कुशीनगर: बिहार सीमा से होकर जिले से निकलने वाली नारायणी नदी में ढोलहा रामनगर के पास बड़ी गंडक नदी के रेत का खनन पट्टा विवादों में घिरता जा रहा है. पहले खनन पट्टा को लेकर किसानों ने विरोध किया और फिर बाढ़खंड बताकर आपत्ति जताई. स्थानिय लोगों ने ठेकेदार द्वारा खनन मानकों को दरकिनार करने की शिकायत उप जिलाधिकारी से की. इसके बाद उप जिला अधिकारी ने ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
जिले के खड्डा तहसील स्थित वीर भार ठोकर के पास ढोलहा रामनगर पर खनन विभाग ने भले ही अनुमति दे दी हो, पर खनन करा रहे ठेकेदार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. गौरतलब है कि पिछले महीने की आखिरी सप्ताह में खनन की अनुमति मिलने के बाद जब ठेकेदार खनन कराने पहुंचा तो ग्रामीणों और किसानों ने फसलों को नुकसान और कटान के डर को दिखाते हुए विरोध किया. वहीं, विभागीय़ मंजूरी को दिखाते हुए ठेकेदार ने पुलिस की मदद से उनकी बातों को दबा दिया.
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बाढ़खंड विभाग में एसडीओ मनोज कुमार रंजन ने बताया कि खनन की रेत भरी ट्रॉली ओवरलोड होकर बंधे से गुजरती हैं, जिससे बंधे को भी नुकसान होगा. इस पट्टे को बिना बाढ़ खंड की एनओसी के पट्टा जारी करने की बात पर आपत्ति जताई. एसडीएम खड्डा ने लोगों की आपत्ति को देखते हुए पहले बताया कि खनन में दिए गए गाइडलाइंस को पालन करते हुए खनन कराना है. जिस सीमा में पट्टा हुआ है, उसके बाहर खनन अवैध होगा. साथ ही किसी तरह की बड़ा माइनिंग नहीं करनी है.
पट्टेदार ने दिए गए निर्देशों को ताक पर रखते हुए जेसीबी मशीन लगाकर मनमाने तरीके से खनन शुरू कराया. इसकी शिकायत वीडियो साक्ष्य के साथ ग्रामीणों ने फिर एसडीएम खड्डा से की. इस पर एसडीएम ने पट्टेदार को नोटिस भेजते हुए 2 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है. स्पष्टीकरण में संतोषजनक जवाब न मिलने पर पट्टे के निरस्तीकरण की कार्यवाही भी की जा सकती है. वहीं, इस पूरे मामले में खनन विभाग के अधिकारी कुछ बोलने से बच रहे हैं. साथ ही पट्टेदार भी अपना पक्ष नहीं रख रहा.
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