कौशांबी : जिला अदालत ने दहेज हत्या के मामले में पति को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दोषी पति पर 42 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने इस मामले में मृतका की सास, जेठ समेत चार अन्य लोगों को बरी कर दिया है.
ये है मामला
मामला पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के दानपुर गांव का है. यहां महेवाघाट थाना क्षेत्र के मवई गांव निवासी राजन सोनकर ने अपनी बहन रिंकी देवी की शादी 2014 में दानपुर के रहने वाले मनोज सोनकर से की थी. आरोप था कि शादी के बाद से मनोज सोनकर मोटरसाइकिल और 50 हजार रुपये की मांग करता था. राजन ने मांग पूरी करने में असमर्थता जताई, तो मनोज अपनी पत्नी रिंकी को पीटने लगा. 21 अक्टूबर 2015 को राजन अपनी बहन को बुलाने गया, तो ससुराल वालों ने रिंकी को भेजने से मना कर दिया. इसके बाद राजन वपास आ गया. अगले दिन 22 अक्टूबर 2015 को रिंकी की जलने से मौत की खबर आई. ससुराल वालों का कहना था कि छप्पर में आग लगने से रिंकी जल गई और उसकी मौत हो गई है.
पोस्टमार्टम में हुआ था हत्या का खुलासा
इस मामले में पुलिस ने राजन की तहरीर पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कर रिंकी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंट कर मारने और उसके बाद जलाए जाने की पुष्टि हुई थी. इसके बाद पुलिस ने रिंकी के पति राजन, जेठ राजेश और राकेश, जेठानी रेशमा और बेलपति, सास सुनी देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश कीर्ति कुणाल ने मामले में सुनवाई शुरू की थी. अपर शासकीय अधिवक्ता अनिरुद्ध कुमार मिश्रा ने गवाहों के परीक्षण करवाए. इसके बाद न्यायालय ने पति मनोज को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. उस पर 42 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने रिंकी के दोनों जेठ राजेश और राकेश, जेठानी रेशमा और बेलपति, सास सुनी देवी को दोष मुक्त कर दिया है.