कुशीनगर: जिले में उर्दू अध्यापकों की मनमाने तरीके से नियुक्ति करने व शिक्षकों के अभिलेखों का बिना सत्यापन कराए वेतन भुगतान करना कुशीनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी विमलेश कुमार के लिए महंगा पड़ गया. अवैधानिक नियुक्ति व मनमाने भुगतान की शिकायत की सहायक शिक्षा निदेशक गोरखपुर मंडल से जांच कराई, जिसमें प्रारंभिक जांच में यह सही मिली हैं. जिसके बाद कार्यवाही करते हुए बीएसए को निलंबित कर दिया गया है. बीएसए को शिक्षा निदेशक बेसिक शिविर कार्यालय से संबद्ध किया गया है और अनुशासनिक जांच भी शुरू हो गई है.
दरअसल, कुशीनगर में 6 उर्दू शिक्षकों की अनियमित नियुक्ति के अलावा 69000 शिक्षक भर्ती के पहले चरण में नियुक्ति अध्यापकों का जो पूर्व में शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत के अंकपत्र व प्रमाणपत्रों का बिना सत्यापन कराए वेतन भुगतान हुआ. इसी तरह 68500 शिक्षक भर्ती में नियुक्त 108 शिक्षामित्रों का भी बिना सत्यापन कराए वेतन व एरियर का भुगतान किया गया. इसके अलावा आदर्श ग्राम सेवा विद्यापीठ लघु माध्यमिक विद्यालय बिहार बुजुर्ग पोस्ट बिहार बुजुर्ग तहसील तमकुहीराज कुशीनगर में प्रबंध समिति के साथ मिलीभगत कर प्रधानाध्यापक रामप्रीत, सहायक अध्यापक अंबरीश कुमार सिंह, संतोष कुमार सिंह, संदीप कुमार सिंह और लिपिक स्वाती सिंह की अवैधानिक नियुक्ति का अनुमोदन देने के संबंध में शासन से शिकायत की गई.
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शासन ने प्रारंभिक जांच सहायक शिक्षा निदेशक गोरखपुर मंडल को सौंपी, उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी विमलेश कुमार के विरुद्ध प्रथम दृष्टया शिकायतें सही पाई. बेसिक शिक्षा के विशेष सचिव आरवी सिंह ने जांच रिपोर्ट मिलने के बाद बीएसए विमलेश कुमार को निलंबित कर दिया है. साथ ही उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक नियमावली के तहत अनुशासनिक कार्रवाई किए जाने की संस्तुति की है. इसकी जांच के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ मंडल को जांच अधिकारी नामित किया गया है. निलंबन अवधि में उन्हें शिक्षा निदेशक बेसिक शिविर कार्यालय से संबद्ध किया गया है.
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