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कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तीन माह बाद रात में भी उतर सकेंगे विमान!

सूबे के तीसरे सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट कुशीनगर में तीन माह बाद रात में भी विमान उतर सकेंगे. इसके लिए नाइट लैंडिंग के लिए जल्द ही अनुमति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में जल्द ही रात में भी उतर सकेंगे विमान.
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में जल्द ही रात में भी उतर सकेंगे विमान.
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Published : Oct 22, 2021, 8:31 PM IST

Updated : Oct 22, 2021, 10:18 PM IST

कुशीनगरः सूबे का तीसरा सबसे बड़ा कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट कई मायनों में गोरखपुर एयरपोर्ट से एडवांस है. यह प्रदेश का न सिर्फ सबसे बड़ा रनवे वाला हवाई अड्डा है बल्कि यहां नाइट लैंडिंग की भी पूरी व्यवस्था है. अभी एहतियातन सिर्फ विजुअल (दिन में) टेकऑफ और लैंडिंग की अनुमति दी गई है. ऐसे में एयरपोर्ट प्रशासन नाइट लैंडिंग की तैयारियों में अभी से जुट गया है. संभव है कि अगले तीन महीने में यहां से नाइट टेकऑफ और लैंडिंग की भी अनुमित मिल जाएगी.

कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर अभी सुबह आठ बजे से शाम 5ः30 बजे तक लैंडिंग और टेकऑफ की अनुमति है. नाइट लैंडिंग की अनुमति मिलने के बाद यहां से रात दस बजे तक उड़ानें शुरू हो जाएंगी. स्पाइस जेट ने 26 नवंबर से जो शेड्यूल जारी किया है, उसमें सबसे पहली फ्लाइट दिल्ली की दोपहर 1ः35 बजे कुशीनगर एयरपोर्ट पहुंचेगी और अंतिम फ्लाइट 3ः25 बजे कोलकाता के लिए उड़ान भरेगी.

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में जल्द ही रात में भी उतर सकेंगे विमान.
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में जल्द ही रात में भी उतर सकेंगे विमान.


दिल्ली, कोलकाता और मुंबई की सेवा शुरू होने के बाद बिहार के गया और प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लिए भी उड़ान का शेड्यूल जल्द जारी होने की संभावना है. उड़ान स्कीम में शामिल ये दोनों उड़ानें कम किराए के साथ ही यात्रियों के लिए सुविधाजनक भी होंगी.

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में जल्द ही रात में भी उतर सकेंगे विमान.
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में जल्द ही रात में भी उतर सकेंगे विमान.

ये भी पढ़ेंः सीएम योगी से पहले ऑडिटोरियम में रिवॉल्वर लेकर पहुंचा युवक, कई पुलिसकर्मी सस्पेंड



आपको बता दें कि यहां का 3.2 किमी लंबा व 45 मीटर चौड़ा रनवे प्रदेश में सबसे लंबा रनवे है. यहां एक साथ चार बड़े हवाई जहाज खड़े हो सकते हैं. इसके रनवे की क्षमता आठ फ्लाइट (4 आगमन व 4 प्रस्थान) प्रति घंटा की है. पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग 3600 वर्गमीटर में बनी है. 589 एकड़ में 260 करोड़ रुपये की लागत से यह एयरपोर्ट बना है. इसके क्रियाशील होने के साथ ही पर्यटन विकास, निवेश, रोजगार का बड़ा प्लेटफॉर्म तैयार हो रहा है।

कुशीनगर एयरपोर्ट का नया टर्मिनल भीड़भाड़ वाले समय में तीन सौ यात्रियों के लिए आने-जाने की सुविधा प्रदान करेगा. बौद्ध सर्किट के लुंबिनी, बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, राजगीर, संकिसा और वैशाली की यात्रा अब कम समय में पूरी होगी.

कुशीनगरः सूबे का तीसरा सबसे बड़ा कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट कई मायनों में गोरखपुर एयरपोर्ट से एडवांस है. यह प्रदेश का न सिर्फ सबसे बड़ा रनवे वाला हवाई अड्डा है बल्कि यहां नाइट लैंडिंग की भी पूरी व्यवस्था है. अभी एहतियातन सिर्फ विजुअल (दिन में) टेकऑफ और लैंडिंग की अनुमति दी गई है. ऐसे में एयरपोर्ट प्रशासन नाइट लैंडिंग की तैयारियों में अभी से जुट गया है. संभव है कि अगले तीन महीने में यहां से नाइट टेकऑफ और लैंडिंग की भी अनुमित मिल जाएगी.

कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर अभी सुबह आठ बजे से शाम 5ः30 बजे तक लैंडिंग और टेकऑफ की अनुमति है. नाइट लैंडिंग की अनुमति मिलने के बाद यहां से रात दस बजे तक उड़ानें शुरू हो जाएंगी. स्पाइस जेट ने 26 नवंबर से जो शेड्यूल जारी किया है, उसमें सबसे पहली फ्लाइट दिल्ली की दोपहर 1ः35 बजे कुशीनगर एयरपोर्ट पहुंचेगी और अंतिम फ्लाइट 3ः25 बजे कोलकाता के लिए उड़ान भरेगी.

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में जल्द ही रात में भी उतर सकेंगे विमान.
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में जल्द ही रात में भी उतर सकेंगे विमान.


दिल्ली, कोलकाता और मुंबई की सेवा शुरू होने के बाद बिहार के गया और प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लिए भी उड़ान का शेड्यूल जल्द जारी होने की संभावना है. उड़ान स्कीम में शामिल ये दोनों उड़ानें कम किराए के साथ ही यात्रियों के लिए सुविधाजनक भी होंगी.

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में जल्द ही रात में भी उतर सकेंगे विमान.
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में जल्द ही रात में भी उतर सकेंगे विमान.

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आपको बता दें कि यहां का 3.2 किमी लंबा व 45 मीटर चौड़ा रनवे प्रदेश में सबसे लंबा रनवे है. यहां एक साथ चार बड़े हवाई जहाज खड़े हो सकते हैं. इसके रनवे की क्षमता आठ फ्लाइट (4 आगमन व 4 प्रस्थान) प्रति घंटा की है. पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग 3600 वर्गमीटर में बनी है. 589 एकड़ में 260 करोड़ रुपये की लागत से यह एयरपोर्ट बना है. इसके क्रियाशील होने के साथ ही पर्यटन विकास, निवेश, रोजगार का बड़ा प्लेटफॉर्म तैयार हो रहा है।

कुशीनगर एयरपोर्ट का नया टर्मिनल भीड़भाड़ वाले समय में तीन सौ यात्रियों के लिए आने-जाने की सुविधा प्रदान करेगा. बौद्ध सर्किट के लुंबिनी, बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, राजगीर, संकिसा और वैशाली की यात्रा अब कम समय में पूरी होगी.

Last Updated : Oct 22, 2021, 10:18 PM IST
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