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कुशीनगर: शहीद चंद्रभान का पार्थिव शरीर नहीं पहुंचा गांव, लोग सुबह से करते रहे इंतजार

यूपी के कुशीनगर में शहीद चंद्रभान का पार्थिव शरीर बुधवार को भी उनके पैतृक गांव नहीं पहुंचा. इसकी मुख्य वजह कश्मीर में हो रहे हिमस्खलन को बताया जा रहा है. सुबह से शहीद के घर पर लोगों का तांता लगा रहा.

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Published : Jan 15, 2020, 7:15 PM IST

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कुशीनगर: सोमवार को कश्मीर में हुए भयंकर हिमस्खलन के दौरान कई और साथियों के साथ शहीद हुए कुशीनगर के चंद्रभान चौरसिया का पार्थिव शरीर बुधवार देर शाम तक उनके पैतृक गांव दुमही नहीं पहुंच सका. सुबह से ही लोगों और जनप्रतिनिधियों का तांता शहीद के दरवाजे पर लगा रहा. शहीद के पिता ने अपने दुख और परेशानियों को रखते हुए कहा कि सेना के अधिकारियों द्वारा शव गुरुवार तक गांव लाए जाने की सूचना दी गई है.

शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता.

सोमवार को कश्मीर में अपनी ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आए कुशीनगर के वीर सपूत चंद्रभान चौरसिया के अंतिम दर्शन के लिए बुधवार सुबह से ही उनके पैतृक गांव दुमही में लोगों का जमावड़ा रहा. सेना के एक अधिकारी ने बुधवार को शहीद के पार्थिव शरीर के पहुंचने की सम्भावना जतायी थी, लेकिन बुधवार को भी घटनास्थल पर हो रहे भयंकर बर्फबारी के कारण उनकी डेड बॉडी को वहां से निकाला नहीं जा सका.

शहीद के पिता राजबलम चौरसिया ने कहा कि मेरे ऊपर तो दुखों का पहाड़ टूट गया है. आगे कैसे क्या होगा, मुझे समझ में नहीं आ रहा है. बर्फबारी की बात बताते हुए उन्होंने कहा कि सेना के अधिकारियों ने सम्भावना प्रकट की है कि गुरुवार को मेरे शहीद बेटे का शव गांव तक पहुंच जाए.

ये भी पढ़ें: कुशीनगर: स्कॉलरशिप के लिए छात्रों को दौड़ाया जा रहा है विकास भवन

परिवार पर आए इस आफत की घड़ी में दुमही गांव के प्रधान राम बिहारी राय ने प्रशासनिक अधिकारियों से सलाह करने के बाद ग्राम समाज की जमीन के एक हिस्से पर शहीद के अंतिम संस्कार और फिर वहीं बाद में उनकी मूर्ति लगवाने की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है. इस बावत ग्राम प्रधान ने विस्तार से पूरी जानकारी मीडिया को दी. उन्होंने कहा कि जमीन का पट्टा भी शहीद की विधवा के नाम किया जाएगा.

कुशीनगर: सोमवार को कश्मीर में हुए भयंकर हिमस्खलन के दौरान कई और साथियों के साथ शहीद हुए कुशीनगर के चंद्रभान चौरसिया का पार्थिव शरीर बुधवार देर शाम तक उनके पैतृक गांव दुमही नहीं पहुंच सका. सुबह से ही लोगों और जनप्रतिनिधियों का तांता शहीद के दरवाजे पर लगा रहा. शहीद के पिता ने अपने दुख और परेशानियों को रखते हुए कहा कि सेना के अधिकारियों द्वारा शव गुरुवार तक गांव लाए जाने की सूचना दी गई है.

शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता.

सोमवार को कश्मीर में अपनी ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आए कुशीनगर के वीर सपूत चंद्रभान चौरसिया के अंतिम दर्शन के लिए बुधवार सुबह से ही उनके पैतृक गांव दुमही में लोगों का जमावड़ा रहा. सेना के एक अधिकारी ने बुधवार को शहीद के पार्थिव शरीर के पहुंचने की सम्भावना जतायी थी, लेकिन बुधवार को भी घटनास्थल पर हो रहे भयंकर बर्फबारी के कारण उनकी डेड बॉडी को वहां से निकाला नहीं जा सका.

