को संरक्षण दे रहे है.

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कुशीनगर: जनपद में खनन माफियाओं के हौसले बढ़ते ही जा रहे हैं. बरवापट्टी थाना क्षेत्र में कास्तकारी और किसानों की जमीन पर माफियाओं की नजर बनी हुई है. रात के अंधेर में दबंग धड़ल्ले से खेतों से खनन करते है लेकिन पुलिस प्रशासन आंख बंद करके बैठा है. इस अवैध कारोबार में कई ट्रैक्टर-ट्रालियां भी लगाई गईं हैं . वहीं, इस गोरखधंधे पर अंकुश लगाने में पुलिस पूरी तरह से असफल नजर आ रही है.

खनन माफिया नदी-नालों के अलावा खेतों में से बालू निकालने का काम कर रहे है. किसानों ने स्थानीय थाना, लेखपाल और डीएम को प्रार्थना पत्र देकर इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. हालांकि अभी तक इन दबंगों पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है. माफिया खेतों से बालू खनन कर किसानों को काफी नुकसान पहुंचा रहे है. प्रशासन को किसानों की हालत नहीं दिख रही है.

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अमवाखास टोला खैरटिया निवासी किसान जितेंद्र मिश्र और बैकुंठपुर कोठी निवासी रामचंद्र ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उनकी कई एकड़ जमीन नदी में समाहित हो गई है. इसकी वजह से जमीन के कुछ हिस्सों में बालू इकठ्ठा हो गया है. खेतो में खनन माफिया दस फिट गहरे से जबरन बालू निकाल रहे हैं. इससे खेत बर्बाद हो रहे है. किसानों के शिकायत करने के बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

मामले में एसडीएम तमकुहीराज डॉ. छेदीलाल सोनकर ने बताया कि किसानों के खेतों से बालू खनन चिंता का विषय है. इसको गंभीरता से लिया जाएगा. जल्द ही खनन माफियाओं के खिलाफ छापेमारी कर कार्रवाई की जाएगी. पुलिस गश्त के बाद भी बालू का खनन होने से पुलिस प्रशासन की भूमिका संदेह के घेरे में है. किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रशासन के ही कुछ लोग बालू माफियाओं को संरक्षण दे रहे है.

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