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विधायक के पैतृक गांव को आज भी विकास की आस

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में भाजपा विधायक लाल बहादुर के पैतृक गांव के लोगों को अभी विकास की दरकार है. जिम्मेदारों की घोर लापरवाही से गांवों में सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं भी अभी तक नहीं पहुंच सकी हैं. स्पेशल रिपोर्ट में जानें गांव की समस्याएं...

Bani Khas village in Kaushambi
बनी खास गांव, कौशांबी.
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Published : Jan 14, 2021, 9:59 PM IST

कौशांबीः प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत अभियान कौशांबी जिले के गांवों में दम तोड़ने लगा है. जिले के अधिकतर गांवों में अधूरे पड़े शौचालय, बजबजाती नालियां और कूड़े के ढेर स्वच्छ भारत अभियान का पोल खोल रहे हैं. गांवों में सड़क पानी और नाली जैसी मूलभूत सुविधाओं से लोग अभी वंचित हैं. इसी कड़ी में भाजपा विधायक लाल बहादुर के पैतृक गांव बनी खास भी विकास की राह देख रहा है.

कौशांबी के बनी खास गांव में नहीं हुए विकास कार्य.

गांव में नहीं आते सफाईकर्मी
जिले के मंझनपुर तहसील के बनीखास गांव के रहने वाले लाल बहादुर वर्तमान में भाजपा से मंझनपुर विधानसभा के विधायक हैं. गांव के विकास की आस में ग्रामीणों ने लाल बहादुर को भारी मतों से विजयी बनाया था. लेकिन इसे गांव का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि बनी खास से विधायक होने के बावजूद भी गांव विकास की बाट जोह रहा है. गांव में सफाई कर्मी के नहीं आने से नालियां चोक हो गई हैं. जिसकी वजह से दुर्गंध आती है और गंदा पानी सड़क पर भर जाता है.

गांव में शौचालय का निर्माण अधूरा
सड़कों पर गंदा पानी जमा होने से ग्रामीणों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं गांव के अधिकतर इलाकों में तो नालिया बनी ही नहीं है. वहीं इस गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए शौचालय भी अधूरे पड़े हुए हैं. यहां पर बनाए गए शौचालय में न सीट न गड्ढा है. शौचालय की प्लास्टर और छत भी नहीं है.

रास्ते में पानी भरने से आवागमन में दिक्कत
बनी खास के रहने वाले अमित कुमार ने बताया कि उनके वृद्ध पिता इस गंदे पानी में आते-जाते फिसल कर गिर जाते हैं. हमारे न रहने पर मोहल्ले के लोग सहयोग करते हैं. राहगीरों को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. बारे में कई बार विधायक से शिकायत भी की गई. लेकिन विधायक कहते हैं कि उन्हें इस गांव से वोट नहीं मिला इसलिए वह इसका विकास नहीं कर रहे हैं.

एक साल से अधूरा पड़ा है शौचालय
बनी खास की रहने वाली सुशीला द्विवेदी का कहना है कि कल्लू प्रधान द्वारा बनवाया गया शौचालय अधूरा पड़ा है. प्रधान सिर्फ आश्वासन देते हैं कि अगले महीने पूरा करवा देंगे, लेकिन पूरा साल बीत गया शौचालय का निर्माण पूरा नहीं हुा. उन्होंने कहा कि उनकी मां को पैरालाइज हो गया है, वह चल फिर नहीं सकती. जिससे उन्हें शौचालय जाने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यदि शौचालय बन गया होता तो उन्हें इन परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता.

विधायक को नहीं पता गांव की दुर्दशा
विधायक लाल बहादुर का कहना है कि उनके गांव में विकास कार्य और अधूरे पड़े शौचालय के बारे में जानकारी नहीं है. यदि कोई शिकायत करता है तो वह इस पर जांच कराकर सख्त से सख्त कार्रवाई कराएंगे. उन्होंने कहा कि वह इस बार बनी खास का विकास करा कर वहां से अधिक से अधिक वोट हासिल करेंगे.

