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14 साल पुराने छेड़छाड़ के मामले में कोर्ट ने आरोपी को सुनाई सात साल की सजा

23 अक्टूबर 2007 में हुए छेड़छाड़ के एक मामले में कोर्ट ने बीते मंगलवार को सजा सुनाई. कोर्ट ने आरोपी को 7 साल की सश्रम कारावास और तीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

छेड़छाड़ के मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा
छेड़छाड़ के मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा
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Published : Aug 26, 2021, 10:50 PM IST

कुशीनगर: कुबेरस्थान थाना क्षेत्र के एक गांव में 14 साल पूर्व एक महिला के साथ छेड़छाड़ के मामले में मंगलवार को न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया. लंबी चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक कोर्ट नंबर 2 ने मामले में अभियुक्त को 7 साल की सश्रम कारावास के साथ ₹30000 का अर्थदंड लगाया है.


मामले में खास बात यह है कि घटनाक्रम के बाद पीड़िता की प्रथम सूचना रिपोर्ट थाने में दर्ज नहीं की गई थी. उसके बाद पीड़िता ने न्यायालय की शरण ली और 156 (3) के तहत न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया था. अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी कृष्ण कुमार पांडे ने बताया कि जिले के कुबेरस्थान थाना क्षेत्र के गांव में पीड़िता के साथ बलात्कार के प्रयास का एक मामला वर्ष 2007 में 23 अक्टूबर को घटित हुआ था.

मामले में पीड़िता ने घटनाक्रम की लिखित सूचना कुबेरस्थान थाने पर दिया था, लेकिन पुलिस ने उक्त मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. तो पीड़िता ने न्यायालय में अपना प्रार्थना पत्र देकर धारा 156(3) के तहत मुकदमा दर्ज कराने की अपील की. जिसके बाद न्यायालय के आदेश के क्रम में मुकदमा अपराध संख्या 259/2009 धारा 354, 457, 376, 511 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत कुबेरस्थान थाने में मामला दर्ज किया गया.

पढे़ं- डॉ कफील खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी राहत, भड़काऊ भाषण के मामले में FIR रद्द



मामले में लंबे समय से चल रही सुनवाई के दौरान न्यायालय के समक्ष सारी बातें लाई गईं. मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट दो के अपर जिला सत्र न्यायाधीश श्याम मोहन जायसवाल ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए, अभियुक्त साबिर को 7 साल के सश्रम कारावास सहित ₹30000 अर्थदंड लगाया. न्यायाधीश ने मुकदमे की वादिनी पीड़िता को बालिग बताते हुए अभियुक्त साबिर द्वारा अदा किए गए अर्थदंड में से ₹20000 प्रतिकर के तौर पर दिए जाने का आदेश दिया.

कुशीनगर: कुबेरस्थान थाना क्षेत्र के एक गांव में 14 साल पूर्व एक महिला के साथ छेड़छाड़ के मामले में मंगलवार को न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया. लंबी चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक कोर्ट नंबर 2 ने मामले में अभियुक्त को 7 साल की सश्रम कारावास के साथ ₹30000 का अर्थदंड लगाया है.


मामले में खास बात यह है कि घटनाक्रम के बाद पीड़िता की प्रथम सूचना रिपोर्ट थाने में दर्ज नहीं की गई थी. उसके बाद पीड़िता ने न्यायालय की शरण ली और 156 (3) के तहत न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया था. अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी कृष्ण कुमार पांडे ने बताया कि जिले के कुबेरस्थान थाना क्षेत्र के गांव में पीड़िता के साथ बलात्कार के प्रयास का एक मामला वर्ष 2007 में 23 अक्टूबर को घटित हुआ था.

मामले में पीड़िता ने घटनाक्रम की लिखित सूचना कुबेरस्थान थाने पर दिया था, लेकिन पुलिस ने उक्त मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. तो पीड़िता ने न्यायालय में अपना प्रार्थना पत्र देकर धारा 156(3) के तहत मुकदमा दर्ज कराने की अपील की. जिसके बाद न्यायालय के आदेश के क्रम में मुकदमा अपराध संख्या 259/2009 धारा 354, 457, 376, 511 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत कुबेरस्थान थाने में मामला दर्ज किया गया.

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मामले में लंबे समय से चल रही सुनवाई के दौरान न्यायालय के समक्ष सारी बातें लाई गईं. मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट दो के अपर जिला सत्र न्यायाधीश श्याम मोहन जायसवाल ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए, अभियुक्त साबिर को 7 साल के सश्रम कारावास सहित ₹30000 अर्थदंड लगाया. न्यायाधीश ने मुकदमे की वादिनी पीड़िता को बालिग बताते हुए अभियुक्त साबिर द्वारा अदा किए गए अर्थदंड में से ₹20000 प्रतिकर के तौर पर दिए जाने का आदेश दिया.

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