कुशीनगर: कुशीनगर के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के नौरंगिया गांव में विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले पूरे गांव में एक हादसे के कारण मातम का माहौल है. लेकिन इससे पहले 2017 में भी यहां एक ऐसा ही वाक्या पेश आया था. यही कारण है कि यहां के ग्रामीणों के लिए विधानसभा चुनाव मातम के संदेश की तरह है. वहीं, इस गांव के लिए 17 फरवरी सबसे मनहूस दिन है, क्योंकि विधानसभा चुनाव 2017 और 2022 दोनों के ही दौरान यहां घटित हादसों में ग्रामीणों को जान गंवानी पड़ी है. पिछले विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान नेबुआ नौरंगिया चौराहे पर एक शादी में सड़क किनारे आर्केस्ट्रा देख रहे 15 लोगों को एक तेज रफ्तार पिकअप ने रौंद दिया था, जिसमें सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. वहीं, एक बार फिर विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान 13 महिलाओं व बच्चियों की मौत ने यहां के लोगों को फिर से गमजदा कर दिया है और पूरे गांव में मातम का माहौल है.
दरअसल, कुएं में गिरने से 13 महिलाओं व बच्चियों की मौत के बाद नौरंगिया गांव में मातम पसरा है. एक साथ 13 लाशे देखने के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है. वहीं, हादसे से आक्रोशित ग्रामीणों ने एनएच 28 जामकर प्रदर्शन किया और लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाई की मांग की. जिसके बाद कई स्वास्थ्यकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया.
एक ग्रामीण ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान भी एक ऐसा ही हादसा पेश आया था. गांव में शादी समारोह के दौरान द्वारपूजा कार्यक्रम के समय चौराहे पर चुनावी प्रवेशक की टीम गाड़ियों की चेकिंग कर रही थी. जिसके बाद उन्होंने एक पिकअप को रोका और ड्राइवर को मारने लगे. मौका पाकर ड्राइवर पिकअप लेकर भागा और सड़क किनारे चल रहे आर्केस्ट्रा को देख रहे लोगों को वो रौंदते हुए निकल गया. उस हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, ग्रामीण ने बताया कि मरने वालों में उसकी बेटी भी शामिल थी.
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