कुशीनगर: जिले की तरयासुजान पुलिस ने फर्जीवाड़ा कर लोगों के खाते से पैसा निकालने वाले अंतर्जनपदीय गैंग का पर्दाफाश किया है. ये लोग नकली फिंगर प्रिंट तैयार कर फर्जी जनसेवा केंद्र का रजिस्ट्रेशन कराकर आम लोगों के खाते से पैसा निकाल लेते थे. इस काम में संलिप्त तीन जालसाजों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस इन अभियुक्तों के पास से भारी मात्रा में आधारकार्ड, मुहर, पेपर, प्रिंटर व एक लाख तीस हजार रुपये बरामद किए हैं. पुलिस ने यह पूरी कार्रवाई साइबर सेल की मदद से की.
शनिवार को पुलिस अधीक्षक रितेश कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि थाना तरयासुजान में 15 सितम्बर को एक पीड़िता के बचत खाते से 3 लाख 25 हजार रुपये गायब होने की सूचना मिली थी. वहीं थाना अहिरौली बाजार में 18 नवंबर को पीड़ित के बचत खाते से भी कई बार में कुल 98 हजार निकाले जाने का मामला सामने आया. इस संबंध में मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसके बाद साइबर सेल की मदद से शनिवार को तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस अधीक्षक रितेश कुमार सिंह ने पीड़ितों के खाते से धोखाधड़ी कर पैसा निकालने वाले गैंग को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष रणनीति बनाई. उन्होंने स्थानीय पुलिस एवं साइबर सेल की संयुक्त टीम का गठन किया. इसके बाद थाना तरयासुजान व साइबर सेल कुशीनगर की संयुक्त पुलिस टीम ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी अंगूठे के फिंगर प्रिन्ट का नकली क्लोन तैयार करते थे. इसके बाद थार-पे ऐप के जरिए धोखाधड़ी कर लोगों के खाते से पैसा निकाल लेते थे. उन्होंने बताया कि सभी शातिर जालसाजों को तमकुहीराज ओवरब्रिज के पास से गिरफ्तार किया गया है. जिसमे गोरखपुर के श्यामराज के साथ देवरिया के दीपक कुमार व जितेन्द्र गुप्ता को गिरफ्तार शामिल हैं.
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