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कुशीनगर के भैंसहा महारानी मंदिर का मेला शुरू, कड़ाही चढ़ाने से पूरी होती है मुराद - मेले की तैयारियां पूरी

कुशीनगर के तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा भैसहां में महारानी के स्थान पर लगने वाले मेले की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. मेला आज से शुरू होता है.

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भैंसहा महारानी मंदिर का मेला शुरू
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Published : Apr 15, 2022, 10:24 PM IST

कुशीनगरः जिले के तहसील क्षेत्र में ग्रामसभा भैसहां में महारानी के स्थान पर लगने वाली मेले की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. मेला आज से शुरू हो गया है. जिसमें दूरदराज के लोग आकर माता का आशीर्वाद लेते हैं. पहले माता का स्थान आज जो नारायणी नदी दिखाई दे रही हैं, उसके बीच थी. नारायणी की कटान से वहां के लोग भैंसहा में आकर बस गये. माता की पिंडी की लोग पूजन अर्चन करते थे. आज ये स्थान ग्रामीमों के सहयोग से भव्य हो गया है.

यहां के लोगों का कहना है कि उनके पूर्वजों के जमाने से मेला लगता है. जिसमें आवश्यकता की सभी वस्तुएं बिकती हैं. इस मेले में गोरखपुर देवरिया महाराजगंज कुशीनगर बिहार प्रदेश के लाखों श्रद्धालु हर साल आते हैं.

इसे भी पढ़ें- मेरठ मेडिकल कॉलेज में महिला ने दिया तीन बच्चों को जन्म

मां के दरबार में अपनी मन्नत रखते हैं. मन्नतें पूरी होने के बाद यहां कड़ाही चढ़ाने की प्रथा है. गांव सहित आसपास के गांव के लोग तो कढ़ाई चढ़ाते ही हैं, लेकिन मन्नतें पूरी करने के लिए मां के दरबार में अपनी मन्नत रखते हैं. जिसे पूरा होने के बाद यहां कड़ाही चढ़ाने की प्रथा है.

यहां भीड़ अधिक होने की वजह से पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रहती है. खड्डा से लेकर भैंसहा तक लोगों का आना-जाना पूरी रात लगा रहता है.

कुशीनगरः जिले के तहसील क्षेत्र में ग्रामसभा भैसहां में महारानी के स्थान पर लगने वाली मेले की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. मेला आज से शुरू हो गया है. जिसमें दूरदराज के लोग आकर माता का आशीर्वाद लेते हैं. पहले माता का स्थान आज जो नारायणी नदी दिखाई दे रही हैं, उसके बीच थी. नारायणी की कटान से वहां के लोग भैंसहा में आकर बस गये. माता की पिंडी की लोग पूजन अर्चन करते थे. आज ये स्थान ग्रामीमों के सहयोग से भव्य हो गया है.

यहां के लोगों का कहना है कि उनके पूर्वजों के जमाने से मेला लगता है. जिसमें आवश्यकता की सभी वस्तुएं बिकती हैं. इस मेले में गोरखपुर देवरिया महाराजगंज कुशीनगर बिहार प्रदेश के लाखों श्रद्धालु हर साल आते हैं.

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मां के दरबार में अपनी मन्नत रखते हैं. मन्नतें पूरी होने के बाद यहां कड़ाही चढ़ाने की प्रथा है. गांव सहित आसपास के गांव के लोग तो कढ़ाई चढ़ाते ही हैं, लेकिन मन्नतें पूरी करने के लिए मां के दरबार में अपनी मन्नत रखते हैं. जिसे पूरा होने के बाद यहां कड़ाही चढ़ाने की प्रथा है.

यहां भीड़ अधिक होने की वजह से पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रहती है. खड्डा से लेकर भैंसहा तक लोगों का आना-जाना पूरी रात लगा रहता है.

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