कुशीनगर: जिले में ईंट भट्टा मालिकों ने कोयले की कीमत और जीएसटी में इजाफे के विरोध में अगले एक सप्ताह तक ईंट की बिक्री पर रोक लगा दी है. इस फैसले के बाद मकान निर्माण करा रहे लोगों के विकास कार्य पर प्रभाव पड़ेगा. कुशीनगर में ईट बिक्री रुकने से मकान निर्माण से जुड़े तकरीबन 70 हजार कारीगरों और मजदूरों की रोजी-रोटी प्रभावित होगी. सरकार यदि कोयले की मूल्यवृद्धि और जीएसटी वापस नहीं लेगी तो ईंट उद्योग से जुड़े संगठन आंदोलन करेंगे.
भट्टा मालिकों ने कोयले की कीमत और जीएसटी में हुए इजाफे के विरोध में अगले एक सप्ताह तक ईंट की बिक्री को पूरी तरह से रोक दिया हैं. इसकों लेकर ईंट भट्टा मालिकों की समिति ने सरकार से जीएसटी और कोयला मूल्य वृद्धि को वापस लेने की मांग की हैं. इसके विरोध में ईंट भट्टा मालिकों ने एक सप्ताह तक ईंट नहीं बेचने की बात भी कही है.
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ईंट व्यापार समिति के अध्यक्ष छेदी राव ने कहा कि सरकार की हठधर्मिता से भट्ठा मालिक से लेकर आमजन तक परेशान हैं. एक जुलाई से पूरे देश में भट्ठा मालिक हड़ताल पर चल रहे हैं. बावजूद इसके सरकार संवेदनहीन बनी हुई है.
जीएसटी और कोयले के दाम में चार गुना तक वृद्धि हुई है. इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है. समिति के महामंत्री वीरेंद्र पांडेय ने कहा कि, बिक्री प्रभावित होने से भट्ठा पर कार्य करने वाले लगभग 70 हजार मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा. बिक्री बंद करना सरकार के लिए सांकेतिक विरोध का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि, अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो संगठन आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा.
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