कौशांबी: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जनपद के पामेड़ थाना इलाके में जार पल्ली जंगल में गश्त के दौरान 7 नवंबर की सुबह नक्सलियों और सीआरपीएफ के जवानों के बीच मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ में सीआरपीएफ सिपाही कामता प्रसाद सरोज शहीद हो गए. शहीद कामता प्रसाद कौशांबी जनपद के महेवाघाट थाना क्षेत्र के अलवारा गांव के निवासी थे. जब यह सूचना शहीद कामता प्रसाद के घर पहुंचा तो वहां कोहराम मच गया.
शहीद का किया गया अंतिम संस्कार
शुक्रवार की आधी रात शहीद का पार्थिव शव गांव पहुंचा. शनिवार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया. जब शहीद के पिता रघुवा ने उनको मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं. शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए सीआरपीएफ के आईजी, डीआईजी भी अलवारा गांव पहुंचे.
गश्त के दौरान हुए नकस्ली हमले में हुए शहीद
जिले के महेवा घाट थाना क्षेत्र के अलवारा गांव निवासी कामता प्रसाद वर्ष 2011 में सीआरपीएफ 151वीं बटालियन में भर्ती हुए थे. इन दिनों उनकी बटालियन की तैनाती छत्तीसगढ़ प्रदेश के बीजापुर जनपद में है. 7 नवंबर की सुबह में कामता प्रसाद सरोज अपने टुकड़ी के साथ पामेड़ थाना इलाके के जार पल्ली जंगल में गश्त कर रहे थे. उसी समय नक्सलियों ने टीम पर हमला बोल दिया, जिसमें कामता प्रसाद सरोज शहीद हो गए. दो अन्य जवान भी घायल हुए हैं. कामता प्रसाद सरोज के शहीद होने की सूचना एसडीएम मंझनपुर राजेश चंद्रा ने उनके घर पर जाकर दिया तो वहां कोहराम मच गया.
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अंतिम संस्कार में विधायक समेत कई अधिकारी रहे मौजूद
शनिवार सुबह प्रयागराज सीआरपीएफ की टुकड़ी ने शहीद कामता प्रसाद को सलामी दी. शहीद कामता का पार्थिव शरीर लेकर गांव पहुंचे सहायक कमांडेंट विजय कुमार यादव ने उनके परिवार को सांत्वना दिया. सीआरपीएफ के आईजी डॉ. सुभाष चंद्रा, डीआईजी प्रयागराज सेंटर मनीष कुमार सच्चर ने भी परिजनों को ढांढस बंधाया. अंतिम संस्कार में मंझनपुर विधायक लाल बहादुर, एसडीएम मंझनपुर राजेश चंद्रा सहित तमाम जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे.
डीआईजी मनीष कुमार सच्चर ने कहा कि बहुत दुख है की अपना एक सच्चा सिपाही खो दिया. शहीद कामता प्रसाद की सहादत को कभी नहीं भुलाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि शहीद कामता प्रसाद के परिजनों को विभाग की ओर से मिलने वाली सभी सहायता दी जाएगी. इसके अलावा छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार द्वारा भी आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी.