ETV Bharat / state

किसानों को नहीं मिल पाए सोलर पंप, ये है वजह

author img

By

Published : Nov 21, 2021, 2:09 PM IST

कोरोना के कारण कुशीनगर में किसानों को सोलर पंप नहीं मिल पाए. उसके लिए किसान विभाग के चक्कर लगा रहे हैं. जिले के किसानों को दो, तीन और पांच एचपी का सोलर पंप 60 फीसदी अनुदान पर प्राप्त होता है.

सोलर पंप
सोलर पंप

कुशीनगर: कोरोना ने जनपद के किसानों की सोलर पंप पाने की आस पर पानी फेर दिया. कोरोना महामारी की वजह से जिले को सोलर पंप का लक्ष्य और बजट नहीं मिला. नतीजतन नए वित्तीय वर्ष में सोलर पंप हासिल करने वाले किसानों का सपना मुंगेरीलाल के हसीन सपने बनकर रह गए. किसान विभाग का चक्कर लगाने को मजबूर हैं. किसानों को सोलर पंप पहले आओ पहले पाओ के आधार पर 60 फीसदी अनुदान पर प्राप्त होता है.

जिले के किसानों को दो, तीन और पांच एचपी का सोलर पंप 60 फीसदी अनुदान पर प्राप्त होता है. यह सोलर पंप एसी व डीसी दोनों तरह का होता है. किसानों की फसलों की सिंचाई के लिए सोलर पंप बहुत ही उपयोगी साबित होता है. सूर्य की किरणों से चलने वाले सोलर पंप से फसलों की सिंचाई बेहतर तरीके से हो जाती है. सोलर पंप छोटे किसानों के लिए भी कारगर साबित होता है.

सब्जी और अन्य फसलों की सिंचाई के लिए किसान सोलर पंप को ज्यादा तवज्जों देते हैं. नए वित्तीय वर्ष में सोलर पंप का बजट व लक्ष्य निर्धारित नहीं होने के कारण किसानों को मायूसी हाथ लगी. किसान सोलर पंप के लिए जिला कृषि अधिकारी व उप कृषि निदेशक कार्यालयों का चक्कर लगाने को मजबूर हैं.

किसानों का कहना है कि अनुदान के बाद लगने वाली धनराशि की व्यवस्था काफी मेहनत के बाद की थी, लेकिन सोलर पंप नहीं मिलने का काफी मलाल है. कृषि विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि कोरोना के चलते सोलर पंप के उपकरण का उत्पादन प्रभावित हुआ है. इसके चलते सोलर पंप का लक्ष्य व बजट जारी नहीं हो सका.

प्रदेश सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र को विकसित करने के उद्देश्य से सोलर पंप योजना का शुभारंभ किया गया है. प्रदेश के दस हजार गांवों में इस सोलर पंप को लगाने की योजना बनाई गई है. इसमें एक सोलर पंप के जरिए कई किसानों की समस्याओं का समाधान होगा. इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश में रहने वाले किसानों को दिए जाने का प्रावधान है. योजना के तहत किसानों को 2 से 3 हॉर्स पावर के सोलर पंप पर 70 फीसदी और 5 हॉर्स पावर सोलर पंप पर 40 फीसदी तक सब्सिडी प्रदान की जाएगी.

यह भी पढ़ें: शीतलहरी के लिए 19 करोड़ जारी, निराश्रितों-असहायों की होगी मदद

इससे किसानों की सिंचाई व्यवस्था में बदलाव के साथ सोलर पंप पर किसानों को अधिक खर्च की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. बिजली की किल्लत वाले इलाकों में सोलर पंप लगाकर सरकारी एजेंसियों से बोरिंग भी कराई जाएगी. इस तरह से एक गांव में सोलर पंप लगाने से कई किसानों को राहत मिल सकेगी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

कुशीनगर: कोरोना ने जनपद के किसानों की सोलर पंप पाने की आस पर पानी फेर दिया. कोरोना महामारी की वजह से जिले को सोलर पंप का लक्ष्य और बजट नहीं मिला. नतीजतन नए वित्तीय वर्ष में सोलर पंप हासिल करने वाले किसानों का सपना मुंगेरीलाल के हसीन सपने बनकर रह गए. किसान विभाग का चक्कर लगाने को मजबूर हैं. किसानों को सोलर पंप पहले आओ पहले पाओ के आधार पर 60 फीसदी अनुदान पर प्राप्त होता है.

जिले के किसानों को दो, तीन और पांच एचपी का सोलर पंप 60 फीसदी अनुदान पर प्राप्त होता है. यह सोलर पंप एसी व डीसी दोनों तरह का होता है. किसानों की फसलों की सिंचाई के लिए सोलर पंप बहुत ही उपयोगी साबित होता है. सूर्य की किरणों से चलने वाले सोलर पंप से फसलों की सिंचाई बेहतर तरीके से हो जाती है. सोलर पंप छोटे किसानों के लिए भी कारगर साबित होता है.

सब्जी और अन्य फसलों की सिंचाई के लिए किसान सोलर पंप को ज्यादा तवज्जों देते हैं. नए वित्तीय वर्ष में सोलर पंप का बजट व लक्ष्य निर्धारित नहीं होने के कारण किसानों को मायूसी हाथ लगी. किसान सोलर पंप के लिए जिला कृषि अधिकारी व उप कृषि निदेशक कार्यालयों का चक्कर लगाने को मजबूर हैं.

किसानों का कहना है कि अनुदान के बाद लगने वाली धनराशि की व्यवस्था काफी मेहनत के बाद की थी, लेकिन सोलर पंप नहीं मिलने का काफी मलाल है. कृषि विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि कोरोना के चलते सोलर पंप के उपकरण का उत्पादन प्रभावित हुआ है. इसके चलते सोलर पंप का लक्ष्य व बजट जारी नहीं हो सका.

प्रदेश सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र को विकसित करने के उद्देश्य से सोलर पंप योजना का शुभारंभ किया गया है. प्रदेश के दस हजार गांवों में इस सोलर पंप को लगाने की योजना बनाई गई है. इसमें एक सोलर पंप के जरिए कई किसानों की समस्याओं का समाधान होगा. इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश में रहने वाले किसानों को दिए जाने का प्रावधान है. योजना के तहत किसानों को 2 से 3 हॉर्स पावर के सोलर पंप पर 70 फीसदी और 5 हॉर्स पावर सोलर पंप पर 40 फीसदी तक सब्सिडी प्रदान की जाएगी.

यह भी पढ़ें: शीतलहरी के लिए 19 करोड़ जारी, निराश्रितों-असहायों की होगी मदद

इससे किसानों की सिंचाई व्यवस्था में बदलाव के साथ सोलर पंप पर किसानों को अधिक खर्च की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. बिजली की किल्लत वाले इलाकों में सोलर पंप लगाकर सरकारी एजेंसियों से बोरिंग भी कराई जाएगी. इस तरह से एक गांव में सोलर पंप लगाने से कई किसानों को राहत मिल सकेगी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.