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कौशांबी: नकस्ली हमले में शहीद जवान को पिता ने दी मुखाग्नि, आखें हुईं नम - यूपी पुलिस

यूपी के कौशांबी के सीआरपीएफ सिपाही कामता प्रसाद सरोज छत्तीसगढ़ में नक्सलियों और सीआरपीएफ के बीच हुए मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया. वहीं जब शहीद के पिता ने उनको मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं.

सीआरपीएफ सिपाही कामता प्रसाद का किया गया अंतिम संस्कार.
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Published : Nov 9, 2019, 4:41 PM IST

कौशांबी: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जनपद के पामेड़ थाना इलाके में जार पल्ली जंगल में गश्त के दौरान 7 नवंबर की सुबह नक्सलियों और सीआरपीएफ के जवानों के बीच मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ में सीआरपीएफ सिपाही कामता प्रसाद सरोज शहीद हो गए. शहीद कामता प्रसाद कौशांबी जनपद के महेवाघाट थाना क्षेत्र के अलवारा गांव के निवासी थे. जब यह सूचना शहीद कामता प्रसाद के घर पहुंचा तो वहां कोहराम मच गया.

शहीद का किया गया अंतिम संस्कार
शुक्रवार की आधी रात शहीद का पार्थिव शव गांव पहुंचा. शनिवार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया. जब शहीद के पिता रघुवा ने उनको मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं. शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए सीआरपीएफ के आईजी, डीआईजी भी अलवारा गांव पहुंचे.

सीआरपीएफ सिपाही कामता प्रसाद का किया गया अंतिम संस्कार.

गश्त के दौरान हुए नकस्ली हमले में हुए शहीद
जिले के महेवा घाट थाना क्षेत्र के अलवारा गांव निवासी कामता प्रसाद वर्ष 2011 में सीआरपीएफ 151वीं बटालियन में भर्ती हुए थे. इन दिनों उनकी बटालियन की तैनाती छत्तीसगढ़ प्रदेश के बीजापुर जनपद में है. 7 नवंबर की सुबह में कामता प्रसाद सरोज अपने टुकड़ी के साथ पामेड़ थाना इलाके के जार पल्ली जंगल में गश्त कर रहे थे. उसी समय नक्सलियों ने टीम पर हमला बोल दिया, जिसमें कामता प्रसाद सरोज शहीद हो गए. दो अन्य जवान भी घायल हुए हैं. कामता प्रसाद सरोज के शहीद होने की सूचना एसडीएम मंझनपुर राजेश चंद्रा ने उनके घर पर जाकर दिया तो वहां कोहराम मच गया.

इसे भी पढ़ें:- कौशाम्बी: छत्तीसगढ़ के नक्सली मुठभेड़ में CRPF का जवान शहीद, गांव में पसरा मातम

अंतिम संस्कार में विधायक समेत कई अधिकारी रहे मौजूद
शनिवार सुबह प्रयागराज सीआरपीएफ की टुकड़ी ने शहीद कामता प्रसाद को सलामी दी. शहीद कामता का पार्थिव शरीर लेकर गांव पहुंचे सहायक कमांडेंट विजय कुमार यादव ने उनके परिवार को सांत्वना दिया. सीआरपीएफ के आईजी डॉ. सुभाष चंद्रा, डीआईजी प्रयागराज सेंटर मनीष कुमार सच्चर ने भी परिजनों को ढांढस बंधाया. अंतिम संस्कार में मंझनपुर विधायक लाल बहादुर, एसडीएम मंझनपुर राजेश चंद्रा सहित तमाम जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे.

डीआईजी मनीष कुमार सच्चर ने कहा कि बहुत दुख है की अपना एक सच्चा सिपाही खो दिया. शहीद कामता प्रसाद की सहादत को कभी नहीं भुलाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि शहीद कामता प्रसाद के परिजनों को विभाग की ओर से मिलने वाली सभी सहायता दी जाएगी. इसके अलावा छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार द्वारा भी आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी.

कौशांबी: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जनपद के पामेड़ थाना इलाके में जार पल्ली जंगल में गश्त के दौरान 7 नवंबर की सुबह नक्सलियों और सीआरपीएफ के जवानों के बीच मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ में सीआरपीएफ सिपाही कामता प्रसाद सरोज शहीद हो गए. शहीद कामता प्रसाद कौशांबी जनपद के महेवाघाट थाना क्षेत्र के अलवारा गांव के निवासी थे. जब यह सूचना शहीद कामता प्रसाद के घर पहुंचा तो वहां कोहराम मच गया.

शहीद का किया गया अंतिम संस्कार
शुक्रवार की आधी रात शहीद का पार्थिव शव गांव पहुंचा. शनिवार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया. जब शहीद के पिता रघुवा ने उनको मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं. शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए सीआरपीएफ के आईजी, डीआईजी भी अलवारा गांव पहुंचे.

सीआरपीएफ सिपाही कामता प्रसाद का किया गया अंतिम संस्कार.

