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पड़ोसी के ट्वीट के बाद गरीबी के शिकार परिवार को मिला अनाज

उत्तर प्रदेश के कौशांबी में एक परिवार जो गरीबी का शिकार हो रहा था. पड़ोसी के ट्वीट करने पर प्रशासनिक अमला जागा. प्रशासन ने बलराम पाण्डेय के परिवार को उचित मात्रा में अन्न उपलब्ध करा दिए हैं. बलराम पाण्डेय का अस्पताल में इलाज भी चल रहा है.

कौशांबी का पाण्डेय परिवार की कहानी.
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Published : Nov 3, 2019, 12:03 AM IST

कौशांबी: पड़ोसी के ट्वीट के बाद जागे प्रशासन ने भुखमरी के शिकार कौशांबी के पाण्डेय परिवार के घर अनाज की बोरियां भेज दीं. हफ्ते भर बाद परिवार ने खाना खाया है. भूख के बाद अन्न मिलने की खुशी क्या होती है, वह थाली में अन्न आने के बाद बलराम के बच्चों के चेहरे से पता चल रहा है. भूख से बीमार पड़े मुखिया को पहले ही प्रशासन ने अस्पताल पहुंचा दिया था. अब उम्मीद की जा रही है कि परिवार के हालात में भी सुधार आएगा.

पड़ोसी के ट्वीट के बाद जागा प्रशासन.

परिवार पर टूट पड़ा दुखों का पहाड़
बलराम की बीमारी की वजह से गरीब परिवार की हालत पहले ही बहुत खराब हो गई थी. इलाज कराने में परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया. घर में कमाने वाला कोई नहीं बचा तो 5 बच्चों और पत्नी के साथ बलराम फांके करने लगे. पड़ोसी को दया आई तो ट्वीट कर दिया. पड़ोसी के ट्वीट के बाद परिवार पर प्रशासन मेहरबान है. हालांकि इस घटना पर कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहींं है.

इसे भी पढ़ें - रोटी के लिए तरसा पूरा परिवार, मरने लगे तो जागी सरकार...

ट्विटर पर पड़ोसी ने किया था ट्वीट
बताते चलें यूपी के कौशाम्बी में बलराम की बीमारी और परिवार की भुखमरी की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो प्रशासन में हड़कंप मच गया. प्रशासन अब अपनी साख बचने के लिए पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे आया है. प्रशासन ने बीमार बलराम को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया और उन्हें खाने की सामग्री के अलावा अन्य वस्तुएं उपलब्ध कराई. साथ ही 6 दिन से भूख से बेहाल परिजनों को राशन के अलावा अन्य जरूरत की सामग्री उपलब्ध कराई.

कौशांबी: पड़ोसी के ट्वीट के बाद जागे प्रशासन ने भुखमरी के शिकार कौशांबी के पाण्डेय परिवार के घर अनाज की बोरियां भेज दीं. हफ्ते भर बाद परिवार ने खाना खाया है. भूख के बाद अन्न मिलने की खुशी क्या होती है, वह थाली में अन्न आने के बाद बलराम के बच्चों के चेहरे से पता चल रहा है. भूख से बीमार पड़े मुखिया को पहले ही प्रशासन ने अस्पताल पहुंचा दिया था. अब उम्मीद की जा रही है कि परिवार के हालात में भी सुधार आएगा.

पड़ोसी के ट्वीट के बाद जागा प्रशासन.

परिवार पर टूट पड़ा दुखों का पहाड़
बलराम की बीमारी की वजह से गरीब परिवार की हालत पहले ही बहुत खराब हो गई थी. इलाज कराने में परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया. घर में कमाने वाला कोई नहीं बचा तो 5 बच्चों और पत्नी के साथ बलराम फांके करने लगे. पड़ोसी को दया आई तो ट्वीट कर दिया. पड़ोसी के ट्वीट के बाद परिवार पर प्रशासन मेहरबान है. हालांकि इस घटना पर कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहींं है.

