कुशीनगर: विशुनपुरा थाने की पुलिस का एक कारनामा इन दिनों सुर्खियों में है. कोकिलपट्टी गांव के एक भूमि विवाद मामले में पुलिस ने घटना की तारीख के पहले ही विवेचना कर दी. काटे पर्चे की तारीख में मुकदमा पंजीकृत तो दूर घटना भी नहीं हुई थी. इसका पता प्रतिवादी को कोर्ट से प्रमाणित कॉपी मिलने के बाद लगा. एसपी ने जिम्मेदारों पर विभागीय कार्रवाई की बात कही है. हालांकि, पुलिस का कहना है कि यह लिपिकीय त्रुटि है, टाइपिंग में गलती हो गई है.
विशुनपुरा थाना क्षेत्र के कोकिलपट्टी गांव में 31 मई 2022 दो पक्षों में भूमि विवाद को लेकर मारपीट हुई. इस मामले में पहले तो पुलिस ने केस दर्ज करने में लापरवाही दिखाई. एक सप्ताह बाद पीड़ित मीना देवी की तहरीर पर छह जून को पुलिस ने विसुनपुरा थाने में केस दर्ज किया. इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और विवेचक संतराज यादव ने पहला पर्चा छह जून को काट दिया. लेकिन, दूसरे पर्चे को मुकदमे की तारीख से लगभग दो माह पीछे सात अप्रैल की तारीख में काटा. मामले में जांच करने का तीसरा पर्चा 16 जून को काटकर कोर्ट में भेज दिया. इतना ही नहीं इसके बाद दोबारा गड़बड़ी करते हुए चौथा पर्चा 25 मई को काटा गया.
पुलिस विभाग की लापरवाही सिर्फ थाने में ही नहीं सीओ तमकुहीराज कार्यालय में भी देखी गई. इसमें 31 मई को हुई मारपीट में 7 अप्रैल और 25 मई की तारीख में काटे गए पर्चे को बिना जांच कोर्ट में प्रेषित कर दिया गया. इस प्रकरण में जब दूसरे पक्ष ने मुकदमा दर्ज कराकर कोर्ट से प्रमाणित कॉपी मांगी, तब यह लापरवाही सामने आई.
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इस मामले में विशुनपुरा थाने के एसएचओ ने कहा कि इसमें लिपिक त्रुटि हुई है. थाने और सीओ कार्यालय में बरती गई लापरवाही पर पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने कहा कि शिकायत सामने आने पर इसकी जांच कराई जाएगी. गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.