बनी खास गांव में शौचालय निर्माण अधूरा छोड़े जाने की जानकारी मिलि है. इस माले की पूरी जांच कराएंगे. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करते हुए गांव का विकास कार्य कराया जाएगा.
गोपाल ओझा, जिला पंचायती राज अधिकारी

कौशांबीः प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत अभियान कौशांबी जिले के गांवों में दम तोड़ने लगा है. जिले के अधिकतर गांवों में अधूरे पड़े शौचालय, बजबजाती नालियां और कूड़े के ढेर स्वच्छ भारत अभियान का पोल खोल रहे हैं. गांवों में सड़क पानी और नाली जैसी मूलभूत सुविधाओं से लोग अभी वंचित हैं. इसी कड़ी में भाजपा विधायक लाल बहादुर के पैतृक गांव बनी खास भी विकास की राह देख रहा है.

कौशांबी के बनी खास गांव में नहीं हुए विकास कार्य.

गांव में नहीं आते सफाईकर्मी
जिले के मंझनपुर तहसील के बनीखास गांव के रहने वाले लाल बहादुर वर्तमान में भाजपा से मंझनपुर विधानसभा के विधायक हैं. गांव के विकास की आस में ग्रामीणों ने लाल बहादुर को भारी मतों से विजयी बनाया था. लेकिन इसे गांव का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि बनी खास से विधायक होने के बावजूद भी गांव विकास की बाट जोह रहा है. गांव में सफाई कर्मी के नहीं आने से नालियां चोक हो गई हैं. जिसकी वजह से दुर्गंध आती है और गंदा पानी सड़क पर भर जाता है.

गांव में शौचालय का निर्माण अधूरा
सड़कों पर गंदा पानी जमा होने से ग्रामीणों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं गांव के अधिकतर इलाकों में तो नालिया बनी ही नहीं है. वहीं इस गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए शौचालय भी अधूरे पड़े हुए हैं. यहां पर बनाए गए शौचालय में न सीट न गड्ढा है. शौचालय की प्लास्टर और छत भी नहीं है.

रास्ते में पानी भरने से आवागमन में दिक्कत
बनी खास के रहने वाले अमित कुमार ने बताया कि उनके वृद्ध पिता इस गंदे पानी में आते-जाते फिसल कर गिर जाते हैं. हमारे न रहने पर मोहल्ले के लोग सहयोग करते हैं. राहगीरों को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. बारे में कई बार विधायक से शिकायत भी की गई. लेकिन विधायक कहते हैं कि उन्हें इस गांव से वोट नहीं मिला इसलिए वह इसका विकास नहीं कर रहे हैं.

एक साल से अधूरा पड़ा है शौचालय
बनी खास की रहने वाली सुशीला द्विवेदी का कहना है कि कल्लू प्रधान द्वारा बनवाया गया शौचालय अधूरा पड़ा है. प्रधान सिर्फ आश्वासन देते हैं कि अगले महीने पूरा करवा देंगे, लेकिन पूरा साल बीत गया शौचालय का निर्माण पूरा नहीं हुा. उन्होंने कहा कि उनकी मां को पैरालाइज हो गया है, वह चल फिर नहीं सकती. जिससे उन्हें शौचालय जाने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यदि शौचालय बन गया होता तो उन्हें इन परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता.

विधायक को नहीं पता गांव की दुर्दशा
विधायक लाल बहादुर का कहना है कि उनके गांव में विकास कार्य और अधूरे पड़े शौचालय के बारे में जानकारी नहीं है. यदि कोई शिकायत करता है तो वह इस पर जांच कराकर सख्त से सख्त कार्रवाई कराएंगे. उन्होंने कहा कि वह इस बार बनी खास का विकास करा कर वहां से अधिक से अधिक वोट हासिल करेंगे.

बनी खास गांव में शौचालय निर्माण अधूरा छोड़े जाने की जानकारी मिलि है. इस माले की पूरी जांच कराएंगे. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करते हुए गांव का विकास कार्य कराया जाएगा.
गोपाल ओझा, जिला पंचायती राज अधिकारी

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