कौशाम्बी: जिला न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश ने बेटे की हत्या की आरोपी सौतेली मां को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दोषी महिला पर 15 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है.
अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना पिपरी थाना क्षेत्र के गिरिया खालसा गांव की है. गिरिया खालसा गांव के रहने वाले सूरजदीन ने 5 फरवरी 2020 को पिपरी पुलिस को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि 4 फरवरी को उसका छोटा बेटा चंदन और उसकी पत्नी मिन्ता देवी व उसके तीन बच्चे एक कमरे में सो रहे थे. 5 फरवरी की सुबह नाती अरुण कुमार मृत अवस्था में कमरे के अंदर पाया गया. सूरज दीन ने शिकायती पत्र में बताया था कि कमरे में शव पड़ा हुआ है और वह सूचना देने आया हुआ है. पुलिस ने सूरजदीन के शिकायत पर शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई.
इसके बाद पुलिस जांच में पता चला कि अरुण आरोपी मिंता देवी का सौतेला बेटा है. पुलिस ने मिन्ता देवी से गहनता से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल करते हुए हत्या किए जाने की बात कबूली. पुलिस ने आरोपी महिला मिन्ता देवी के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल किया.
मामला अपर सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार की अदालत में पेश हुआ. अपर शासकीय अधिवक्ता अनिरुद्ध मिश्रा ने कुल 7 गवाहों का बयान न्यायालय के समक्ष करवाया. गुरुवार को को अपर सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार ने मिन्ता देवी को सौतेले बेटे की हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही न्यायालय ने आरोपी महिला पर 15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.