शहीद के पिता राजबलम चौरसिया ने कहा कि मेरे ऊपर तो दुखों का पहाड़ टूट गया है. आगे कैसे क्या होगा, मुझे समझ में नहीं आ रहा है. बर्फबारी की बात बताते हुए उन्होंने कहा कि सेना के अधिकारियों ने सम्भावना प्रकट की है कि गुरुवार को मेरे शहीद बेटे का शव गांव तक पहुंच जाए.

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परिवार पर आए इस आफत की घड़ी में दुमही गांव के प्रधान राम बिहारी राय ने प्रशासनिक अधिकारियों से सलाह करने के बाद ग्राम समाज की जमीन के एक हिस्से पर शहीद के अंतिम संस्कार और फिर वहीं बाद में उनकी मूर्ति लगवाने की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है. इस बावत ग्राम प्रधान ने विस्तार से पूरी जानकारी मीडिया को दी. उन्होंने कहा कि जमीन का पट्टा भी शहीद की विधवा के नाम किया जाएगा.

Intro:Opening P2C

सोमवार को कश्मीर में हुए भयंकर हिमस्खलन के दौरान कई और साथियों के साथ शहीद हुए कुशीनगर के चन्द्रभान चौरसिया का पार्थिव शरीर आज देर शाम तक उनके पैतृक गाँव दुमही नही पहुँच सका. आग की तरह फैली इस सूचना के बाद सुबह से ही आमलोगों और जनप्रतिनिधियों का तांता शहीद के दरवाजे पर लगा रहा, शहीद के पिता ने मीडिया से बात करते हुए अपने दुख और परेशानियों को रखते हुए कहा कि सेना के अधिकारियों द्वारा डेड बॉडी के कल तक गाँव लाए जाने की सूचना दी गयी है.


Body:vo सोमवार को कश्मीर में अपनी ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आए कुशीनगर के वीर सपूत चन्द्रभान चौरसिया के अंतिम दर्शन के लिए आज सुबह से ही उनके पैतृक गाँव दुमही मे लोगों का जमावड़ा रहा.

पारिवारिक सूत्रों की माने तो हादसे की सूचना के बाद सेना के एक अधिकारी ने आज बुधवार को शहीद के पार्थिव शरीर के पहुँचने की सम्भावना जतायी थी लेकिन आज भी घटनास्थल पर हो रहे भयंकर बर्फबारी के कारण उनकी डेड बॉडी को वहाँ से निकाला नही जा सका

मीडिया से बात करते हुए शहीद के पिता राजबलम चौरसिया ने अपनी भोजपुरी भाषा मे कहा कि मेरे ऊपर तो दुख का पहाड़ टूट गया है, आगे कैसे क्या होगा मुझे समझ मे नही आ रहा है, बर्फबारी की बात बताते हुए उन्होंने कहा कि सेना के अधिकारियों ने सम्भावना प्रकट की है कि कल गुरुवार को मेरे शहीद बेटे का शव गाँव तक पहुँच जाए

बाइट - राजबलम चौरसिया, शहीद चन्द्रभान के पिता

परिवार पर आए इस आफत की घड़ी में गाँव के प्रधान ने प्रशासनिक अधिकारियों से सलाह करने के बाद ग्राम समाज की जमीन के एक हिस्से पर शहीद के अंतिम संस्कार और फिर वहीं बाद में उनके मूर्ति लगवाने की प्रक्रिया की शुरुवात कर दी है, इस बावत ग्राम प्रधान राम बिहारी राय ने विस्तार से पूरी जानकारी मीडिया से बातचीत में साझा करते हुए कहा जमीन का पट्टा भी शहीद की विधवा के नाम किया जाएगा

बाइट - राम बिहारी राय, ग्राम प्रधान, दुमही


Conclusion:vo सोमवार को हुए दुर्घटना में शहीद हुए जवान के पार्थिव शरीर के उनके गाँव तक नही पहुँचने के बावजूद बड़ी संख्या में आमलोगों ने परिजनों से मिलकर अपनी सम्वेदना प्रकट की, परिजनों ने सेना के अधिकारियों से हुई बातचीत के क्रम में कल किसी समय शहीद का शव गाँव तक पहुँचने की संभावना जताया है

End P2C

सूर्य प्रकाश राय
कुशीनगर
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