कौशांबीः जिले के चायल तहसील की चकबंदी लेखपाल किरन रुपौलिया की हत्या की गुत्थी सुलझती दिख रही है. पिपरी पुलिस ने तिल्हापुर गांव के एक बालू कारोबारी को उसकी पत्नी और भाई संग हिरासत में लिया है. पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है. सूत्रों के अनुसार, लेखपाल किरण शनिवार को तहसील से जिस लाल रंग की कार में सवार होकर गई थी. वह तिल्हापुर गांव के बालू कारोबारी शुभम मिश्रा की थी. पुलिस की अब तक की जांच में शुभम और लेखपाल के परिवार से गहरे संबंध सामने आये है.
सीओ चायल श्यामकांत ने बताया कि महिला लेखपाल की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस टीम लगी हुई है. बेटे की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पिपरी पुलिस छानबीन कर रही है. जल्द ही कातिलों को पकड़ कर जेल भेजा जाएगा. इंस्पेक्टर पिपरी श्रवण सिंह ने बताया कि वैज्ञानिक साक्ष्य और बयान के आधार पर हत्या कांड का खुलासा करने के प्रयास किया जा रहा है. पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि जिस लाल रंग की कार से मृतक के अगवा करने का आरोप था. वह लाल रंग की कार सराय अकिल थाना के तिल्हापुर गांव निवासी शुभम मिश्रा की थी. पुलिस ने शुभम मिश्रा उसके पत्नी और भाई सहित झलवा निवासी ऑटो चालक जितेंद्र को भी हिरासत में लिया है.
मृतक चकबंदी लेखपाल किरन रुपौलिया की बड़ी बेटी स्निग्धा द्विवेदी (22) की भी हत्या हो चुकी है. बेटे शौर्य जीत ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि परिजनों की गैर मौजूदगी में उसकी बड़ी बहन का शव घर में फंदे से लटकता हुआ मिला था. मामले में पुलिस को बहन के हत्या किए जाने की सूचना पुलिस को दी गई थी. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. गौरतलब है कि अब मृतका के घर में छोटी बेटी दीपांक्षी द्विवेदी और बेटा शौर्य जीत ही हैं. बेटा पढ़ाई के सिलसिले में गोरखपुर में रहता है. छोटी बेटी भी बीमार होने के कारण पढ़ाई छोड़कर घर में ही रहती है. घटना के बाद से छपरा बिहार में रहने वाले मृतक महिला लेखपाल के भाई और भाभी भी राजरूपपुर स्थिति आवास पहुंच गए हैं.
ये था मामलाः छपरा बिहार की रहने वाली किरन रुपौलिया की शादी चित्रकूट जनपद के राजापुर रुपौलिया गांव के चकबंदी लेखपाल कृष्ण कुमार रुपौलिया से हुई थी. शादी के कुछ सालों बाद किरन के पति की हादसे में मौत हो गई. मृतक आश्रित में किरण को पति के स्थान पर चायल तहसील के चकबंदी दफ्तर में बतौर लेखपाल तैनाती मिल गई. पति की मौत के बाद मृतक किरन रुपौलिया अपनी दो बेटी स्निग्धा द्विवेदी, दीपांक्षी द्विवेदी और बेटे शौर्यजीत के साथ प्रयागराज के राजरूपपुर इलाके में रहने लगी.
यही पर उनके संबंध रिटायर्ड सैनिक समीर सिंह और तिल्हापुर निवासी उनके ड्राइवर शुभम मिश्रा से हुई थी. शुभम मिश्रा बेरोजगार था. किरन ने उसके लिए एक ट्रैक्टर खरीद कर दिया था. शुभम का मृतक के परिवार से अधिक लगाव हो गया था. शनिवार को किरन घर जाने को निकली थी. दोपहर करीब तीन बजे के बाद वह लाल रंग की किसी कार में सवार होकर निकल गई. लेकिन देर रात तक वह घर नहीं पहुंची. गोरखपुर में रहने वाले बेटे शौर्यजीत ने दफ्तर के कर्मचारियों और पिपरी पुलिस को सूचना देकर गुमशुदगी दर्ज कराई. रविवार की सुबह चित्रकूट के राजापुर इलाके के छीबो गांव के पास तालाब किनारे एक अज्ञात महिला की लाश मिली. सूचना पर मृतका में बेटे शौर्यजीत ने शव की शिनाख्त अपनी मां किरन के रूप में किया. मामले में बेटे की तहरीर पर पिपरी पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू किया.
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