कौशांबी: जिले की इंटेलिजेंस विंग और पुलिस टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर इंडियन ऑयल की कानपुर-बरौनी पाइपलाइन से तेल चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस के मुताबिक, इन लोगों का गिरोह कई राज्यों में फैला हुआ है. यह लोग तेल पाइपलाइन से तेल चोरी कर उसे बेच दिया करते थे. पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के सदस्यों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.
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ये आरोपी हुए गिरफ्तार
मामला कोखराज थाना क्षेत्र के जलालपुर बोरियों गांव का है. 15 जनवरी को इंडियन ऑयल की पाइप लाइन में लीकेज करके भारी तादाद में तेल चोरी किया गया था. इस मामले में कंपनी के व्यवस्था अधिकारी नितिन गुप्ता ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए कोखराज इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार राय और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) प्रभारी संजय गुप्ता की टीम को लगाया गया था. इसी बीच चरवा कोतवाली इलाके में पाइप लाइन में लीकेज करके फिर से तेल चोरी करने की कोशिश की गई.
मामले में सभी टीमों को सक्रिय कर बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए लगाया गया. सर्विलांस का भी सहारा लिया गया. बुधवार को पुलिस अधीक्षक अभिनंदन और एएसपी समर बहादुर ने पूरे मामले का खुलासा किया. एसपी ने बताया कि तेल चोरी के मामले में मंगलवार को पुलिस ने गिरोह के सरगना कानपुर देहात के अनिल यादव उर्फ रिंकल समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान औरया के ब्रह्म नगर निवासी अवधेश कुमार दुबे, दिबियापुर के भगवानदीन राजपूत, देवेंद्र सिंह रिंकू, अनिरुद्ध सिंह उर्फ संजू, बृज मोहन यादव उर्फ विट्टू और उत्तराखंड नैनीताल के भोपाल सिंह के रूप में हुई है.
तेल टैंकर और अन्य उपकरण हुए बरामद
पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने बताया कि पकड़े गए बदमाशों के पास से तेल चोरी करने में इस्तेमाल किए जाने वाला टैंकर, एक स्विफ्ट कार, एक बर्मा, एक हैंडल वाल्ब, लोहे की मोटी रॉड, नट-बोल्ट, क्लैंप, आठ मोबाइल फोन, पांच आधार कार्ड और चार एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं. बुधवार को पकड़े गए सभी लोगों का चालान कर दिया गया है.
ऐसे करते थे तेल चोरी
इंडियन ऑयल की पाइप लाइन से तेल चोरी करने वाले बदमाश काफी शातिर थे. पकड़े गए बदमाशों ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के लिए एक व्यवस्थित स्थान का चयन किया जाता था. इसके बाद ग्रुप के सभी सदस्य वारदात वाले स्थान पर एकत्र होते थे. हॉट स्पाट चिह्नित किया जाता था, जहां पर टैंकर आसानी से पहुंच सके और पास में ही बिजली का ट्रांसफार्मर लगा हो. घटनास्थल के पास पार्यप्त झाड़ी हो, जिससे गिरोह के सदस्यों को कोई देख नहीं सके. गिरोह के सदस्य घटनास्थल के चारों तरफ फैले रहकर लोगों पर नजर रखते थे. ग्रुप लीडर सहित ट्रेंड लोग वर्मा की मदद से पाइप लाइन में ड्रिल करके टैंकर में तेल निकालते थे. बाद में ड्रिल वाले स्थान को नट-बोल्ट से बंद करके वहां से भाग जाते थे.
कई राज्यों में फैला था गिरोह
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरोह के सदस्य उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में तेल चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया करते थे. गिरोह के सदस्यों ने कानपुर नगर में भी कई घटनाओं को अंजाम दिया है. कई जनपदों की पुलिस इस गिरोह की तलाश कर रही थी.
भारी तबाही वाली घटना को देते थे अंजाम
एसपी ने बताया कि गिरोह के सदस्य सरकारी उपक्रम को क्षति पहुंचाने के साथ ही आस-पास के इलाकों में बड़े विस्फोट का कारण बन सकते थे. गिरोह के सदस्यों ने अब तक कई लाख लीटर तेल चोरी करके राष्ट्र की संपत्ति और अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है. कोखराज इलाके में तेल चोरी की घटना से पाइप लाइन में रिसाव हुआ था. इसकी वजह से आमजन मानस में भय था. आसपास के किसान अपने खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहे थे. पुलिस के काफी समझाने के बाद ग्रामीण खेतों में काम करने के लिए राजी हो सके थे.
दिल्ली से संचालित होता था गिरोह
एसपी ने कहा कि तेल चोरी गिरोह का मुख्य केंद्र दिल्ली है. वहां गोपाल चंद्र नाम का व्यक्ति तेल चोरी का मास्टरमाइंड हैं. पकड़े गए बदमाशों ने बताया कि एक टैंकर तेल चोरी करने में उन्हें 10 से 15 हजार रुपये मिला करते थे. जबकि एसपी ने बताया कि एक टैंकर तेल की कीमत करीब 17 लाख होती है. चोरी का यह तेल कम से कम 10 से 12 लाख रुपये प्रति टैंकर बिकता होगा.