ETV Bharat / state

कौशाम्बी: कोर्ट ने तत्कालीन एसपी और इंस्पेक्टर को किया तलब, दुष्कर्म की FIR नहीं की थी दर्ज - एसपी प्रदीप कुमार गुप्ता

यूपी के कौशाम्बी जिले में दुष्कर्म मामले में रिपोर्ट दर्ज न करने पर कोर्ट ने तत्कालीन एसपी और इंस्पेक्टर को तलब किया है. अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तारीख तय की है.

ETV BHARAT
कौशाम्बी में दुष्कर्म मामले में रिपोर्ट दर्ज न करने पर तत्कालीन एसपी और इंस्पेक्टर कोर्ट में तलब.
author img

By

Published : Feb 7, 2020, 5:43 PM IST

कौशाम्बी: जिले की जनपद न्यायालय ने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन एसपी प्रदीप कुमार गुप्ता और इंस्पेक्टर को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है. इन अफसरों ने तहरीर के बावजूद अनुसूचित जाति की महिला से दुष्कर्म के मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं किया था, जिस पर महिला ने न्यायालय से मुकदमा दर्ज कराने के लिए एक वाद दाखिल किया था.

जानकारी देते पीड़िता के वकील.


इस पूरे मामले में मौजूदा एसपी के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया. मुकदमा दर्ज होने के बाद न्यायालय ने तत्कालीन एसपी और इंस्पेक्टर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.

तत्कालीन एसपी ने नहीं दर्ज कराई एफआईआर
मंझनपुर कोतवाली की रहने वाली अनुसूचित जाति की एक महिला के साथ जुलाई 2019 में दुष्कर्म हुआ था. पीड़िता ने मामले में एक नामजद व चार अज्ञात के खिलाफ तहरीर मंझनपुर कोतवाली में दिया था. कार्रवाई नहीं करने पर शिकायत तत्कालीन एसपी प्रदीप गुप्ता से की थी, जिसके बाद भी एफआईआर नहीं दर्ज की गई. इसके बाद पीड़िता ने 156(3) के तहत रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए अपर जिला जज एससी/एसटी रमेश कुमार यादव की अदालत में अर्जी दाखिल किया.

इसी बीच एसपी प्रदीप गुप्ता का दिसंबर 2019 और जनवरी 2020 में इंस्पेक्टर मंझनपुर उदयवीर सिंह का तबादला हो गया. मौजूदा एसपी अभिनंदन के आदेश पर कोतवाल मंझनपुर रविंद्र त्रिपाठी ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज कर सूचना अदालत को दिया.

पीड़िता के अधिवक्ता ने कोर्ट में दी जानकारी
इस पर पीड़िता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि एफआईआर दर्ज हो गई है, जिस पर अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि तत्कालीन एसपी और इंस्पेक्टर ने अपने कर्तव्यों का पालन में लापरवाही किया है. नतीजतन पीड़िता को समय पर इंसाफ नहीं दिलाया जा सका. साथ ही कोर्ट का वक्त बर्बाद हुआ.

कोर्ट ने जारी की नोटिस
इसे लेकर अदालत ने तत्कालीन एसपी और इंस्पेक्टर को नोटिस जारी कर 15 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है. साथ ही यह आदेश दिया कि इस नोटिस की एक कॉपी जिले के आला अफसर समेत प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी व शासन को भेजी जाए.

पीड़िता के अधिवक्ता अर्जुन सिंह के मुताबिक अनुसूचित जाति की महिला के साथ गैंगरेप के मामले में तत्कालीन एसपी इंस्पेक्टर ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था. पीड़िता ने जब न्यायालय में वाद दाखिल किया तो मौजूदा एसपी इंस्पेक्टर ने मुकदमा दर्ज कर लिया है, जिसके बाद न्यायालय ने तत्कालीन एसपी प्रदीप कुमार गुप्ता और तत्कालीन इंस्पेक्टर मंझनपुर उदयवीर सिंह को कोर्ट में तलब किया है.

ये भी पढ़ें: कौशाम्बीः सौतेली मां ने की थी बच्चे की हत्या, पुलिस ने किया खुलासा

कौशाम्बी: जिले की जनपद न्यायालय ने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन एसपी प्रदीप कुमार गुप्ता और इंस्पेक्टर को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है. इन अफसरों ने तहरीर के बावजूद अनुसूचित जाति की महिला से दुष्कर्म के मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं किया था, जिस पर महिला ने न्यायालय से मुकदमा दर्ज कराने के लिए एक वाद दाखिल किया था.

जानकारी देते पीड़िता के वकील.


इस पूरे मामले में मौजूदा एसपी के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया. मुकदमा दर्ज होने के बाद न्यायालय ने तत्कालीन एसपी और इंस्पेक्टर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.

तत्कालीन एसपी ने नहीं दर्ज कराई एफआईआर
मंझनपुर कोतवाली की रहने वाली अनुसूचित जाति की एक महिला के साथ जुलाई 2019 में दुष्कर्म हुआ था. पीड़िता ने मामले में एक नामजद व चार अज्ञात के खिलाफ तहरीर मंझनपुर कोतवाली में दिया था. कार्रवाई नहीं करने पर शिकायत तत्कालीन एसपी प्रदीप गुप्ता से की थी, जिसके बाद भी एफआईआर नहीं दर्ज की गई. इसके बाद पीड़िता ने 156(3) के तहत रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए अपर जिला जज एससी/एसटी रमेश कुमार यादव की अदालत में अर्जी दाखिल किया.