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ट्विटर पर पड़ोसी ने किया था ट्वीट
बताते चलें यूपी के कौशाम्बी में बलराम की बीमारी और परिवार की भुखमरी की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो प्रशासन में हड़कंप मच गया. प्रशासन अब अपनी साख बचने के लिए पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे आया है. प्रशासन ने बीमार बलराम को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया और उन्हें खाने की सामग्री के अलावा अन्य वस्तुएं उपलब्ध कराई. साथ ही 6 दिन से भूख से बेहाल परिजनों को राशन के अलावा अन्य जरूरत की सामग्री उपलब्ध कराई.

Intro:खबर का वीडियो पहले भी भेजा जा चुका है विश्वनाथ सर के आदेश पर और विजुअल भेज रहा हु।

Anchor - यूपी के कौशाम्बी में जिला प्रशासन में उस समय हड़कंप मच गया जब एक व्यक्ति की अर्थिक तंगी को खबर सोशल मीडिया में वाइरल हो गई ।आर्थिक तंग के चलते मौत के मुहाने पर खड़े एक व्यक्ति की खबर जब शोसल मीडिया पर वाइरल हुई तो प्रसानिक अमले में हड़कंप मच गया। अपना दामन बचाने के लिए प्रशासनिक अमले ने टीबी से ग्रसित व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया। साथ ही 6 दिन से भूख से बेहाल परिजनों को राशन के अलावा अन्य जरूरत की सामग्री उपलब्ध कराई। इस मामले में जिलाधिकारी के मुताबिक व्यक्ति को हर सम्भव मदद दी जाएगी।



Body:Vo-01 - देश की केंद्र और प्रदेश की सरकार गरीबों की हर कदम पर मदद करने का भले दम भर रही हैं। पर, शायद उनका यह दावा सिर्फ कागजी कोरम तक ही पूरा है। मामला मंझनपुर तहसील के गोपसाहसा गांव का है। जहाँ गांव के ही रहने वाले बलराम पांडेय अपने बीवी और पांच बच्चों के साथ एक झोपड़ीनुमा मकान में रहते हैं। मकान ऐसा कि कभी भी तेज बारिश के चलते धराशाई हो सकता है। परिवार इतना बड़ा कि बूढ़े पिता की दिन भर की कमाई उनका पेट नहीं भर सकती। इतना सबकुछ तो ठीक था, लेकिन कुछ महीने पहले ही अचानक बलराम की तबीयत खराब हुई। जांच कराने पर पता चला कि उन्हें टीबी है। पिता की तबियत बिगड़ के बाद परिवार के पास पेट भरने के लिए पैसे थे, ऐसे में उनके सामने इलाज कराने का टेंशन आ गया। इलाज में पैसे खर्च होने के बाद भी जेब बलराम को कोई आराम नही लगा तो परिजनों ने पैसे के अभाव उसे घर लेकर आ गए। पिता की खराब हालत के चलते बच्चे भी भूखे पेट रहने को मजबूर थे। ऐसा भी नहीं कि उनके परिवार में कोई नहीं है। लेकिन किसी ने उनकी मदद करनी की जहमत नहीं उठाई। उन्होंने परिवार के लोगों से मदद की गुहार भी लगाई। बावजूद इसके किसी ने न तो आर्थिक मदद की और न ही अनाज आदि की व्यवस्था। बीमारी और भूख से बेहाल बलराम चारपाई पर पड़ा सिर्फ कराह ही रहा था। बलराम की बीमारी और परिवार की भुखमरी की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो प्रशासन में हड़कंप मच गया। प्रशासन अब अपनी साख बचने के लिए पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे आ गया। बीमार बलराम को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। और उन्हें खाने की सामग्री के अलावा अन्य वस्तुएं उपलब्ध कराई।Conclusion:
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