कशीनगर: एक साल के अन्दर कुशीनगर जिले मे अनट्रेंड ड्राइवरों की लापरवाही के कारण स्कूली बच्चों के वाहनों के साथ दो बड़ी घटना हुई. 13 मासूमों के दम तोड़ देने की घटना के बाद भी प्रशासन नहीं चेत रहा है. आज भी फर्जी तौर तरीकों और नियम कानून को ताक पर रखकर धड़ल्ले से ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलकर ड्राइवर बनाने का खेल जारी है. वहीं एआरटीओ का कहना है कि स्कूलों की नियमित जांच हो रही है.
धड़ल्ले से चलाये जा रहे ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल-
- बीते वर्ष चालक की लापरवाही से स्कूली वैन की ट्रेन से हुई टक्कर में 13 मासूमों ने दम तोड़ दिया था.
- इस भयावह दुर्घटना के बाद प्रशासनिक तौर पर काफी हलचल मचा.
- मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचे.
- बिना मान्यता चल रहे स्कूलों और उनके वाहनों की बड़े पैमाने पर छानबीन हुई.
- कई स्कूलों की मान्यता भी दिखावे के लिए समाप्त की गयी
- 24 जून 2019 को रेलवे के अंडर पास सड़क पर एक बार फिर स्कूली वैन के साथ बड़ी दुर्घटना होते होते बची.
- एआरटीओ संदीप कुमार पंकज ने बताया कि विभाग ने जिले में आठ ड्राइविंग ट्रेनिग सेंटरों को मान्यता दी गयी है.
- एआरटीओ ने इन सेंटरों की बराबर जांच की जाती है.
- ईटीवी भारत ने जिला मुख्यालय के पास ही चल रहे चार ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल की जमीनी पड़ताल की.
- पड़ताल में एआरटीओ के सारे दावे फेल होते नजर आए.
प्रशिक्षण देने वाले जितने भी विद्यालय हैं, मोटर ट्रेनिंग स्कूल जो हैं, उनकी रेगुलर चेकिंग की जाती रही है आगे भी की जाती रहेगी उनको किसी प्रकार की कोई मनमानी नहीं करने दी जायेगी. जो नार्मस हैं उस नॉर्मस के तहत ही वो ट्रेनिंग जारी कर सकते हैं उनको किसी प्रकार की कोई भी मनमानी नहीं करने दी जाएगी.
-संदीप कुमार पंकज, एआरटीओ, कुशीनगर