इसी बीच एसपी प्रदीप गुप्ता का दिसंबर 2019 और जनवरी 2020 में इंस्पेक्टर मंझनपुर उदयवीर सिंह का तबादला हो गया. मौजूदा एसपी अभिनंदन के आदेश पर कोतवाल मंझनपुर रविंद्र त्रिपाठी ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज कर सूचना अदालत को दिया.

पीड़िता के अधिवक्ता ने कोर्ट में दी जानकारी
इस पर पीड़िता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि एफआईआर दर्ज हो गई है, जिस पर अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि तत्कालीन एसपी और इंस्पेक्टर ने अपने कर्तव्यों का पालन में लापरवाही किया है. नतीजतन पीड़िता को समय पर इंसाफ नहीं दिलाया जा सका. साथ ही कोर्ट का वक्त बर्बाद हुआ.

कोर्ट ने जारी की नोटिस
इसे लेकर अदालत ने तत्कालीन एसपी और इंस्पेक्टर को नोटिस जारी कर 15 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है. साथ ही यह आदेश दिया कि इस नोटिस की एक कॉपी जिले के आला अफसर समेत प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी व शासन को भेजी जाए.

पीड़िता के अधिवक्ता अर्जुन सिंह के मुताबिक अनुसूचित जाति की महिला के साथ गैंगरेप के मामले में तत्कालीन एसपी इंस्पेक्टर ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था. पीड़िता ने जब न्यायालय में वाद दाखिल किया तो मौजूदा एसपी इंस्पेक्टर ने मुकदमा दर्ज कर लिया है, जिसके बाद न्यायालय ने तत्कालीन एसपी प्रदीप कुमार गुप्ता और तत्कालीन इंस्पेक्टर मंझनपुर उदयवीर सिंह को कोर्ट में तलब किया है.

ये भी पढ़ें: कौशाम्बीः सौतेली मां ने की थी बच्चे की हत्या, पुलिस ने किया खुलासा

Intro:कौशाम्बी जिले की जनपद न्यायालय ने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन एसपी प्रदीप कुमार गुप्ता एवं इंस्पेक्टर को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। इन अफसरों ने तहरीर के बावजूद अनुसूचित जाति की महिला से दुष्कर्म के मामले में रिपोर्ट नहीं दर्ज किया था। जिस पर महिला ने न्यायालय से मुकदमा दर्ज कराने के लिए एक वाद दाखिल किया था। जिसके बाद इस पूरे मामले में मौजूदा एसपी के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। मुकदमा दर्ज होने के बाद न्यायालय ने तत्कालीन एसपी और इस्पेक्टर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।


Body:मंझनपुर कोतवाली की रहने वाली अनुसूचित जाति की एक महिला के साथ जुलाई 2019 में दुष्कर्म हुआ था। पीड़िता ने मामले में एक नामजद व चार अज्ञात के खिलाफ तहरीर मंझनपुर कोतवाली में दिया था। कार्रवाई नहीं करने पर शिकायत तत्कालीन एसपी प्रदीप गुप्ता से किया था। जिसके बाद भी एफ आई आर नहीं दर्ज किया तो पीड़िता ने 156(3) के तहत रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए अपर जिला जज एसटीएससी रमेश कुमार यादव की अदालत में अर्जी दाखिल किया। इसी बीच एसपी प्रदीप गुप्ता का दिसंबर 2019 में और फिर जनवरी 2020 में इस्पेक्टर मंझनपुर उदयवीर सिंह का तबादला हो गया। मौजूदा एसपी अभिनंदन के आदेश पर कोतवाल मंझनपुर रविंद्र त्रिपाठी ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए एफ आई आर दर्ज कर सूचना अदालत को दिया। इस पर पीड़िता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि एफ आई आर दर्ज हो गई है। जिसे पर अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि तत्कालीन एसपी और इस्पेक्टर ने अपने कर्तव्यों का पालन में लापरवाही किया है। नतीजतन पीड़िता को समय पर इंसाफ नहीं दिलाया जा सका। साथ ही कोर्ट का वक्त बर्बाद हुआ। इसे लेकर अदालत ने तत्कालीन एसपी और इस्पेक्टर को नोटिस जारी कर 15 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है। साथ ही यह आदेश दिया कि इस नोटिस की एक कॉपी जिले के आला अफसर समेत प्रमुख सचिव गृह डीजीपी व शासन को भेजी जाए।



Conclusion:पीड़िता के अधिवक्ता अर्जुन सिंह के मुताबिक अनुसूचित जाति की महिला के साथ गैंगरेप के मामले में तत्कालीन एसपी इस्पेक्टर ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था। पीड़िता ने जब न्यायालय में वाद दाखिल किया तो मौजूदा एसपी इस्पेक्टर ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। जिसके बाद न्यायालय ने तत्कालीन एसपी प्रदीप कुमार गुप्ता और तत्कालीन इस्पेक्टर मंझनपुर उदयवीर सिंह को कोर्ट में तलब किया है।

बाइट -- अर्जुन सिंह पीड़िता के अधिवक्ता
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.