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रुपये न जमा करने पर डॉक्टरों ने रोका महिला का इलाज, महिला की हुई मौत

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में इलाज के अभाव में एक गर्भवती महिला की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि महिला की डिलीवरी के दौरान खून अधिक बहने लगा. इसके बाद अस्पताल ने महिला को निजी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. निजी अस्पताल में परिजन पैसा जमा कर पाने में असमर्थ थे. इससे डॉक्टरों ने महिला का इलाज रोक दिया और महिला की मौत हो गई.

डॉक्टरों की लापरवाही ने महिला की ली जान
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Published : Jul 14, 2019, 7:34 PM IST

कौशांबी: जिले में डॉक्टरों की लापरवाही ने रविवार को एक गर्भवती महिला की जान ले ली. कौशांबी जिले में गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया. प्रसव के दौरान महिला को रक्तस्राव अधिक होने लगा. परिजनों का आरोप है कि रक्तस्राव अधिक होने के कारण स्टाफ नर्स ने प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करने को कहा. प्राइवेट अस्पताल के मन मुताबिक पैसा जमा नहीं होने पर डॉक्टर ने महिला का इलाज नहीं किया. इससे महिला की मौत हो गई. महिला की मौत के बाद परिजनों ने जिला प्रशासन से अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

डॉक्टरों की लापरवाही ने महिला की ली जान
क्या है पूरा मामला-
  • सिराथू विकासखंड के हाजीपुर पतौन गांव निवासी ननकू की पत्नी हेमा को रविवार को प्रसव पीड़ा शुरू हुई.
  • इसके बाद परिजनों ने उसे जिला अस्पताल के लिए भर्ती कराया. जहां हेमा ने एक नवजात शिशु को जन्म दिया.
  • शिशु के जन्म के बाद जिला अस्पताल के नर्सों ने हेमा की हालत गंभीर बताई.
  • परिजनों का आरोप है कि अधिक रक्तस्राव होने पर महिला को मंझनपुर स्थित तेजमती अस्पताल में भर्ती करा दिया.
  • प्राइवेट अस्पताल पहुंचने पर 10 हजार रुपये जमा कराए गए. इसके बाद डॉक्टर ने दोबारा आकर और रुपये जमा करवाने की बात कही.
  • नानकू ने रुपये जमा करवाने की असमर्थता जताई. इससे डॉक्टरों ने महिला का इलाज रोक दिया.
  • महिला को अधिक रक्तस्राव होने के कारण दर्द से तड़पती रही. इलाज के अभाव में महिला की मौत हो गई.

स्टाफ नर्स शोभा सिंह ने महिला को अधिक रक्तस्राव होने के कारण प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी. इसके बाद उसे मंझनपुर के तेजमती हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. महिला को इलाहाबाद रेफर किया गया था, लेकिन अस्पताल में तैनात नर्स ने उसे तेजमती हॉस्पिटल भेजा है.
प्रेमलता देवी, आशाबहू

कौशांबी: जिले में डॉक्टरों की लापरवाही ने रविवार को एक गर्भवती महिला की जान ले ली. कौशांबी जिले में गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया. प्रसव के दौरान महिला को रक्तस्राव अधिक होने लगा. परिजनों का आरोप है कि रक्तस्राव अधिक होने के कारण स्टाफ नर्स ने प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करने को कहा. प्राइवेट अस्पताल के मन मुताबिक पैसा जमा नहीं होने पर डॉक्टर ने महिला का इलाज नहीं किया. इससे महिला की मौत हो गई. महिला की मौत के बाद परिजनों ने जिला प्रशासन से अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

डॉक्टरों की लापरवाही ने महिला की ली जान
क्या है पूरा मामला-
  • सिराथू विकासखंड के हाजीपुर पतौन गांव निवासी ननकू की पत्नी हेमा को रविवार को प्रसव पीड़ा शुरू हुई.
  • इसके बाद परिजनों ने उसे जिला अस्पताल के लिए भर्ती कराया. जहां हेमा ने एक नवजात शिशु को जन्म दिया.
  • शिशु के जन्म के बाद जिला अस्पताल के नर्सों ने हेमा की हालत गंभीर बताई.
  • परिजनों का आरोप है कि अधिक रक्तस्राव होने पर महिला को मंझनपुर स्थित तेजमती अस्पताल में भर्ती करा दिया.
  • प्राइवेट अस्पताल पहुंचने पर 10 हजार रुपये जमा कराए गए. इसके बाद डॉक्टर ने दोबारा आकर और रुपये जमा करवाने की बात कही.
  • नानकू ने रुपये जमा करवाने की असमर्थता जताई. इससे डॉक्टरों ने महिला का इलाज रोक दिया.
  • महिला को अधिक रक्तस्राव होने के कारण दर्द से तड़पती रही. इलाज के अभाव में महिला की मौत हो गई.

