कुशीनगर : जिले में बीते सात अगस्त को रात दस बजे बीस कोरोना संक्रमित मिलने के मामले में विभागीय जाच में फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसके बाद रामकोला और हाटा सीएचसी के आठ कर्मचारियों पर गाज गिरी है. 20 लोगो के कोरोना रिपोर्ट के सत्यापन में 17 लोगों के नाम, पते फर्जी मिलने पर सीएमओ ने चार स्थायी स्वास्थ्य कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. जबकि चार संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही सीएमओ की तहरीर पर पडरौना कोतवाली में इन आठों कर्मचारियों के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
जिले में 20 कोरोना संक्रमित मिलने पर जिले से लेकर लखनऊ स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों में हड़कंप मच गया. लखनऊ से कुशीनगर के जिम्मेदारों मोबाइल पर घंटी बजनी शुरू हो गई. इसमें यह पूछा जा रहा है कि अचानक 20 कोरोना पॉजिटिव कैसे मिले? जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराएं. कोरोना रिपोर्ट में मरीजों के डिटेल से सीएमओ ने पहले पोर्टल पर दर्ज मोबाइल नंबर पर कॉल कराई तो अधिकांश के नंबर ऑफ मिले. दूसरे दिन संबंधित पते के गांवों में रैपिड रिस्पांस टीम पहुंची तो सिर्फ तीन पॉजिटिव रोगी ट्रेस हो पाए. शेष फर्जी नाम-पते थे. इनमें से सात का मोबाइल नंबर गलत बताता रहा, छह पर इनकमिंग की सुविधाएं नहीं थीं. दो देवरिया, एक बिहार और एक का मोबाइल नंबर लखनऊ का मिला.
जिले में मिले तीन रोगियों का दोबारा सैंपल लेकर गोरखपुर मेडिकल कालेज में जांच के लिए भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ होगी कि पहली रिपोर्ट से मेल खा रही है कि भिन्नता है. एक दिन में 20 कोरोना पॉजिटिव मामले में रामकोला में तैनात लैब टेक्नीशियन अजय कुशवाहा, ममता जायसवाल, लैब असिस्टेंट छेदी अंसारी और हाटा में तैनात लैब असिस्टेंट सतीश सिंह को निलंबित कर दिया गया है. वहीं हाटा सीएचसी पर संविदा पर तैनात लैब टेक्नीशियन विवेकानंद, रामकोला और हाटा में तैनात डॉटा ऑपरेटर क्रमश: कुमारी प्रतिमा, उमेश कुमार राय और मेनका सिंह के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई हुई है. सभी के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत पडरौना कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई है.
कुशीनगर मुख्य चिकित्सा अधिकारीडॉ. सुरेश पटारिया ने बताया कि एक दिन में जिले में 20 कोरोना पॉजिटिव मिलने पर इसकी जांच कराई गई तो 17 के नाम और पते फर्जी मिले. इस मामले में चार स्थायी कर्मियों को निलंबित और चार संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है. आठों कर्मियों के खिलाफ पडरौना कोतवाली में महामारी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है.