कौशांबी: जनपद के जिला जेल में शनिवार को निरुद्ध बंदी की संदिग्ध हालत में मौत हो गई, जिसके चलते प्रशासन में हड़कंप मच गया. वहीं, इस मामले में तहसीलदार सहित जेल प्रशासन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि मुझसे सवाल करने का कोई भी अधिकार नहीं है.
जानकारी के मुताबिक, करारी थाना क्षेत्र (Karari police station area के एक गांव के रहने वाले पिंटू को ढाई महीने पहले दुष्कर्म के मामले में जेल भेजा गया था. शनिवार की रात करीब आठ बजे बंदी पिंटू कैटीन के समीप पेड़ से लटकता हुआ मिला, जिसकी जानकारी जेल सुरक्षा में तैनात बंदी रक्षकों ने अफसरों को दी. इसके बाद पेड़ से पिंटू की लाश आनन-फानन में उतार उसे जेल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया. जेल के अंदर बंदी का शव पेड़ से लटकते मिलने पर जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया. यही कारण है कि जिला जेल का कोई भी अधिकारी बंदी की मौत का कारण मीडिया को नहीं बता रहा है.
वहीं, जिला जेल के डॉक्टर नरेश ने बताया कि जब वह जेल के अस्पताल में थे तभी उन्हें सूचना मिली कि एक बंदी ने पेड़ से फांसी लगा ली है. वह तुरंत मौके पर पहुंचे. लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी. जेल में बंदी की मौत की सूचना मिलते ही मंझनपुर तहसील के तहसीलदार भूपेंद्र सिंह बतौर मजिस्ट्रेट जांच करने के लिए जिला अस्पताल पहुंचे. इस दौरान जब मीडिया ने बंदी की मौत का कारण पूछा तो वह मीडिया पर ही बरस पड़े. उन्होंने कहा कि मीडिया को कोई भी अधिकार नहीं है कि वह उनसे सवाल करें.
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