स्टाफ नर्स शोभा सिंह ने महिला को अधिक रक्तस्राव होने के कारण प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी. इसके बाद उसे मंझनपुर के तेजमती हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. महिला को इलाहाबाद रेफर किया गया था, लेकिन अस्पताल में तैनात नर्स ने उसे तेजमती हॉस्पिटल भेजा है.
प्रेमलता देवी, आशाबहू

Intro:Anchor -- धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों जब हैवान बन जाये तो फिर इंसान क्या करे। ताजा मामला कौशाम्बी जिले का है। जहाँ गर्भवती महिला की प्रसब पीड़ा होने पर जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गई। महिला की डिलिवरी होने के बाद उसे रक्तस्राव अधिक होने लगा। आरोप है कि रक्तस्राव अधिक होने के कारण जिला अस्पताल के स्टाफ नर्सो ने असमर्थता जताते हुए महिला को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवा दिया । जहाँ अस्पताल के मन मुताबिक पैसा न जमा करने पर एक महिला का इलाज नही किया गया । महिला को अधिक रक्तस्राव होने से मौत हो गई। महिला की मौत के बाद परिजनों जिला प्रशासन से अस्पताल के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।






Body:सिराथू विकासखंड के हाजीपुर पतौन गांव निवासी ननकू की पत्नी हेमा को रविवार की प्रसव पीड़ा शुरू हुई । जिसके बाद परिजनों ने उसे जिला अस्पताल के लिए भर्ती कराया। जहाँ हेमा ने एक नवजात शिशु को जन्म दिया । शिशु के जन्म के बाद जिला अस्पताल के नर्सो ने हेमा की हालत गंभीर बताई। आरोप है कि नर्सो ने सेटिंग कर महिला को मंझनपुर स्थित तेज मती अस्पताल में भर्ती करा दिया। अस्पताल पहुंचने के साथ ही गर्भवती महिला के पति ननकू का आरोप है कि काउंटर में 10 हजार रुपये जमा के लिए कहाँ गया उसने पैसे जमा भी किया लेकिन महज 15 मिनट बाद ही डॉक्टर ने आकर और रुपये जमा करवाने की बात कही उन्होंने कहा कि तुमने कितना रुपया जमा किया था उनते रुपये की दवा हो गई है और रुपये जमा करवाओ तो इलाज किया जाएगा। नानकु ने रुपये न होने के कारण तुरंत रुपये जमा करवाने की असमर्थता जताई।जिससे डॉक्टरों ने महिला का इलाज रोक दिया। वही महिला को अधिक रक्तस्राव होने के कारण वह दर्द से तड़पती रही पर अस्पताल के लोगो ने उसका इलाज नही किया । ननकु डॉक्टर के सामने रोता व गिड़गिड़ाता रहा लेकिन अस्पताल के जिम्मेदारों का दिल नहीं पसीजा। इलाज के अभाव में महिला की मौत हो गई।

बाइट -- ननकू मृतक हेमा का पतिConclusion:हाजीपुर पतौना गांव की प्रेमलता देवी के मुताबिक जिला अस्पताल में तैनात स्टाफ नर्स शोभा सिंह ने महिला को अधिक रक्तस्राव होने के कारण इलाज में असमर्थता जताते हुए प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी। जिसके बाद उसे मंझनपुर के तेजमती हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया । जब आशा बहु से यह सवाल किया गया कि महिला को इलाहाबाद रेफर किया गया था तो उसने बताया कि उसे यह नहीं मालूम पर अस्पताल में तैनात नर्स ने उसे तेजमती हॉस्पिटल भेजा है।

बाइट -- प्रेमलता देवी आशाबहु हाजीपुर पतौना गांव


वही इस पूरे मामले की जानकारी सीएमओ पीएन चतुर्वेदी से जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने अवकाश का हवाला देते हुए किसी प्रकार से बात करने को मना कर दिया।
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