गश्त के दौरान हुए नकस्ली हमले में हुए शहीद
जिले के महेवा घाट थाना क्षेत्र के अलवारा गांव निवासी कामता प्रसाद वर्ष 2011 में सीआरपीएफ 151वीं बटालियन में भर्ती हुए थे. इन दिनों उनकी बटालियन की तैनाती छत्तीसगढ़ प्रदेश के बीजापुर जनपद में है. 7 नवंबर की सुबह में कामता प्रसाद सरोज अपने टुकड़ी के साथ पामेड़ थाना इलाके के जार पल्ली जंगल में गश्त कर रहे थे. उसी समय नक्सलियों ने टीम पर हमला बोल दिया, जिसमें कामता प्रसाद सरोज शहीद हो गए. दो अन्य जवान भी घायल हुए हैं. कामता प्रसाद सरोज के शहीद होने की सूचना एसडीएम मंझनपुर राजेश चंद्रा ने उनके घर पर जाकर दिया तो वहां कोहराम मच गया.

इसे भी पढ़ें:- कौशाम्बी: छत्तीसगढ़ के नक्सली मुठभेड़ में CRPF का जवान शहीद, गांव में पसरा मातम

अंतिम संस्कार में विधायक समेत कई अधिकारी रहे मौजूद
शनिवार सुबह प्रयागराज सीआरपीएफ की टुकड़ी ने शहीद कामता प्रसाद को सलामी दी. शहीद कामता का पार्थिव शरीर लेकर गांव पहुंचे सहायक कमांडेंट विजय कुमार यादव ने उनके परिवार को सांत्वना दिया. सीआरपीएफ के आईजी डॉ. सुभाष चंद्रा, डीआईजी प्रयागराज सेंटर मनीष कुमार सच्चर ने भी परिजनों को ढांढस बंधाया. अंतिम संस्कार में मंझनपुर विधायक लाल बहादुर, एसडीएम मंझनपुर राजेश चंद्रा सहित तमाम जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे.

डीआईजी मनीष कुमार सच्चर ने कहा कि बहुत दुख है की अपना एक सच्चा सिपाही खो दिया. शहीद कामता प्रसाद की सहादत को कभी नहीं भुलाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि शहीद कामता प्रसाद के परिजनों को विभाग की ओर से मिलने वाली सभी सहायता दी जाएगी. इसके अलावा छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार द्वारा भी आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी.

Intro:ये खबर रैप से भेजी गई है

Anchor-- छत्तीसगढ़ के बीजापुर जनपद के पामेड़ थाना इलाके में जार पल्ली जंगल में गश्त के दौरान सात नवंबर की भोर में नक्सलियों व सीआरपीएफ के जवानों के बीच मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में सीआरपीएफ सिपाही कामता प्रसाद सरोज शहीद हो गए। शहीद कामता प्रसाद कौशांबी जनपद के महेवाघाट थाना क्षेत्र के अलवारा गांव के निवासी थे। शहीद कामता प्रसाद के घर सूचना पहुंचा तो वहां कोहराम मच गया। शुक्रवार की आधी रात शहीद का पार्थिव शव गांव पहुंचा। शनिवार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। जब पिता ने शहीद को मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गई। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए सीआरपीएफ के आईजी, डीआईजी भी अलवारा गांव पहुंचे।

Body:कौशांबी जिले के महेवा घाट थाना क्षेत्र के अलवारा गांव निवासी कामता प्रसाद वर्ष 2011 में सीआरपीएफ 151वीं बटालियन में भर्ती हुए थे। इन दिनों उनकी बटालियन की तैनाती छत्तीसगढ़ प्रदेश के बीजापुर जनपद में है। सात नवंबर की भोर में कामता प्रसाद सरोज अपने टुकड़ी के साथ पामेड़ थाना इलाके के जार पल्ली जंगल में गश्त कर रहे थे। उसी समय नक्सलियों ने टीम पर हमला बोल दिया। जिसमें कामता प्रसाद सरोज शहीद हो गए। दो अन्य जवान भी घायल हुए हैं। कामता प्रसाद सरोज के शहीद होने की सूचना एसडीएम मंझनपुर राजेश चंद्रा ने उनके घर पर जाकर दिया तो वहां कोहराम मच गया। इकलौते बेटे के मौत की जानकारी पर बूढ़े मां बाप बेसुध हो गए। पत्नी दहाड़ मार कर रो पड़ी। शुक्रवार की आधी रात शहीद कामता प्रसाद पार्थिव शरीर घर पहुंचा। तो पूरा गांव में गमगीन माहौल था। शनिवार की सुबह प्रयागराज सीआरपीएफ की टुकड़ी ने शहीद कामता प्रसाद को सलामी दी।मातमी धुन के बीच कामता प्रसाद के पिता रघुवा ने चिता को मुखाग्नि दी वहां पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई। शहीद कामता का पार्थिव शरीर लेकर गांव पहुंचे सहायक कमांडेंट विजय कुमार यादव ने उनके परिवार को सांत्वना दिया। सीआरपीएफ के आईजी डॉ सुभाष चंद्रा, डीआईजी प्रयागराज सेंटर मनीष कुमार सच्चर ने भी परिजनों को ढांढस बंधाया। अंतिम संस्कार में मंझनपुर विधायक लाल बहादुर, एसडीएम मंझनपुर राजेश चंद्रा सहित तमाम जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।


Conclusion:डीआईजी मनीष कुमार सच्चर के मुताबिक उन्हें भी इसका बहुत दुःख है की उन्होंने अपना एक सच्चा सिपाही खो दिया है। शहीद कामता प्रसाद की सहादत को कभी नही भुलाया जा सकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि शहीद कामता प्रसाद के परिजनों को विभाग की ओर से मिलने वाली सभी सहायता दी जाएगी। इसके अलावा छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार द्वारा भी आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी।

बाइट-- मनीष कुमार सच्चर डीआईजी सीआरपीएफ प्रयागराज
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